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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली: सचिन पायलट गुट के दो बागी विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को कांग्रेस ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कल शाम और आज तक जो टेप सामने आए हैं उनसे साफ है कि भाजपा द्वारा कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराने और विधायकों की निष्ठा को खरीदने का षड्यंत्र किया गया है। ये साफ है कि चीन या कोरोना से लड़ने की बजाए भाजपा और मोदी सरकार सत्ता लूटने का काम कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा है कि सचिन पायलट आगे आकर विधायकों की सूची भाजपा को देने वाले तथाकथित इल्जाम के बारे में अपनी स्थिति सार्वजनिक तौर से स्पष्ट करें। वहीं कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए दोहराया कि राजस्थान की सरकार को गिराने के लिए एक चाल चली गई थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक फोन पर हुई बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट को दिखाते हुए कहा कि गहलोत सरकार को गिराने के लिए योजना बनाई गई थी।

जयपुर: सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों ने उच्च न्यायालय में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के एक नोटिस को चुनौती दी, जिसपर शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई होगी। स्पीकर ने यह नोटिस कांग्रेस द्वारा उन्हें विधानसभा से अयोग्य ठहराने के लिए की गई मांग पर दिया है। संभावना है कि दो न्यायाधीशों की खंडपीठ बागी खेमे द्वारा दाखिल संशोधित याचिका पर सुनवाई करेगी। इस याचिका पर आज अपराह्न करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर से सुनवाई हुई और संशोधित याचिका को खंडपीठ के पास भेज दिया गया।

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने अदालत को अर्जी देकर अनुरोध किया कि इस संबंध में कोई भी आदेश देने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। जोशी ने ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है।

जयपुर: राजस्थान के राजनैतिक संकट के बीच नागौर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को दावा किया कि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गहलोत सरकार को बचाने में लगी हैं। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर बीजेपी नेता वसुंधरा राजे पर निशाना साधा। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट किया, 'पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। राजे द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को इस बारे में फोन भी किए गए।' बेनीवाल ने #गहलोत_वसुंधरा_गठजोड नाम से हैशटैग का भी जिक्र किया।

बेनीवाल ने राजस्थान की पूर्व सीएम राजे पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, 'पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में उनके करीबी विधायको से दूरभाष पर बात करके उन्हें अशोक गहलोत का साथ देने की बात कही। सीकर व नागौर जिले के एक-एक जाट विधायको को राजे ने खुद इस मामले में बात करके सचिन पायलट से दूरी बनाने को कहा। इसका हमारे पास पुख्ता प्रमाण है।'

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट खेमे की याचिका पर सुनवाई टल गई है। पायलट कैंप की यह मांग है कि डबल बेंच मामले की सुनवाई करे। अब राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बेंच बनाएंगे। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस भेजे जाने का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंचा है। कोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे ने बहस शुरू की। उन्होंने कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिये अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है। अब आज शाम या कल फिर सुनवाई हो सकती है। सचिन पायलट व अन्य की ओर याचिका में संशोधन की बात की गई। फिलहाल सुनवाई टल गई है।

बता दें कि पायलट कैम्प के विधायकों ने कांग्रेस के इस कदम को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से बुधवार को नोटिस भेजा गया था। स्पीकर ने इन विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है। कांग्रेस का आरोप है कि ये विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे, जिसपर उनसे जवाब मांगा गया है। अगर वो इसपर जवाब नहीं देते हैं, तो उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।

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