ताज़ा खबरें
कांग्रेस ने एस जयशंकर पर लगाया आरोप, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
दिल्ली मेंं 'आप' को लगा झटका, 15 पार्षदों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
अग्निवीर योजना लागू करके नौजवानों का भविष्य खतरे में डाला: अखिलेश

नई दिल्ली: केंद्र सरकार से बढ़ते टकराव के बीच कांग्रेस ने शनिवार को ऐलान किया कि वह छह मई को संसद का घेराव करेगी, ताकि उत्तराखंड के राजनीतिक संकट, सूखे के हालात और विपक्ष के खिलाफ चलाए जा रहे 'छल-कपट और जानबूझकर झूठ से भरे अभियान' से जनता को अवगत कराया जा सके। कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई नेता एवं कार्यकर्ता अगले शुक्रवार को जंतर-मंतर से मार्च शुरू कर संसद का घेराव करेंगे। पिछले साल, कांग्रेस ने जमीन अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए 19 अप्रैल को राम लीला मैदान में एक रैली आयोजित की थी। इस विधेयक को पार्टी ने 'किसान विरोधी और कॉरपोरेट हितैषी' करार दिया था। इससे पहले सोनिया ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति भवन तक विपक्षी नेताओं के मार्च की अगुवाई की थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह घोषणा करते हुए कहा कि 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च के अंत में संसद का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की ओर से चुनी गई सरकारों को 'गिराने' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कोशिशों, जैसा कि अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड की 'साजिशों' में देखा गया, के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।

नई दिल्ली: मोदी सरकार को दो साल पूरे होने वाले हैं और इस बीच शनिवार को एक ताजा सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब आधे प्रतिभागी (49 प्रतिशत) अपने जीवनस्तर में कोई बदलाव महसूस नहीं करते, वहीं अन्य 15 प्रतिशत को लगता है कि हालात दरअसल बदतर हो गये हैं। मीडिया अध्ययन केंद्र (सीएमएस) के सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में (43 प्रतिशत) लोगों का मानना है कि मोदी सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं से गरीब जनता को लाभ नहीं हो रहा। उसी समय मोदी सरकार के दो साल के कामकाज प्रदर्शन का आकलन करने पर पता चला कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के कामकाज को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है जिनकी संख्या 62 फीसदी है और करीब 70 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि वे पांच साल के पहले कार्यकाल के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहें। 15 राज्यों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में करीब 4000 प्रतिभागियों के बीच सर्वेक्षण कराया गया जिसमें यह बात सामने आई कि एक तिहाई से कम प्रतिभागियों को लगता है कि प्रधानमंत्री ने वादे पूरे किये हैं वहीं 48 फीसदी मानते हैं कि वादे आंशिक रूप से पूरे किये गये हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, ‘क्या लोगों का जीवनस्तर दो साल पहले की तुलना में आज बेहतर हुआ है तो करीब आधे (49 प्रतिशत) को लगता है कि कोई बदलाव नहीं हुआ है वहीं 15 प्रतिशत मानते हैं कि हालात या स्थितियां बदतर हो गयी हैं।’

नई दिल्ली: अगस्तावेस्टलैंड सौदे में सोनिया गांधी और पार्टी नेताओं के खिलाफ भाजपा प्रमुख अमित शाह के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने इसे ‘जानबूझकर फैलाया गया झूठ’ करार दिया और मांग की कि इस ‘राजनीतिक छलकपट’ के लिए वह माफी मांगें। कांग्रेस ने यह भी कहा कि शाह लोगों को ‘मूर्ख बनाने के लिए’ एक भ्रम फैला रहे हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह भी बताने की मांग की कि उनकी सरकार के पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के साथ क्या संबंध हैं जो कि हेलिकाप्टर करार मामले में एक आरोपी हैं। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शाह से कई सवाल किए जिन्होंने अगस्तावेस्टलैंड और उसकी मूल कंपनी फिनमैकेनिका को ‘बोगस कंपनी’ बताया है। उन्होंने भाजपा प्रमुख से यह जानना चाहा कि क्या वह मोदी सरकार से पूछेंगे कि वह उसी ‘बोगस कंपनी’ को पिछले दो सालों से क्यों बचा रही है क्योंकि सीबीआई और ईडी की जांच ‘किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।’ उन्होंने कहा, ‘क्या अमित शाह और भाजपा लोगों को जवाब देंगे कि क्यों उसी फर्जी कंपनी को प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा बनने की अनुमति दी गयी और क्यों उसे ‘एयरो इंडिया एग्जीबिशन’ में भाग लेने दिया गया।

ऑकलैंड: भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति के ‘एक्ट ईस्ट’ में समाहित होने के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को न्यूजीलैंड के साथ करीबी रिश्तों की हिमायत की और कहा कि भारत की सामरिक सोच और आर्थिक भागीदारी में क्षेत्र ने अधिक महत्व हासिल किया है। तीन दिन की राजकीय यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति ने प्रशांत क्षेत्र को भारत द्वारा दी जा रही महत्ता की बात करते हुए इसे दक्षिण पूर्व एशिया के हमारे निकटवर्ती पड़ोस का प्राकृतिक विस्तार करार दिया। स्थानीय दैनिक ‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ के साथ एक भेंट में राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारी लुक ईस्ट नीति के एक्ट ईस्ट नीति में समाहित होने के बीच इस क्षेत्र ने हमारी सामरिक सोच और आर्थिक भागीदारी में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। भारत का ज्यादातर विदेशी व्यापार हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के समुद्री रास्तों से होकर गुजरता है। यह रास्ते हमारी उर्जा का बड़ा भाग चाहे वह तेल हो, गैस अथवा कोयला, हम तक पहुंचाते हैं।' न्यूजीलैंड की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति मुखर्जी शनिवार को सुबह यहां पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। बाद में गवर्नर जनरल हाउस में उनका रस्मी स्वागत किया गया, जिसमें न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल सर जेरी मातेपारेइ के साथ धीरे से नाक रगड़ने (अपनत्व जताने की एक मुद्रा) की परंगरागत रस्म शामिल थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख