ताज़ा खबरें
कांग्रेस ने एस जयशंकर पर लगाया आरोप, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
दिल्ली मेंं 'आप' को लगा झटका, 15 पार्षदों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
अग्निवीर योजना लागू करके नौजवानों का भविष्य खतरे में डाला: अखिलेश

ढाका: बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। शेख हसीना की सत्ता के तख्तापलट के बाद देश में अशांति का माहौल बना हुआ है। इस बीच बांग्लादेश ने अपनी करेंसी नोटों से पूर्व राष्ट्रपति और देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मुजीबुर्रहमान की प्रतिमाओं पर भी हमला

बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने जानकारी दी कि 20, 100, 500, और 1,000 टाका के नए नोटों की छपाई शुरू हो चुकी है। इन नोटों में जुलाई 2023 में हुए छात्र आंदोलन की झलक दिखाई जाएगी। यह वही आंदोलन था जिसने शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। देश में तैयार किए जा रहे नए नोट में धार्मिक संरचनाओं, बंगाली परंपराओं और आंदोलन के दौरान बनाए गए ग्रैफिटी को शामिल किया जाएगा। इस पर बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी निदेशक हुशनारा शिखा ने कहा कि नए नोट अगले छह महीनों में बाजार में आ जाएंगे। बता दें कि बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय ने सितंबर में नए नोटों के लिए विस्तृत डिज़ाइन प्रस्ताव पेश किया था।

ढाका: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचारों के बढ़ते मामलों के बीच एक विवादित घटना सामने आई है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने ढाका में भारत विरोधी प्रदर्शन करते हुए अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को जलाया। इस दौरान उन्होंने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया।

रिजवी ने यह विरोध त्रिपुरा में बांग्लादेश के उच्चायोग में कथित तोड़फोड़ और बांग्लादेशी झंडे के अपमान के खिलाफ किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सार्वजनिक रूप से भारतीय साड़ी जलाते हुए लोगों से भारतीय सामान न खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, हम उनका सामान खरीदकर उनका समर्थन नहीं करेंगे। हमारी माताएं-बहनें अब भारतीय साड़ी नहीं पहनेंगी।"

प्रदर्शन के दौरान रिजवी ने यह भी कहा कि बांग्लादेश भारतीय साबुन और टूथपेस्ट जैसी चीजों का उपयोग नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर मिर्च और पपीता जैसे उत्पाद खुद उगाएगा।

नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहली बार मोर्चा संभालते हुए, देश में अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न को लेकर देश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस पर तीखा हमला किया है। न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में वर्चुअल संबोधन में उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर 'नरसंहार' करने और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

'बहन शेख रेहाना की हत्या की थी साजिश'

शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह ही उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की योजना बनाई गई थी। बता दें कि, मुजीबुर रहमान की 1975 में हत्या कर दी गई थी। इस दौरान उन्होंने 5 अगस्त को ढाका में अपने आधिकारिक आवास पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा, हथियारबंद प्रदर्शनकारियों को गणभवन की ओर भेजा गया। अगर सुरक्षा गार्डों ने गोली चलाई होती, तो कई लोगों की जान जा सकती थी। यह 25-30 मिनट का मामला था, और मुझे वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैंने सुरक्षा गार्डों से कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, गोली न चलाएं।

सिओल: देश में मार्शल लॉ की घोषणा के छह घंटे के भीतर, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा कि वह इसे वापस ले लेंगे। राष्ट्रपति यून ने सुबह 4:30 बजे (स्थानीय समय) राष्ट्र के नाम विशेष संबोधन में कहा, "अभी एक क्षण पहले, नेशनल असेंबली से आपातकाल की स्थिति को हटाने की मांग की गई थी, और हमने मार्शल लॉ अभियानों के लिए तैनात सेना को वापस बुला लिया है। हम नेशनल असेंबली के अनुरोध को स्वीकार करेंगे और कैबिनेट की बैठक के माध्यम से मार्शल लॉ हटा लेंगे।"

दक्षिण कोरिया के सांसदों ने राष्ट्रपति के फैसले की निंदा करने के लिए नेशनल असेंबली के आधी रात के सत्र में मार्शल लॉ लगाने के खिलाफ सर्वसम्मति से मतदान किया था। राष्ट्रपति तब वोट का सम्मान करने के लिए सहमत हुए, जैसा कि सेना प्रमुख ने किया था। राष्ट्रपति द्वारा आदेश वापस लेने और राष्ट्र को संबोधित करने के कुछ ही समय बाद, दक्षिण कोरियाई कैबिनेट ने आधिकारिक तौर पर मार्शल लॉ उठाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए सुबह 5 बजे (स्थानीय समय) बैठक बुलाई, जो इतिहास में सबसे कम समय के मार्शल लॉ में से एक बन गया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख