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भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक और एनकाउंटर मामले की जांच के लिए बने जस्टिस एसके पांडे न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया कि दीवारों की ऊंचाई कम होने की वजह से 8 सिमी आतंकी जेल की दीवार फांदने में कामयाब हो पाये थे आयोग ने सिमी आतंकवादियों के एनकाउंटर को सही माना है। लेकिन मौजूद रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि जेल से भागने ओर एनकाउंटर होने के दौरान आतंकवादियों के पास हथियार कहां से आये, जिससे पुलिस पर हमला किया गया। एक और बात ये चुप्पी सर्वदलीय थी क्योंकि सदन के बाहर एनकाउंटर को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस ने रिपोर्ट पेश होते वक्त चुप्पी साध ली।

31 अक्टूबर 2016 को भोपाल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकियों के एनकाउंटर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इन आतंकियों पर जेल के सुरक्षाकर्मी की भी हत्या का आरोप लगा था। सरकार ने 7 नवंबर को एक जस्टिस एस के पांडेय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाकर घोषणा की आयोग मामले की जांच कर सारी सच्चाई सामने लाएगा तकरीबन डेढ़ साल बाद आयोग की रिपोर्ट सामने आई।रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया जेल की दीवारों की ऊंचाई कम होने से 8 सिमी आतंकी जेल से भागने में कामयाब रहे। इसका जिम्मेदार आयोग ने दस अधिकारियों कर्मचारियों को मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।


इस रिपोर्ट में आयोग ने माना तात्कालिक परिस्थितियों में बल प्रयोग जरूरी था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों ने जेल से भागने के बाद पुलिस पार्टी पर फायरिंग की और धारदार हथियार से पुलिस पर हमले किये। बाद में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिससे आतंकी मारे गये। थी?

इन सवालों के जवाब में जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य कहते हैं ये जेल के बाहर की घटना है। अंदर हथियार मिलने का सवाल ही नहीं है। जेल मंत्री कह रहे हैं हथियार जेल के अंदर पहुंचने का सवाल ही नहीं है, तो फिर वो जेल के बाहर पहुंचाये गये होंगे यानी मामला गृहमंत्रालय का होगा सो जवाब मांगने हम गृहमंत्री के पास पहुंचे लेकिन सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट गृहमंत्रालय को मिली तक नहीं है।

गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा ये जो रिपोर्ट सौंपी गई है, वो जेल विभाग को दी गई है, गृह विभाग के पास नहीं है इसलिये मुझे जानकारी नहीं है। जब हमने बताया कि रिपोर्ट तो सदन के पटल पर रखी गयी तब उन्होंने कहा मेरी इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है सब लोग विधानसभा में व्यस्त थे जो गृह से संबंधित बिन्दू होंगे वो लिखकर आएंगे तो उसमें जो आवश्यक होगा करेंगे, अभी देखने का मौका नहीं मिला।

वैसे मंत्रीजी ये सवाल तो रिपोर्ट तैयार करने से पहले गृहविभाग और जेल से पूछे जाने चाहिये थे। पता नहीं आयोग ने क्यों नहीं पूछा. खैर, इस बीच जेलों की सुरक्षा ऑडिट भी कराया गया। लेकिन सुरक्षा के लिए तैयार प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हुआ। जिस आउटर वॉल पर चढ़कर 8 सिमी आतंकी फरार हुए थे। उस दीवार की ऊंचाई अब तक नहीं बढ़ाई गई है और न ही इलेक्ट्रिक फेंसिंग काम शुरू हो पाया है। मोबाइल फोन जैमर लगाने की बात हुई थी और सुरक्षा में सीआरपीएफ या फिर सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया जाना था, लेकिन ये सभी प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल सके।

जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा सिक्योरिटी के लिये 120 पद स्वीकृत किये व्यापम से सिलेक्शन होगा, 11 जेलों में बिजली से फेंसिंग होगी। लेकिन कब ये मंत्रीजी को नहीं पता है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार पूरे मामले में लिप्त है, नेता विपक्ष अजय सिंह ने कहा रिपोर्ट सही नहीं है, सरकार कैसे कहेगी हमने हथियार दिये, कपड़े दिये फिर गोली मार दी, सरकार पूरी तरह से लिप्त है। वैसे सदन के बाहर कैदियों के परिजनों के साथ मुठभेड़ को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस रिपोर्ट पेश होती वक्त सदन में मौन धारण कर बैठी रही। बहरहाल, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पंजाब की तरह मध्यप्रदेश में भी जेल को गृह विभाग के साथ जोड़ दिया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

 जांच आयोग की इस रिपोर्ट में नीचे दिए गए सवालों का कोई जिक्र नहीं है।

-जेल से भागे कैदी कैसे आचारपुरा गांव पहुचे।

- कैसे उनके पास वो हथियार आये जिससे पुलिस पर उन्होंने फायरिंग की।

- आतंकियों को नये कपड़े किसने और कब दिये।

- सिमी आतंकी बैरक से बाहर कैसे आए?

- टूथब्रश का इस्तेमाल कर बनाई चाबियों से आखिर ताले कैसे खुले और 22 फीट ऊंची मुख्य दीवार को कैसे फांदा गया?

- जेल में सिमी के खूंखार आतंकियों की बैरक की तलाशी होती थी या नहीं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

- सिमी आतंकियों को बैरक में काजू-किशमिश और बादाम कौन पहुंचाता था, इसकी जांच की जिम्मेदारी किसी की 

सतना: मध्य प्रदेश के सतना से एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर आई है। सतना के जंगलों में पुलिस और एसएएफ की टीम डकैतों का सफाया करने के इरादे से उतरी थी, लेकिन इस सर्च ऑपरेशन में एक जवान की प्यास के कारण मौत हो गई। कहा जा रहा है कि इस ऑपरेशन में गई टीम ने इस जवान को जंगल में छोड़ आई। पुलिस को तीन दिन बाद उस जवान का शव मिला। पुलिस और एसएएफ टीम ने डकैतों का पीछा करते जहां मृतक को छोड़ा था, उसका शव उससे ढाई किलोमीटर दूर ही बरामद हुआ। यही नहीं खुद जिले के एसपी ने स्वीकारा है कि स्पेशल आर्म्ड के इस जवान की मौत प्यास लगने से हुई, हालांकि सूबे के गृहमंत्री को फिलहाल इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है।

सतना के जंगलों में कुख्यात डकैत बबली कोल का पीछा करने स्पेशल आर्म्ड फोर्स के कॉन्स्टेबल सचिन शर्मा भी भटके। थरपहाड से सर्चिंग से लौटते समय सचिन शर्मा सहित तीन जवानों की गर्मी और प्यास से तबीयत बिगड़ गई। तीनों जवानों को एक पेड़ के नीचे छोड़कर बाकी टीम पानी लेने के लिए आगे आ गई। कई घंटों बाद जब टीम वापस लौटी तो जवान गायब थे।

इंदौर: आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि सरकार देश को दो अक्तूबर, 2019 तक खुले में शौच की प्रवृत्ति से पूरी तरह मुक्त कराने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को तय समय-सीमा से पहले हासिल किया जा सकता है। पुरी ने यहां स्वच्छ भारत सर्वेक्षण 2018 के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण का काम अक्तूबर 2018 तक पूरा हो जाएगा। हमें उम्मीद है कि शौचालयों के निर्माण के बाद लोगों के व्यवहार में बदलाव आएगा और खुले में शौच की प्रवृत्ति मार्च 2019 तक काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में स्वच्छता अभियान जन आंदोलन का रूप ले चुका है। लिहाजा खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य को तय समय-सीमा से पहले भी हासिल किया जा सकता है। पुरी ने स्वच्छ भारत सर्वेक्षण 2018 के 41 विजेता शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के दौरे पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार का नाम लिए बगैर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक परिवार के महिमा मंडन के लिए देश के महान सपूतों को भुला दिया गया। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ के मोहनपुरा में वृहद सिचाई परियोजना के लोकार्पण के बाद कहा, "बीते चार वर्षों में इस सरकार ने हर वर्ग के लिए काम किया, पहले की सरकारों को ऐसा करने से रोका नहीं गया था, लेकिन जिस दल की सरकार ने दशकों तक देश पर राज किया, उन्होंने देशवासियों के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं किया।"

पीएम मोदी ने बगैर किसी का नाम लिए कहा, "जो लोग देश में भ्रम और झूठ फैला रहे हैं, उन्हें जमीनी हकीकत का पता ही नहीं है, इस देश में सिर्फ एक परिवार को महिमामंडित करने का काम किया गया और महान सपूतों को भुला दिया गया।" पीएम मोदी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए उनके द्वारा भूमि सुधार के कार्यो का भी जिक्र किया।  

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना का किया लोकार्पण

मोहनपुरा वृहद सिचाई परियोजना के लोकार्पण समारोह में पहुंचे पीएम मोदी ने बांध का डिजिटल लेाकार्पण किया। 3,866 करोड़ रूपये की लागत से बनी इस परियोजना से 727 गांवों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। परियोजना का लोकार्पण करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बटन दबाकर परियोजना का लोकार्पण करना तो महज औपचारिकता है।

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