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कोलकाता (जनादेश ब्यूरो): महाकुंभ मेले में भगदड़ में मारे गए 30 श्रद्धालुओं में शामिल पश्चिम बंगाल की दो महिलाओं के परिजनों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रयागराज में बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के शव उन्हें सौंप दिए गए। परिजनों ने दावा किया कि केवल एक कागज का टुकड़ा दिया गया, जिसमें लिखा था कि शव उन्हें दे दिया गया है।

"पूरे कुप्रबंधन" के कारण यह तबाही हुई": बंगाल के ऊर्जा मंत्री

पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ मंत्री ने आरोप लगाया कि महाकुंभ मेले में "पूरा कुप्रबंधन" है। राज्य की दो बुजुर्ग महिलाओं की बुधवार को महाकुंभ में हुई भगदड़ में मौत हो गयी थी। ये दोनों कोलकाता के गोल्फ ग्रीन क्षेत्र की बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबोनी की उर्मिला भुनिया थीं।

घटना को याद करते हुए पोद्दार के बेटे सुरजीत ने कहा कि उन्हें अपनी मां को अस्पताल ले जाने का समय नहीं मिला। उन्होंने कहा, "बाद में हमें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मुझे एक वाहन और एक पुलिसकर्मी दिया गया। उन्होंने मुझे बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र यहां के स्थानीय पुलिस थाने को भेजा जाएगा।

मुर्शिदाबाद (जनादेश ब्यूरो): प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को उम्र कैद की सजा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि फैसले से मैं संतुष्ट नहीं हूं। ममता ने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई। ममता ने कहा कि मामला कोलकाता पुलिस से जबरन छीन लिया गया, अगर मामला उसके पास होता तो उसने मौत की सजा सुनिश्चित की होती।

ममता बोलीं- फांसी होती, अगर कोलकाता पुलिस करती जांच

मुर्शिदाबाद जिले में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने मामले में सीबीआई जांच पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा, "हम सभी ने (दोषी के लिए) मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला हमसे जबरन ले लिया गया। अगर यह (कोलकाता) पुलिस के पास ही रहा होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले।" मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस द्वारा जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई। मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं।"

कोलकाता: सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत ने सोमवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में एकमात्र दोषी सिविक वालंटियर संजय रॉय उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज ने कहा कि यह कोई दुर्लभतम मामला नहीं है।

50 हजार का जुर्माना भी लगा

इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा का एलान करते वक्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है। इसलिए इस मामले में वो अपराधी को उम्रकैद की सजा सुना रहे हैं।

कोर्ट ने शनिवार को ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया था। फैसले के समय संजय रॉय ने अदालत में दावा किया था कि उसे फंसाया गया है। हालांकि, न्यायाधीश अनिर्बन दास ने कहा कि उसे सजा सुनाए जाने से पहले सोमवार को बोलने का मौका दिया जाएगा। मृतक छात्रा के माता-पिता ने दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश का शुक्रिया अदा किया था।

दिनाजपुर: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में तीन दिन पहले हिरासत से भागते समय पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने वाला विचाराधीन कैदी शनिवार तड़के मुठभेड़ में मारा गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि जिले में ग्वालपोखर के किचकतला में मुठभेड़ के दौरान विचाराधीन कैदी सज्जाक आलम मारा गया। पुलिस की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार के इस बयान के बाद हुई है कि "अगर कोई पुलिस पर गोली चलाएगा तो हम चार गुना ताकत से जवाब देंगे।"

अवर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि ग्वालपोखर के किचकतला में विशिष्ट पुलिस दल के साथ मुठभेड़ में विचाराधीन कैदी सज्जाक आलम मारा गया। अधिकारी ने बताया, ‘‘किचकतला इलाके में उसके छिपे होने की सूचना मिलने पर हमने वहां छापा मारा। आरोपी ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसपर हमारी टीम ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आलम घायल हो गया। उसे एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।’’

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