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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नीति को मंजूरी दे दी। इसे सृजनात्मकता, नवोन्मेष और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए और ट्रेडमार्क पहचान की रक्षा के लिए बनाया गया है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस पर फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, "भारत का बौद्धिक संपदा अधिकार कानून व्यापक और विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप है। नई बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को लागू करने में कानून में किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत नहीं होगी।" उन्होंने कहा कि नई नीति औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के आधार पर बनाई गई है जिसे सचिवों के एक समूह ने दोबारा जांचा-परखा है। वित्तमंत्री ने कहा कि यह नीति कई क्षेत्रों में 'अनिवार्यता' को प्रोत्साहित करेगी, जिनमें फार्मा, संगीत और साहित्य आदि शामिल हैं। आज के बाद इसकी निगरानी और देखरेख औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग द्वारा की जाएगी, न कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा। जैसा कई मामलों में हुआ था। उन्होंने कहा, "नई आईपीआर नीति के सात बुनियादी उद्देश्य हैं। इसमें पर्याप्त जागरूकता पैदा करना, प्रशासन, प्रवर्तन और आईपीआर कानूनों के तहत न्यायिक निर्णय शामिल हैं।"

लंदन: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, भारत के मौद्रिक नीति तैयार करना एक खेल जैसा आसान कार्य है। लेकिन दिक्कत तब आती है जब किसी मसले पर राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है। ऐसी स्थिति में हमें नीति तैयार करते समय थोड़ी चालाकी भी बरतनी पड़ती है। छात्रों को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, देश की वित्तीय नीति तैयार करते समय राजनीतिक व्यवधानों को पार करने के लिए आप बहुत तीखा रुख नहीं अपना सकते, इसके लिए जरूरी हो जाता है थोड़ी चालाकी भरा कदम उठाना। राजन ने कल शाम कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत जैसे तेजी से बढ़ते बाजार वाले देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा कार्य कितना कठिन है और समझदारी भरा भी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने मजाक भरे लहजे में कहा, वित्तीय नीति तैयार करना बहुत आसान है, लेकिन इस नीति को लागू करना बहुत कठिन होता है।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच तथा आईडीबीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी मामलों के संदर्भ में करीब 9,000 करोड़ रुपये मूल्य की स्वामित्व वाली संपत्ति तथा शेयर कुर्क करने पर विचार कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ईडी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत संपत्ति को कुर्क करने के लिये देश भर में माल्या की संपत्ति की पहचान तथा उसके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। उसने कहा कि ईडी माल्या के विभिन्न कंपनियों के शेयरों को कुर्क करने के अपने कदम के बारे में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को सूचित करेगा ताकि ‘थर्ड पार्टी’ अधिकार सृजित हो। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि कुर्क की जाने वाली संपत्ति के मूल्य का जो शुरूआती आकलन किया गया है, उसके तहत वह करीब 9000 करोड़ रपये है। यह माल्या के उपर बैंकों के बकाये के बराबर है। मामले की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों ने माल्या के बंगले, महंगी गाड़ियां, बैंक खाते तथा अन्य संपत्ति के मूल्य का आकलन पहले ही कर चुके हैं।

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) मामले में कांग्रेस से अपनी मांगों पर एक बार फिर पुनर्विचार करने की अपील की है। सरकार ने कांग्रेस से विशेषतौर से विवाद निपटान के लिये न्यायाधीश की अध्यक्षता में पैनल गठित करने की मांग पर गौर करने को कहा है। सरकार का कहना है कि इससे कर निर्धारण की शक्तियां एक तरह से न्यायपालिका के हाथ में चली जायेंगी जो कि पहले ही धीरे धीरे, एक-एक कदम विधायिका के अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ कर रही है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को राज्यसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुये मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से यह अपील की। इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि यदि उसकी तीन मांगों को मान लिया जाता है तो वह जीएसटी का पूरी तरह समर्थन करने को तैयार है। जेटली ने कहा, ‘भगवान के लिये, मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि भारतीय लोकतंत्र के हित में आप इस तरह की बात मत कीजिये (न्यायाधीश के नेतृत्व वाली समिति की)। भारत की न्यायपालिका जिस तरह से विधायिका और कार्यकारी अधिकारों के क्षेत्र में अतिक्रमण कर रही है उसे देखते हुए संभवत: राजकोषीय और बजट बनाना ही आखिरी शक्तियां रह गई हैं जो आपके पास बचीं हैं।

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