नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज (गुरूवार) कहा कि पनामा-पत्रावलियों में आये भारतीय नामों के मामलों की जांच के लिए जांच के लिये गठित विभिन्न एजेंसियों का समूह प्रत्येक खाते का विश्लेषण कर रहा है और जिनके पास अवैध खाते हैं, उनकी ‘रात की नींद गायब हो जाएगी।’ इन पत्रावलियों के आधार पर प्रकाशित रपटों में करीब 500 भारतीयों के नाम सामाने आये हैं जिन्होंने जिन्होंने पनामा में विभिन्न इकाइयों में कथित रूप से धन लगा रखा है। इनमें कई चर्चित हस्तियां तथा उद्योगपति शामिल हैं। पनामा को कर चोरों के लिये पनाहगाह माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘अब ये पनामा नाम सामने आये हैं। पिछले तीन दिनों में हमने एक समूह गठित किया। हम प्रत्येक खातों की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन वैध है और कौन अवैध।’ कड़ी चेतावनी देते हुए जेटली ने कहा, ‘जिनके वैध खाते हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन जिनके अवैध खाते हैं, उनकी रात की नींद गायब हो जाएगी।’ पनामा दस्तावेज में विदेशों में खाता रखे जाने की बात सामने आने के तुरंत बाद सरकार ने आरबीआई, आयकर विभाग, वित्तीय खुफिया इकाई तथा विदेशी कर एवं कर अनुसंधान के अधिकारियों का एक समूह गठित किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि खाते वैध हैं या अवैध।
जेटली ने कहा, ‘जिन लोगों ने अवैध रूप से खाते रखे हैं, हम उसका पता लगाने की कोशिश करेंगे आरै मुझे लगता है कि जल्दी ही सभी चीजें साफ हो जाएंगी।’ उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि भाजपा सरकार कालेधन के बारे में चुनाव पूर्व वादे को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘जो लोग मुझसे नाराज हैं, उसका एकमात्र कारण मेरा इस मामले में कड़ा रूख है।’ जेटली ने कहा कि लिशटेन्सटाइन सूची में खातों के खुलासे के बारे में कांग्रेस नीत सरकार ने कुछ नहीं किया, पर भाजपा सरकार ने मामले की जांच की, आकलन किया और सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कर एकत्रित किये जा रहे हैं और आपराधिक कार्यवाही जारी है।’ उन्होंने कहा कि एचएसबीसी खातों में 628 नामों में से 500-525 लोगों का पता लगाया गया और आकलन आदेश जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘करीब 150 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं।’ घरेलू कालाधन के बारे में जेटली ने कहा कि लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने 2.0 लाख रपये से अधिक के किसी भी व्यय के लिये पैन के जिक्र को अनिवार्य कर दिया है। इसके कारण कालाधन घट रहे हैं।