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अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम.ए (राजनीति विज्ञान) में 62.3 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। यह जानकारी गुजरात यूनिवर्सिटी के वीसी एम एन पटेल ने दी है। पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीआईसी से पीएम की शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी डिग्रियों को सार्वजनिक करने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में केंद्रीय सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलू पर आरोप लगाया था कि वह पीएम की शैक्षणिक योग्यता को छुपाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने लिखा था 'ऐसे आरोप लग रहे हैं कि पीएम मोदी के पास कोई डिग्री ही नहीं है। देश के लोग सच जानना चाहते हैं। इसके बावजूद आप डिग्री से संबंधित रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह गलत है।' इस चिट्ठी के बाद सूचना आयुक्त ने पीएमओ से पीएम के रोल नंबर आदि जैसे जानकारियां हासिल की थी। इससे पहले भी ऐसी ही एक जानकारी को खारिज करने वाले आयोग ने सीएम की इस चिट्ठी को आरटीआई आवेदन की तरह लिया और कहा कि 'मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर इस सूचना का खुलासा करना सही है।' इसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया - हम सूचना आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। अब सभी अटकलों को विराम मिल जाएगा।

नई दिल्ली: केंद्र ने ब्रिटेन से प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा वापस लाने को लेकर भारत के प्रयासों की जानकारी यह कहते हुए साझा करने से इनकार कर दिया है कि मामला अदालत में विचाराधीन है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पीटीआई की ओर से दायर एक आरटीआई के जवाब में कहा, ‘ब्रिटेन के लंदन से कोहिनूर वापस लाने के संबंध में भारत के उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। चूंकि मामला अब अदालत में विचाराधीन है इसलिए कोई सूचना मुहैया नहीं करायी जा सकती।’ विदेश मंत्रालय में एक अर्जी दायर करके कोहिनूर वापस लाने के लिए उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। अर्जी में साथ ही इस संबंध में ब्रिटेन को लिखे गए पत्र और मिले जवाबों की प्रतियां भी मांगी गई थी। अर्जी को संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया गया था। कोहिनूर हीरा वापस लाने का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से खबरों में है। उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका पर हो रही सुनवायी के दौरान सरकार ने 18 अप्रैल को कहा था कि 20 करोड़ डालर की अनुमानित कीमत वाले हीरे को न तो चुराया गया था और न ही जबर्दस्ती ले जाया गया था बल्कि उसे 167 वर्ष पहले पंजाब के तत्कालीन शासकों ने ईस्ट इंडिया कंपनी को उपहार में दिया था। यद्यपि अगले दिन उसने कहा कि उसे वापस लाने के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे।

पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में 4 मई को वह संसद के समक्ष विस्तृत ब्यौरे के साथ सभी तथ्यों को पेश करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं संसद के समक्ष बुधवार को हेलीकॉप्टर सौदे के बारे में विस्तृत ब्यौरा और तथ्यों को रखूंगा। मैं विस्तृत घटनाक्रम रखूंगा जिसमें बताउंगा कि किस तरह और कैसे कंपनी के मुताबिक नियमों और प्रावधानों में ढील दी गई।' उन्होंने कहा, 'जिन लोगों को रिश्वत मिली वे अपने ऊपर अभियोजन चलाने के लिए सबूत नहीं छोड़ेंगे लेकिन हमें इसे साबित करना है (कि रिश्वत ली गई)। हमें हर चीज साबित करनी है। चूंकि मामले को संसद के समक्ष रखा जाएगा इसलिए मैं मीडिया को विस्तार से जानकारी नहीं दूंगा।' पर्रिकर ने पूछा, 'कंपनी के खिलाफ 2014 तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? तत्कालीन यूपीए सरकार ने कंपनी को काली सूची में क्यों नहीं डाला? मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि यूपीए सरकार के आदेश को दिखाएं कि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को काली सूची में डाला गया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की वजह से बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं करने पर केंद्र सरकार से नाराजगी जताई और कहा कि ‘आप लोग केवल कॉफी की चुस्की ले रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे।’ प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘मंत्रालय में लोग क्या कर रहे हैं? वे कुछ अनुसंधान और समाधान क्यों नहीं निकाल सकते? आप यह शोध क्यों नहीं कर सकते कि शेष दुनिया में क्या हो रहा है? आप लोग केवल कॉफी की चुस्की ले रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे। अदालतों को इन सभी मामलों को देखने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति आर. भानुमति भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि मंत्रालय के लोग केवल इस बात का इंतजार कर रहे हैं कोई अदालत के समक्ष समाधान लेकर आए और फिर वे इस मुद्दे से निपटें। पीठ ने कहा, ‘आप क्यों इस बात का इंतजार करते हैं कि वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल और उनका दल शोध करे और समाधान निकाले। आप खुद यह क्यों नहीं कर सकते। यह जीवन की बात है और लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।’

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