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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सोमवार) कहा कि शांति स्थापित करने के मुख्य उद्देश्य के साथ पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के भारत के प्रयास जारी हैं, लेकिन बलों को पूरी आजादी है कि वे जिस तरीके से उचित समझते हों जवाब दें। मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कई तरह की ताकतें काम कर रहीं हैं लेकिन भारत केवल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी व्यवस्था के साथ काम करता है। मई, 2014 में पाकिस्तान के प्रति अपने दृढ़संकल्प वाले रख पर और शनिवार को श्रीनगर के पास सीआरपीएफ के आठ जवानों के शहीद होने के बारे में पूछे गये प्रश्न पर मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों से दोस्ताना संबंध चाहे हैं जिन पर कोई बहस नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, जिन्हें मेज पर काम करना है, वे मेज पर बैठकर काम करेंगे और जिन्हें सीमा पर काम करना है, वे पूरी ताकत से सीमा पर काम करेंगे। मोदी ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति उसे दी गयी जिम्मेदारी को अदा करेगा। और हमारे जवान अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। यह सत्य है कि आतंकवादियों पर दबाव बढ़ गया है और उनके मंसूबे नाकामयाब हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, वे जिस इरादे से आगे बढ़ते हैं, वो नाकाम हो रहे हैं और उन्हें बड़ी चुनौतियों का सामना करना होता है। इस हताशा की वजह से इस तरह की घटनाएं घट रहीं हैं और हमारे जवान अपनी जान जोखिम में डालकर देश को बचा रहे हैं।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शनिवार को सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के दौरान भीषण मुठभेड़ के कुछ समय बाद ही अर्धसैनिक बल और सेना के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि किसके कर्मियों ने आतंकवादियों को मार गिराया। सेना ने दोनों आतंकवादियों को जवाबी गोलीमारी में मार गिराने का दावा किया वहीं सीआरपीएफ ने ‘गलत तरीके से श्रेय लेने’ पर विरोध दर्ज कराया। कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल सीआपीएफ ने आरोप लगाया कि सेना के कुछ जवान मुठभेड़ समाप्त होने के बाद वहां पहुंचे और आतंकवादियों के शवों के साथ सेल्फी लेने लगे। कुछ समय के बाद ही सेना के उत्तरी कमान ने ट्वीट किया, ‘सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया जिन्होंने पंपोर में सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया था।’ इस बात से नाराज सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने यह मामला सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उठाया। इसके कुछ देर बाद उत्तरी कमान के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर लिखा गया, ‘पंपोर आपरेशन पर ताजा जानकारी। घायल सीआरपीएफ जवानों को अस्पताल ले जाया गया। सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में दो आतंकवादी मारे गए।’ सीआरपीएफ अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया कि कोई संयुक्त आपरेशन नहीं हुआ था। सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद से आज संवाददाताओं ने सवाल किया कि क्या मुठभेड़ में सेना की कोई भूमिका थी।

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि सुरक्षाबलों की ओर से चूक हुई जिसकी वजह से दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चूकें हुई हैं। एक दल जांच के लिए वहां गया है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार कीजिए। लेकिन यह पक्का है कि प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’ हालांकि सीआरपीएफ महानिदेशक के दुर्गाप्रसाद ने कहा है कि स्थापित मानक प्रक्रिया का उनके कर्मियों ने पूरी तरह पालन किया। प्रसाद ने कहा कि उनके कर्मियों ने अपनी शहादत देने से पहले दोनों आतंकवादियों के साथ बड़ी बहादुरी से मुकाबला किया और 91 राउंड गोलियां चलायीं। शनिवार को पुलवामा जिले में दो आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिससे आठ सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए और कम से कम 25 अन्य घायल हो गए।

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र अगले महीने शुरू होने की संभावना है जिससे पहले सरकार के लिए समस्या बढ़ रही है क्योंकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को संकेत दिया कि वह एनएसजी के मुद्दे पर नाकामी, आतंकवादी हमलों और सुब्रमण्यम स्वामी के आक्षेपों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी। कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बार संसद का सत्र रोचक होगा।’ कई मुद्दों पर खासकर एनएसजी के मुद्दे पर भारत की नाकामी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को समझ लेना चाहिए कि कूटनीति चमक-धमक वाला मामला नहीं है। सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री टीवी पर दिखते रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘विदेश नीति परिपक्वता के साथ संचालित की जाती है। कूटनीति बहुत शांत और शालीन तरीके से की जाती है। लेकिन हमें ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई देता।’ एनएसजी के विषय पर प्रधानमंत्री के बयान को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कहने का क्या मतलब था कि मेक्सिको और स्विट्जरलैंड भारत के पक्ष में थे। उन्होंने कहा, ‘हम मोदीजी से प्यार करते हैं, लेकिन ज्यादा प्यार भारत से करते हैं। इस तरह के चमक-धमक वाले दिखावे के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की छवि को कमजोर मत कीजिए।’ सिब्बल ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि संप्रग सरकार के समय भारत ने अमेरिका के साथ 123 समझौते बिना दिखावे के किये थे।

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