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तेल अवीव: बीते 14 महीने से हमास और उसके समर्थक गुटों के साथ चल रहे युद्ध के बाद अब इजराइल ने लेबनान के साथ अस्थायी युद्ध विराम पर सहमति जताई है। इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के बाद अब यह समझौता तत्काल प्रभाव से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि अभी लेबनान ने इसे लेकर कोई औपचारिक सहमति नहीं जताई है। यह समझौता बुधवार को स्थानीय समय अनुसार सुबह 4:00 बजे (0200 जीएमटी) से लागू होगा। इससे पहले, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की कि उनके मंत्रियों ने इस समझौते को मंजूरी दे दी है। इससे पहले, लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बोउ हबीब ने इटली में जी-7 बैठक में कहा था कि मंगलवार रात तक युद्ध विराम हो जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्राइल की सुरक्षा कैबिनेट की सहमति के बाद यह समझौता अब पूरी कैबिनेट के सामने समीक्षा के लिए रखा जाएगा। लेबनान और हिजबुल्ला ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। बुधवार को लेबनानी कैबिनेट समझौते की औपचारिक मंजूरी के लिए बैठक करेगी।

वाशिंगटन: 7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के साथ शुरू हुआ इजराइल और हमास के बीच युद्ध अब एक नए मोड़ की ओर जाता हुआ दिख रहा है। लेबनान के साथ अस्थायी युद्ध विराम पर सहमति जताने के बाद पूरी दुनिया में बातचीत तेज हो गई है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को लेबनान में इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम समझौते का स्वागत करते हुए इसे अच्छी खबर बताया है।

बता दें कि यह समझौता बुधवार को स्थानीय समय अनुसार सुबह 4:00 बजे (0200 जीएमटी) से लागू होगा। इससे पहले, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की कि उनके मंत्रियों ने इस समझौते को मंजूरी दे दी है।

अपने संबोधन में बाइडन ने आगे कहा कि मैंने अपनी टीमों को इजराइल और लेबनान की सरकारों के साथ मिलकर युद्धविराम कराने का निर्देश दिया ताकि इजराइल और हिज़्बुल्ला के बीच संघर्ष को समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम आज एक समझौते पर पहुंचे, जो कल सुबह 4 बजे (स्थानीय समय) प्रभावी होगा।

ढाका: बांग्लादेश सरकार ने हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर भारत के विदेश मंत्रालय के बयान पर मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। बांग्लादेश ने कहा कि विदेश मंत्रालय का बयान निराधार और दोनों देशों के बीच दोस्ती के खिलाफ है। बांग्लादेश ने यह भी कहा कि वह अपनी न्यायपालिका में हस्तक्षेप नहीं करता, क्योंकि यह पूरी तरह से स्वतंत्र है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई थी। उनको देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग ढाका की सड़कों पर उतर पड़े थे और जाम लगा दिया था। कई जगह से हिंसा की खबरें भी आई थीं। दास हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोत के नेता हैं।

बांग्लादेश ने कहा, 'इस तरह के निराधार बयान न केवल तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते हैं, बल्कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती और समझ की भावना के विपरीत भी हैं।'

नई दिल्ली: बांग्लादेश के चट्टोग्रान में मंगलवार को एक कोर्ट के बाहर पुलिस और गिरफ्तार हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। राजद्रोह के मामले में पूर्व इस्कॉन नेता की गिरफ्तारी के विरोध में हजारों प्रदर्शनकारी अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा हुए थे। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध करने वाले सभी लोग मुख्य रूप से हिंदू समुदाय से थे।

हंगामा तब शुरू हुआ, जब अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास और बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता को जमानत देने से इंकार कर दिया।

बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, आंदोलनकारियों ने धार्मिक नेता दास को ले जा रही जेल वैन को रोकने की कोशिश की। लगभग तीन घंटे के गतिरोध के बाद, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की आशंका है, हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। चंदन कुमार धर, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें सोमवार दोपहर ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।

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