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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के साथ वैश्विक लड़ाई का आह्वान करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि आतंकवादियों को प्रायोजित करने वाले और उन्हें आसरा देने वाले देशों को इसकी कीमत चुकानी होगी। ब्रिक्स युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ आतंकवादियों के बीच अंतर किये बिना लड़ाई लड़ी जानी चाहिए। सुषमा ने कहा कि ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन और भ्रष्टाचार जैसी विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण तरीके से वैश्विक संवाद को आकार दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें ब्रिक्स, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और उसकी विभिन्न समितियों में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करने और संघर्ष करने की जरूरत है। यह ‘अच्छे’ या ‘बुरे’ आतंकवादी के किसी तरह के भेद के बिना किया जाना चाहिए।’ सुषमा ने कहा, ‘आतंकवादी आतंकवादी होता है और वह पूरी मानवता के खिलाफ काम कर रहा है। आतंकवादियों को प्रायोजित कर रहे और आसरा दे रहे देशों को इसकी कीमत अदा करनी होगी।’ भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता रखने के नाते अक्तूबर में गोवा में इस समूह के आठवें वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा, ‘हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जल्द सुधारों के लिए मिलकर काम करने की भी जरूरत है ताकि यह समूह 21वीं सदी की जरूरतों के लिए संगत बना रहे।’

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन और आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की ओर से घोषित वेतन बढ़ोतरी को खारिज कर दिया और अगले सप्ताह हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, जिसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन हासिल है। कन्फेडरेशन ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर कैबिनेट द्वारा मंजूर वेतन वृद्धि ‘स्वीकार नहीं है।’ आरएसएस सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) समेत अन्‍य ट्रेड यूनियनों ने भी बढ़ोतरी को खारिज किया और कहा कि पिछले 17 वर्षों में यह न्यूनतम बढ़ोतरी है, सबसे महत्वपूर्ण ये है कि इससे न्यूनतम और अधिकतम वेतन में अंतर बहुत बढ़ेगा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी सरकारी कर्मचारियों का पक्ष लिया है और वेतन बढ़ोतरी के खिलाफ एक देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है। वहीं, रक्षा बलों का कहना है कि इसमें उजागर हुई विसंगतियों पर ध्यान नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुये एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया है। पेंशन और कर्मचारियों के मूल वेतन में ढाई गुणा वृद्धि से सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार ने कहा है कि इसके अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी प्रभाव होंगे।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों पर अपने 2014 के आदेश में संशोधन से इनकार करते हुए आज स्पष्ट किया कि समलैंगिक महिला, पुरुष और उभयलिंगी लोग तीसरा लिंग नहीं हैं। न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एनवी रमन ने कहा कि 15 अप्रैल 2014 के आदेश से यह पूरी तरह स्पष्ट है कि समलैंगिक महिला, पुरुष और उभयलिंगी लोग ट्रांसजेंडर नहीं हैं। केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त साॠलिसिटर जनरल (एएसजी) मनिंदर सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि पूर्व के आदेश से यह स्पष्ट नहीं है कि समलैंगिक महिला, पुरष और उभयलिंगी लोग ट्रांसजेंडर हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक स्पष्टता की आवश्यकता है। कुछ ट्रांसजेंडर कार्यकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि केंद्र उच्चतम न्यायालय के 2014 के आदेश को पिछले दो साल से यह कहकर क्रियान्वित नहीं कर रहा है कि उसे ट्रांसजेंडरों के मुद्दे पर स्पष्टता की आवश्यकता है। पीठ ने एएसजी से कहा, हमें आवेदन को शुल्क (कॉस्टस) के साथ क्यों नहीं खारिज कर देना चाहिए। इसने यह भी कहा, किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। आवेदन का (केंद्र के) निपटारा किया जाता है। उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल 2014 को एक ऐतिहासिक फैसले में ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग की श्रेणी के रूप में कानूनी मान्यता प्रदान कर दी थी और केंद्र तथा सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे उन्हें शैक्षिक संस्थानों में दाखिले और सार्वजनिक नियुक्तियों में आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए उनको सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी श्रेणियों के रूप में मानें।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने 26/11 के मुंबई हमलों का मुकदमा जल्द पूरा करने के लिए भारत से और सबूत मांगे हैं। साल 2008 में हुए इस हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और छह अन्य लोग आरोपी हैं। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, हमारे विदेश सचिव ने भारतीय विदेश सचिव को पत्र लिखकर और सबूत मुहैया कराने के लिए कहा है ताकि मुंबई हमले का ट्रायल पूरा किया जा सके। भारतीय पक्ष के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। बहरहाल, जकारिया ने यह नहीं बताया कि भारतीय विदेश सचिव को पत्र कब लिखा गया था। पाकिस्तान ने मुंबई हमलों में भूमिका के लिए लखवी सहित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े सात आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और युनूस अंजुम पर हत्या के लिए उकसाने, हत्या की कोशिश करने और मुंबई हमलों की योजना बनाकर उसे अंजाम देने के आरोप हैं। एक साल पहले जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद लखवी किसी गुप्त ठिकाने पर रह रहा है। छह अन्य आरोपी रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं। पाकिस्तान में मुंबई हमलों के मुकदमे की सुनवाई पिछले छह साल से भी ज्यादा समय से चल रही है।

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