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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
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ताशकंद: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के भारत के पुरजोर प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की और इस बाबत चीन का समर्थन मांगा। इस कदम को प्रक्रिया बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के अनुसार शी से मुलाकात में पीएम मोदी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का निष्पक्ष आकलन करने का आग्रह किया और कहा कि चीन को भारत के लिए बढ़ते की आम सहमति में योगदान देना चाहिए। गौरतलब है कि तुर्की, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ अन्य देशों को भी 48 सदस्यीय समूह में भारत की सदस्यता पर आपत्तियां हैं, लेकिन भारत को लगता है कि अगर चीन नई दिल्ली के लिए अनुकूल रुख अपना ले तो इन देशों का विरोध निष्प्रभावी हो जाएगा। सूत्रों ने कहा कि एनएसजी की सदस्यता के भारत के प्रयासों पर चीन का रुख बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिन की यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे। इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने सम्मेलन से इतर शी से मुलाकात की और एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान के पक्ष का समर्थन करने पर चीन का शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि भारत के एनएसजी में प्रवेश के प्रयासों पर अपने विरोध का स्पष्ट संकेत देते हुए चीन ने बुधवार को एनएसजी के सदस्यों के बीच मतभेदों को रेखांकित करते हुए कहा था, 'पक्षों ने अभी इस मुद्दे पर आमने-सामने बातचीत नहीं की है।'

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नेतृत्व पर बुधवार को कटाक्ष करते हुए दावा किया कि जनकल्याण पर अब ‘टीम मोदी फैसला’ करती है और उन दिनों की तरह नहीं जब ‘मैडम फैसला करती थीं और प्रधानमंत्री उसका पालन किया करते थे।’ नायडू को एक बयान में उनकी पार्टी ने उद्धृत किया है, ‘मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव लाया है कि हमने नीतिगत जड़ता की स्थिति खत्म कर दी। जनकल्याण पर आज प्रधानमंत्री नेतृत्व करते हैं और टीम मोदी फैसला करती है, उन दिनों की तरह नहीं जब मैडम फैसला करती थीं और प्रधानमंत्री उसका पालन करते थे।’ वह नरेंद्र मोदी सरकार के शासन के दो साल पूरे होने और ‘उपलब्धियों’ को लेकर पूर्वी दिल्ली में भाजपा द्वारा आयोजित ‘विकास पर्व’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नायडू ने दावा किया, कांग्रेस के इशारे पर मोदी को नौ बार अमेरिकी वीजा देने से मना किया गया लेकिन वही अमेरिकी लोग एक प्रतीक (आइकन) के तौर पर नरेंद्र मोदी की सराहना कर रहे हैं।

नई दिल्ली: मुस्लिम विरोधी तमगे को हटाने की कोशिश के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच दो जुलाई को एक विशाल इफ्तार पार्टी आयोजित करने जा रहा है, जिसके लिए पाकिस्तान जैसे मुस्लिम राष्ट्रों समेत कई देशों के राजदूतों को निमंत्रण दिया गया है। इस इफ्तार पार्टी का मकसद एकता और सौहार्द का संदेश फैलाना तथा देश को दंगा मुक्त बनाना है। मुस्लिक राष्ट्रीय मंच की इफ्तार पार्टी इस बार काफी बड़ी होगी। इसने अपने सदस्यों को देशभर में छोटी-छोटी इफ्तार पार्टियां आयोजित करने को कहा है। आरएसएस के नेता और मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा, इसका उद्देश्य दुनिया को भारतीयता के बारे में बताना और सभी समुदायों के लोगों को शांति और सौहार्द के साथ रहने में मदद करना है। भारत, मुस्लिम दुनिया के लिए उम्मीद और शांति की एक किरण है। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से अपनी अपील में कहा, परोपकार की शुरआत घर से होती है। सभी को इस देश को दंगा मुक्त बनाने और भारत सहित विश्व को आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त बनाने में मदद करने के लिए सौहार्दपूर्ण तरीके से रहना चाहिए।

सोल: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के भारत के प्रयासों को अमेरिका के बाद आज (बुधवार) फ्रांस का भी पुरजोर समर्थन मिला, जिसका दो दिवसीय पूर्ण सत्र गुरुवार से सोल में शुरू होगा। विदेश सचिव एस जयशंकर भारत की सदस्यता के मुद्दे पर बंटे 48 देशों के समूह में समर्थन जुटाने के लिए सोल पहुंच गये हैं। भारत का विरोध चीन यह कहकर कर रहा है कि नई दिल्ली ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं। हालांकि वह कह रहा है कि यदि एनएसजी से भारत को छूट मिलती है तो पाकिस्तान को भी समूह की सदस्यता दी जानी चाहिए। भारत और पाकिस्तान की सदस्यता के मुद्दे पर चीन ने कहा कि यह विषय पूर्ण सत्र के एजेंडा में नहीं है। यहां भी बीजिंग ने दोनों पड़ोसी देशों के मामलों को एकसाथ करके देखा जबकि उनके परमाणु अप्रसार ट्रैक रिकार्ड में अंतर है। नई दिल्ली में अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि एनएसजी की प्रक्रिया नाजुक और जटिल है और भारत की संभावनाओं पर अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ताशकंद में मुलाकात कर सकते हैं जहां वे एससीओ के सम्मेलन में भाग लेंगे। मोदी एनएसजी के विषय पर चिनफिंग से बात कर सकते हैं लेकिन गौरतलब होगा कि क्या चीन अपने रुख में बदलाव लाएगा। एनएसजी के लिए भारत के पक्ष का करीब 20 देश समर्थन कर रहे हैं लेकिन एनएसजी में आम-सहमति से फैसले होने के मद्देनजर भारत के सामने कठिन कार्य है। लेकिन भारत को उम्मीद है जो दक्षिण कोरिया की राजधानी में जयशंकर की मौजूदगी से स्पष्ट है।

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