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वॉशिंगटन: पाकिस्तान के साथ एक हथियार समझौते पर कांग्रेस की असहमति व्यक्त करने के लिए एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने हाउस ऑफ रिप्रेंटेटिव्स में एक ‘संयुक्त प्रस्ताव’ पेश किया है। इस समझौते में पाकिस्तान को परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम आठ एफ 16 लड़ाकू विमानों की बिक्री की बात भी शामिल है। कांग्रेस के दाना रोहराबाचेर ने सदन में प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा, ‘पाकिस्तान सरकार अमेरिका की ओर से दिए गए हथियारों का इस्तेमाल अपने ही नागरिकों खासकर बलूचिस्तान के लोगों का दमन करने में कर रही है।’’ अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रेंटेटिव्स भारत के निचले सदन लोक सभा के समान है। रोहराबाचेर ने कहा, ‘‘ संयुक्त प्रस्ताव को समर्थन देने या नहीं देने का निर्णय, मेरे लिए इस बात पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान सरकार ने ओसामा बिन लादेन को न्याय के दायरे में लाने में मदद करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की।’’

इस्लामाबाद: मुंबई हमलों की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने इस मामले में सभी पाकिस्तानी गवाहों के बयान आखिरकार दर्ज कर लिए हैं। यह सुनवाई यहां छह साल से अधिक समय से चल रही है। आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी), इस्लामाबाद ने कल कड़ी सुरक्षा वाले रावलपिंडी के अदियाला जेल में सुनवाई की और आखिरी गवाहों के बयान दर्ज कर प्रक्रिया को संपन्न किया। अदालत के कई सारे समन के बावजूद पांच गवाहों ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं। अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। अभियोजन के एक वकील ने बताया, ‘मुंबई मामले के सभी पाकिस्तानी गवाहों ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। अब सिर्फ भारतीय गवाह ही अपने बयान दर्ज कराने के लिए शेष बचे हैं।’ उन्होंने कहा कि सुनवाई उस वक्त पूरी हो जाएगी जब भारत के गवाह अपना बयान बयान दर्ज कराएंगे।

इरबिल (इराक): इराक में आईएसआईएस के आतंकियों के चंगुल से मुक्त कराई गई स्वीडिश किशोरी ने कहा है कि इस वहां जिंदगी वाकई बेहद मुश्किल थी और वह अपने बॉयफ्रेंड के हाथों 'छले जाने' के बाद वहां जाने को मजबूर हुई थी। विशेष कुर्दिश सैन्य बलों की ओर से छुड़ाए जाने के बाद 16 साल की इस किशोरी ने अपने पहले इंटरव्यू में बताया कि वह स्‍वीडन में वर्ष 2014 के मध्‍य में स्‍कूल छोड़ने के बाद इस बॉयफ्रेंड से मिली थी। किशोरी के अनुसार, 'पहले तो सब कुछ ठीक था लेकिन इसके बाद बॉयफ्रेंड ने आईएसआईएस के वीडियो में रुचि लेना शुरू कर दिया और मुझे इसके बारे में बताने लगा। बॉयफ्रेंड में मुझसे कहा कि वह आईएसआईएस में जाना चाहता है। मैंने कहा, ठीक है कोई दिक्कत नहीं। दरअसल उस समय मैं नहीं जानती थी कि आईएसआईएस के मायने क्या हैं...।' दोनों मई 2015 में स्वीडन से निकले और बाद में बस और ट्रेन से होते हुए तुर्की और सीरिया पहुंचे।

लंदन: ईरान के कट्टरपंथी मीडिया समूहों ने भारतीय मूल के विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी की हत्या के लिए ईनाम के तौर पर छह लाख डॉलर की रकम जुटाई है। यह रूश्दी के खिलाफ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमेनी की ओर से फतवा जारी किए जाने के 27 साल बाद हुआ है। समाचार पत्र ‘द टाइम्स’ के अनुसार फतवे के तहत रकम में बढ़ोतरी के मकसद से करीब 40 संगठनों ने धन संग्रह किया है। इन संगठनों में कई सरकारी मीडिया इकाइयां शामिल हैं। ‘द सैटनिक वर्सेज’ नामक पुस्तक को लेकर रूश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया गया था। समाचार एजेंसी ‘फार्स’ के संपादकीय दल के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘सलमान रूश्दी के खिलाफ फतवा धार्मिक फतवा है। धार्मिक फतवे को कोई खत्म नहीं कर सकता। यह पहले था, आज है और आगे भी रहेगा।’’

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