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सिओल: दक्षिण कोरिया में आज (3 दिसंबर, 2024) राष्ट्रपति यून सुक योल ने आपातकालीन मार्शल लॉ का एलान कर दिया है, जिसमें विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और सरकार को अपंग बनाने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। टेलीविज़न ब्रीफिंग के दौरान की गई यह घोषणा दक्षिण कोरिया में चल रहे राजनीतिक संकट को दर्शाता है और ये दक्षिण कोरिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

राष्ट्रपति यून सुक योल, जिन्हें मई 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद से विपक्ष की ओर से नियंत्रित नेशनल असेंबली से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ने इस कदम को देश की संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। हालांकि, ये शासन और लोकतंत्र के लिए अस्पष्ट हैं।

यह एलान डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के नेतृत्व वाले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति यून पर सत्ता के कथित दुरुपयोग पर महाभियोग चलाने की मांग के एक महीने किया गया है। विपक्ष का कहना था कि मार्शल लॉ लगा कर राष्ट्रपति महाभियोग से बचना चाहते हैं।

ढाका: बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई मंगलवार को टाल दी गई। चटगांव की अदालत में इस मामले में चिन्मय दास की तरफ से दलील रखने के लिए कोई वकील मौजूद नहीं था। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 जनवरी तक टाल दी। इस बीच इस्कॉन ने कहा है कि चिन्मय दास के वकील रामेन रॉय, जिन पर हाल ही में हमला हुआ था, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में मौजूद संस्था से जुड़े पुजारियों से अपील की है कि वह सार्वजनिक तौर पर भगवा कपड़े न पहनें और न ही तिलक लगाएं। उन्होंने कहा, "हमने सलाह दी है कि वह अपनी आस्था का विनम्र ढंग से पालन करें।"

इससे पहले राधारमण दास ने दावा किया था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे चिन्मय कृष्ण दास प्रभु का बचाव करने वाले वकील रामेन रॉय पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया है। वह हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अस्पताल में अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं।

नई दिल्‍ली/ढाका: अगरतला स्थित बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना को लेकर बांग्‍लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्‍चायुक्‍त को तलब किया। भारतीय उच्‍चायुक्‍त प्रणय वर्मा करीब चार बजे बांग्‍लादेश के विदेश मंत्रालय पहुंचे।

बांग्‍लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं, मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं आम हैं। बावजूद इसके भारत ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। बांग्‍लादेश की सरकार हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। सरकार में मौजूद लोगों का तो कहना है- बांग्‍लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संगठन (बीएसएस) ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त शाम चार बजे विदेश मंत्रालय में दाखिल हुए। बीएसएस ने कहा कि कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्ला ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया था।

बांग्‍लादेश की अपदस्‍थ प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं, जिसके बाद से ही दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव चल रहा है।

ढाका: बांग्लादेश में हिंसा झेल रहे हिंदुओं के लिए आज (3 दिसंबर 2024) का दिन काफी अहम है। आज इस्कॉन के पुजारी और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान अदालत तय करेगी कि चिन्मय दास को जमानत दी जाए या पुलिस हिरासत में रखा जाए। बता दें कि चिन्मय दास को पिछले हफ्ते कथित तौर पर बांग्लादेशी हिंदुओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते समय देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

चटगांव की अदालत ने जमानत देने से किया था इंकार

इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास, जिन पर कई आरोप हैं, को गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के चटगांव में चटगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था और उन्हें जेल भेज दिया था, जिसके बाद से उनके समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।

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