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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: भारत एवं थाईलैंड ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था, आतंकवाद से निबटने, साइबर सुरक्षा एवं मानव तस्करी से निबटने में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया। साथ ही दोनों देश ने रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में नजदीकी संबंध कायम करने की हामी भरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आये उनके थाई समकक्ष जनरल प्रयुत चान ओ छा के बीच हुई व्यापक वार्ता के बाद इस आशय की घोषणा की गई। नेताओं ने कहा कि संतुलित समग्र आर्थिक एवं भागीदारी समझौते को शीघ्र सम्पन्न करना एक साझा प्राथमिकता है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग तथा भारत-म्यामां और थाईलैंड के बीच मोटर वाहन समझौते पर जल्द हस्ताक्षर को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर बल दिया है। दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसमें सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग भी मौजूद थे। इसके बाद 2016.2019 के लिए सांस्कृतिक आदान प्रदान संबंधी अधिकारियों के कार्यक्रम तथा नगालैंड विश्वविद्यालय एवं थाईलैं के चियांग माई विश्वविद्यालय के बीच सहमति पत्र सहित दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। मोदी ने थाईलैंड से पर्यटकों को भारत के पर्यटन स्थलों और विशेष रूप से बौद्ध स्थलों के प्रति आकषिर्त करने के लिए, जल्द ही थाई नागरिकों को दोहरे प्रवेश वाले ई.पर्यटक वीजा की सुविधा देने का ऐलान किया।

वाशिंगटन: अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से इस विशिष्ट समूह में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन करने का अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के सहयोगी देशों से यह अपील की है कि जब भी एनएसजी की समग्र चर्चा हो तब इसके सहयोगी देश भारत के आवेदन का समर्थन करें जो संभवत: अगले हफ्ते होगी। एक प्रश्न के जवाब में किर्बी ने कहा, फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता कि यह कैसे होगा और ना ही मैं कोई अटकल लगा सकता हूं कि किस तरह से इसे किया जाएगा, लेकिन हमने यह साफ किया है कि हम भारत के आवेदन का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 48 सदस्यीय समूह के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया था। अमेरिका एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहा है। इससे पहले यहां एक बैठक से पूर्व अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे देशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उन्हें समूह में भारतीय प्रशासन को शामिल किए जाने पर आम सहमति में रूकावट नहीं डालते हुए इस पर सहमति जतानी चाहिए।

विंडहोक: भारत और नामीबिया ने इस संसाधन संपन्न अफ्रीकी देश से यूरेनियम की आपूर्ति की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का आज (गुरूवार) फैसला किया । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उनके नामीबियाई समकक्ष के बीच हुई बातचीत में यह फैसला किया गया । नामीबिया से यूरेनियम आपूर्ति की राह में रोड़े अटका रहे मसलों को सुलझाने के लिए भारत परमाणु उर्जा विशेषज्ञों की एक संयुक्त तकनीकी टीम यहां भेजेगा । नामीबिया दुनिया में यूरेनियम का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। प्रणब और नामीबिया के राष्ट्रपति हेज जी गिनगॉब के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई । प्रणब ने नामीबिया के राष्ट्रपति को बताया कि भारत ने भले ही परमाणु अप्रसार संधि :एनपीटी: पर दस्तख्त न किए हों, लेकिन इसके बावजूद 12 देशों से उसने परमाणु ईंधन आपूर्ति इंतजाम किए हैं । विदेश मंत्रालय में सचिव :आर्थिक संबंध: अमर सिन्हा ने यहां द्विपक्षीय बातचीत का ब्योरा देते हुए पत्रकारों को बताया कि इसके बाद नामीबियाई पक्ष ने उन इंतजामों के अध्ययन की इच्छा जताई । सिन्हा ने इसे ‘‘सकारात्मक कदम’’ बताया कि नामीबिया इस मुद्दे पर भारत के साथ संपर्क कायम करने को तैयार है । भारत ने परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए 2009 में नामीबिया के साथ एक संधि की थी, लेकिन यह अब तक लागू नहीं हो सकी है ।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को इशरत जहां मामले में लापता कागजों की जांच कर रहे अधिकारी प्रमुख द्वारा गवाह को सवालों के जवाब देने की ट्रेनिंग दिये जाने की खबरों पर सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की कड़ी वकालत की। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार इशरत मामले में लापता फाइलों पर रिपोर्ट ‘गढ़’ रही है। उन्होंने कहा कि यह फिक्सिंग सरकार के 'डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट' की है, जिसका समन्वय पीएमओ करता है। उन्होंने कहा, 'जांच फिक्स है। यह एक साधारण शो था। देश को अब समझना होगा कि पीएमओ के समन्वय में हमारे यहां एक डर्टी ट्रिक्स विभाग है।' उन्होंने दावा किया कि पूरा प्रयास मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष मुद्दों से ध्यान भटकाने का है। शर्मा ने यह दावा इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के बाद किया है, जिसमें बताया गया है कि गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बीके प्रसाद ने अप्रैल में इसी मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी को सिखाया कि वह कौन से सवाल उनसे पूछेंगे और उन्हें जवाब देना चाहिए कि उन्होंने कथित लापता कागजात को कभी देखा ही नहीं। खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि खबर में फर्जी विवाद का व्यापक भंडाफोड़ हुआ है जिसे एनडीए की सरकार ने मामले में केंद्र सरकार की तरफ से दायर दो हलफनामे पर तैयार किया था।

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