ताज़ा खबरें
कांग्रेस ने एस जयशंकर पर लगाया आरोप, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
दिल्ली मेंं 'आप' को लगा झटका, 15 पार्षदों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
अग्निवीर योजना लागू करके नौजवानों का भविष्य खतरे में डाला: अखिलेश

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार (11 दिसंबर) को हुए आत्मघाती हमले ने तालिबान सरकार को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में तालिबान सरकार के शरणार्थी मंत्री खलील उर-रहमान हक्कानी और दो बाकी लोगों की मौत हो गई। ये हमला मंत्रालय के अंदर हुआ जो तालिबान के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है। खास बात यह है कि खलील हक्कानी तालिबान सरकार के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा थे। सिराजुद्दीन को तालिबान का सबसे प्रभावशाली नेता और संगठन की रीढ़ माना जाता है।

तालिबान ने तीन साल पहले काबुल की सत्ता पर कब्जा किया था, लेकिन यह पहली बार है जब उसके किसी बड़े नेता को इस तरह निशाना बनाया गया है। अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि खलील हक्कानी एक महान योद्धा थे, जिन्होंने अपना जीवन इस्लाम की रक्षा के लिए समर्पित किया। विशेषज्ञों के अनुसार यह हमला तालिबान के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि यह सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।

ढाका: बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को राजद्रोह के मामले में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि उनकी याचिका पर सुनवाई पहले तय की गई तारीख 2 जनवरी 2025 को होगी।

अदालत के अधिकारियों के मुताबिक, चटगांव मेट्रोपोलिटन सेशन जज सैफुल इस्लाम ने याचिका खारिज की, क्योंकि वकील के पास चिन्मय दास की ओर से याचिका दायर करने का अधिकार पत्र (पावर ऑफ अटॉर्नी) नहीं था। वकील रवींद्र घोष ने अदालत से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, जब दूसरे वकील ने अदालत को बताया कि रवींद्र घोष के पास चिन्मय दास की ओर से उनका प्रतिनिधित्व करने का अधिकार पत्र नहीं है, तो जज ने उनकी जल्द सुनवाई की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि घोष ने कहा कि दास को झूठे और मनगढ़ंत मामले में फंसाया गया है, जबकि वे डायबिटीज, अस्थमा और अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं।

सिओल: दक्षिण कोरिया की पुलिस ने बुधवार (11 दिसंबर) को राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा है। यह कार्रवाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के तहत की गई है। राष्ट्रपति पर संक्षिप्त मार्शल लॉ लगाने के संबंध में विद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। अधिकारियों की जानकारी के मुताबिक, अभी तक राष्ट्रपति यूं सुक येओल को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उनसे पूछताछ की गई है।

अचानक इमरजेंसी लागू कर दुनिया को चौंकाया था

विशेष जांच दल ने आपराधिक जांच के मामले में राष्ट्रपति कार्यालय, राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी, सियोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस एजेंसी और नेशनल असेंबली सुरक्षा सेवा पर कार्रवाई की है। जांच दल ने जानकारी साझा करते हुए कहा है कि यह मामला देश की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा है और इसकी गहन जांच जारी है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के अचानक मार्शल लॉ लगाने के फैसले ने देश को राजनीतिक अराजकता में डाल दिया।

मॉस्को: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मॉस्को में 21वें भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) के सैन्य और सैन्य सहयोग सत्र के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को बधाई दी। बैठक में उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच साझेदारी से अत्यधिक संभावनाएं हैं और साझा प्रयासों से शानदार नतीजे हासिल किए जा सकते हैं।

सिंह ने कहा, हमारे देशों के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पहाड़ से भी ऊंची और गहरे समुद्र से भी गहरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पर सार्वजनिक और निजी तौर पर कई तरह के दबाव हैं। लेकिन भारत ने यह फैसला लिया है कि वह न केवल रूस के साथ अपने घनिष्ठ संबंध बनाए रखेगा, बल्कि इन संबंधों को और गहरा करेगा। हम हमेशा रूसी साथियों के साथ खड़े रहेंगे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख