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ओटावा: कनाडा की उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार (16 दिसंबर) को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि कनाडा के लिए सर्वोत्तम मार्ग के बारे में अब वह प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ एकमत नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के "अमेरिका फर्स्ट" आर्थिक राष्ट्रवाद से उत्पन्न खतरे को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बढ़ते तनाव के बीच उन्होंने ये इस्तीफा दिया है।

ट्रूडो नहीं चाहते थे कि फ्रीलैंड वित्त मंत्री रहें

फ्रीलैंड कनाडा की वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने संसद में आर्थिक अपडेट पेश करने से कुछ घंटे पहले ही पद छोड़ दिया। वे अगस्त 2020 से वित्त मंत्री के रूप में कार्यरत थीं। फ्रीलैंड ने ट्रूडो को लिखी चिट्ठी में कहा, "पिछले कुछ सप्ताहों से आप और मैं कनाडा के लिए सर्वोत्तम मार्ग को लेकर असमंजस में हैं।"

उन्होंने चिट्ठी में कहा, "शुक्रवार को आपने मुझसे कहा कि आप नहीं चाहते कि मैं अब आपके वित्त मंत्री के रूप में काम करूं और मुझे मंत्रिमंडल में एक अन्य पद की पेशकश की। विचार करने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची हूं कि मेरे लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदार और व्यवहार्य रास्ता है।"

नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच दोस्ताना संबंध देश की आज़ादी के बाद से हमेशा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रही है। पिछले एक दशक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अक्सर दोनों देशों के रिश्तों को पहले से बेहतर और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा होती रहती है। अब रूस एक बार फिर दोस्ताना संबंध की मिसाल प्रस्तुत करते हुए, भारतीयों को बड़ा तोहफा देने वाला है। साल 2025 में भारतीय रूस की वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकेंगे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के नए वीजा नियम लागू होने के बाद भारतीय बिना वीजा के रूस जा सकते हैं। इससे पहले जून में कई, रिपोर्ट सामने आई थीं कि रूस और भारत ने एक-दूसरे के लिए वीज़ा प्रतिबंधों को कम करने के लिए द्विपक्षीय समझौते पर चर्चा की है। बता दें कि भारतीय अगस्त 2023 से रूस की यात्रा करने के लिए ई-वीजा के लिए एलिजबल हैं। हालांकि ई वीजा जारी होने में लगभग चार दिन लगते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जारी किए गए ई-वीजा की संख्या के मामले में भी भारत ने शीर्ष पांच देशों में अपनी जगह बनाई। रूस ने भारतीय यात्रियों को 9,500 ई-वीजा दिए हैं।

इस्लामाबाद: चीन के एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने यहां राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और पाकिस्तान में एक मेडिकल सिटी स्थापित करने के लिए एक अरब डॉलर का निवेश करने में रुचि जताई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पाकिस्तान के चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, जिसने कई निवेशों और विकास परियोजनाओं के माध्यम से पाकिस्तान को समर्थन दिया है।

सिंध सरकार और चीनी निवेशकों के बीच बैठक

इन परियोजनाओं में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना भी है, जिसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए ‘जीवन रेखा’ कहा गया है। गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को जरदारी के साथ बैठक के दौरान चीनी निवेशकों के प्रतिनिधिमंडल ने कराची के धाबेजी आर्थिक क्षेत्र में मेडिकल सिटी बनाने में एक अरब डॉलर का निवेश करने की अपनी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। यह आर्थिक क्षेत्र पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र से बाहर है। मेडिकल सिटी पाकिस्तान का पहला पूरी तरह से एकीकृत फार्मास्युटिकल और मेडिकल पारिस्थितिकी तंत्र होगा।

ढाका: बांग्लादेश की वायुसेना चीन से चेंगदू जे-10सी मल्टीरोल फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है। अगर यह सौदा पूरा होता है, तो पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश दूसरा दक्षिण एशियाई देश होगा, जो इस उन्नत लड़ाकू विमान को अपनी सेना में शामिल करेगा।

बांग्लादेश के एयर चीफ मार्शल शेख अब्दुल हन्नान ने अपनी वायुसेना को आधुनिक और ताकतवर बनाने की दिशा में इस कदम को आवश्यक बताया है।

बांग्लादेश एयरफोर्स पहले चरण में जे-10सी के 16 विमानों की खरीद करेगा। इसके बाद अन्य चरणों में और भी विमान शामिल किए जाएंगे। एयर चीफ मार्शल हन्नान ने कहा कि वायुसेना के पास वर्तमान में पुराने एफ-7 फाइटर जेट्स हैं, जिन्हें बदलने की सख्त जरूरत है। चीन ने इन जेट्स की पेशकश अगस्त में की थी, जिससे वायुसेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया तेज हुई है।

जे-10सी एक चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे पहली बार 2017 में प्रदर्शित किया गया था। यह विमान हल्का और दुश्मनों की पकड़ में कम आने वाला है।

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