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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

जयपुर: राजस्थान के सियासी संकट के बीच सचिन पायलट गुट की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी का पक्ष रखते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि कोर्ट का इस मामले में क्षेत्राधिकार नहीं बनता है। विधायकों की अयोग्यता को लेकर अभी कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता है। ये अधिकार स्पीकर के पास है। सिंघवी ने कहा कि जब तक स्पीकर फैसला नहीं कर लेते कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता है। दरअसल, स्पीकर ने पायलट समेत बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि उन्हें क्यों अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए। इस नोटिस के खिलाफ विधायकों ने हाईकोर्ट का रुख किया। 

सुनवाई के दौरान सिंघवी ने झारखंड के मामले का उदाहरण दिया। सिंघवी ने कहा कि यह केस ज्यूडिशियल रिव्यू के दायरे में नहीं आता है। स्पीकर के आदेश को लिमिटेड ग्राउंड पर ही चुनौती दी जा सकती है, लेकिन याचिका में वो ग्राउंड मौजूद नहीं है। विधायकों की याचिका अपरिपक्व है। सिंघवी ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जब तक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता पर स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तब तक कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है।

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के आरोप में बयान को दर्ज करने के लिए केंद्रीय मंत्री को नोटिस दिया गया है। एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौर ने कहा, "सीआरपीसी की धारा 160 के तहत, उनके निजी सचिव के माध्यम से मंत्री को नोटिस दिया गया है।" एसओजी ने शुक्रवार को कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा गुरुवार रात एक शिकायत दर्ज करने के बाद दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं। गुरुवार को लीक हुए तीन ऑडियो टेपों में राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बातचीत दर्ज है।

पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में शर्मा को कांग्रेस विधायक के रूप में पहचाना गया और केवल गजेंद्र सिंह और जैन के नामों का उल्लेख किया गया। कांग्रेस के बागी विधायकों में से एक का नाम गजेंद्र सिंह भी है। राठौड़ ने कहा कि उन पर देशद्रोह और 120 बी आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय मंत्री शेखावत और राजस्थान के विधायक शर्मा ने अलग-अलग बयानों में इस आरोप का खंडन किया था।

नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी घमासान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। मुख्यमंत्री अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र भी बुला सकते हैं। इन सबके बीच राजस्थान पुलिस की एक टीम हरियाणा के मानेसर स्थित उस रिसॉर्ट में पहुंची है, जहां सचिन पायलट का समर्थन करने वाले कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों के ठहरे होने की खबर है। हालांकि पुलिस को अंदर जाने नहीं दिया गया और 20 मिनट इंतजार के बाद जब गेट नहीं खुला तो वह वहां से लौट गई। बीते दो दिनों में यह दूसरी बार है, जब राजस्थान पुलिस उस रिसॉर्ट तक पहुंची है। शुक्रवार शाम को भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।

उधर, एसओजी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अशोक राठौड़ ने कहा, “विधायक भंवरलाल शर्मा से पूछताछ के लिए एक टीम को मानेसर भेजा गया है। शर्मा के जयपुर और चुरू स्थित उनके आवास पर भी नोटिस भिजवाया गया है।” उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को अस्थिर करने का पहला केस 10 जुलाई को दर्ज किया गया था और एक व्यक्ति जिनकी पहचान करनी सिंह के तौर पर हुई है उन्हे नोटिस भेजा जा चुका है। राठौड़ ने कहा, "जैन से कई महत्वपूर्ण चीजें निकलकर सामने आई है। हम उसकी जांच कर रहे हैं।"

जयपुर: राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार (18 जुलाई) को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान सीएम गहलोत ने राज्यपाल को प्रदेश में कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों की जानकारी दी।

वहीं, राजस्थान के ऑडियो टेप मामले में राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी एक प्राथमिकी दर्ज की है। बृहस्पतिवार (16 जुलाई) रात सामने आए ऑडियो टेप में कथित तौर पर राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की बात की जा रही है। एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी से मिली शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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