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तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के सदस्यों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर सभी सदस्य एकजुटता से काम करते हैं तो अमेरिका उनमें से किसी पर भी प्रतिबंध नहीं लगा पाएगा। तेहरान में ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस के साथ बैठक के दौरान पेजेशकियन ने कहा, "ओपेक के सदस्यों को इस तरह से काम करना चाहिए कि उससे किसी अन्य सदस्य को नुकसान न पहुंचे।" ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि अगर ओपेक के सदस्य एकजुट होकर और लगातार काम करते हैं, तो अमेरिका उनमें से किसी पर प्रतिबंध नहीं लगा पाएगा और न ही उन पर दबाव डाल पाएगा।"

राष्ट्रपति के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान, पेजेशकियन ने ओपेक सदस्यों की एक आम भाषा, दृष्टिकोण और नीति पर पहुंचने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संगठन को राजनीतिकरण से दूर रखने की भी बात कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल घैस ने संगठन में ईरान की 'रचनात्मक' भूमिका की प्रशंसा की।

अबुजा: नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी इलाके में स्थित एक इस्लामिक स्कूल में लगी आग में कम से कम 17 बच्चों की मौत हो गई। देश की आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसी ने यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि बुधवार को जम्फारा राज्य के कौरा नमोदा जिले में यह भीषण हादसा हुआ। जब आग लगी, तब स्कूल में करीब 100 बच्चे मौजूद थे। एजेंसी के मुताबिक सत्रह बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। आग किस वजह से लगी यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि एजेंसी का कहना है कि अधिकारियों ने गुरुवार को आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी।

नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने स्कूलों से बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाइजीरिया में स्कूलों में आग लगना आम बात नहीं है लेकिन पिछली घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया जो 'सुरक्षित स्कूल पहल' की सिफारिशों को लागू करने में नाकाम रही।

न्यूयॉर्क सिटी: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को चेतावनी दी कि अंतरराष्ट्रीय कानून की मूल भावना के प्रति 'सच्चा' बने रहना और गाजा में 'किसी भी तरह के जातीय सफाए से बचना' बहुत जरूरी है। उन्होंने गाजा में पूर्ण युद्ध विराम की भी अपील की। यूएन प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक में कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के अविभाज्य अधिकारों का मूल अर्थ उनके 'अपने देश' में इंसान के रूप में बसने से जुड़ा है। गुटेरस ने कहा, “हमने देखा है कि इन अधिकारों को साकार कर पाना हमारी पहुंच से दूर होता जा रहा है।" उन्होंने चेतावनी दी, "समाधान की तलाश में हमें समस्या को और बदतर नहीं बनाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून की मूल भावना के प्रति सच्चे बने रहना महत्वपूर्ण है। किसी भी तरह के जातीय सफाए से बचना जरूरी है।"

यूएन चीफ का यह भाषण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव के एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका युद्धग्रस्त इलाके में 'दीर्घकालिक स्वामित्व की स्थिति' हासिल करेगा। हालांकि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपने संबोधन के दौरान ट्रंप या उनके प्रस्ताव का जिक्र नहीं किया।

वाशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की शुरुआती कार्रवाइयों के खिलाफ बुधवार को अमेरिका के कई शहरों में लोग सड़कों पर एकत्र हुए और विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन की ओर से प्रवासियों के खिलाफ निर्वासन की कार्रवाई से लेकर ट्रांसजेंडर अधिकारों को वापस लेने और गाजा से फलस्तीनियों को जबरन स्थानांतरित करने के प्रस्ताव की निंदा की। फिलाडेल्फिया, कैलिफोर्निया, मिनेसोटा, मिशिगन, टेक्सास, विस्कॉन्सिन, इंडियाना और कई अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की निंदा करते हुए पोस्टर लहराए।

‘फासीवाद को अस्वीकार करें’ और ‘हमारे लोकतंत्र की रक्षा करें’

ओहायो के कोलंबस में स्टेटहाउस के बाहर विरोध-प्रदर्शन में शामिल मार्गरेट विल्मेथ ने कहा, ‘‘मैं पिछले दो सप्ताह में लोकतंत्र में हुए बदलावों से चकित हूं, लेकिन यह बहुत पहले शुरू हो गया था।’’ विल्मेथ ने कहा कि वह सिर्फ प्रतिरोध में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन सोशल मीडिया पर हैशटैग ‘बिल्डदरेजिस्टेंस’ और हैशटैग ‘50501’ के तहत चलाए गए एक ऑनलाइन आंदोलन का परिणाम था।

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