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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारतीय वायुसेना को देश की पहली तीन महिला फाइटर पायलट मिल गई हैं। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेडे़ में शामिल होने का यह गौरव मिला है। हैदराबाद में भारतीय वायु सेना अकादमी (हकीमपेट) में शनिवार सुबह हुई पासिंग आउट परेड के साथ ही देश की इन तीनों बेटियों ने इतिहास रच दिया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। इन तीनों ही बहादुर बेटियों ने अन्य पुरुष कैडेट के साथ हैदराबाद से 23 किलोमीटर दूर हाकिमपेट इंडियन एयरफोर्स बेस में कठिन प्रशिक्षण ली हैं। इन तीनों ही महिला पायलटों ने अनिवार्य 55 घंटे उड़ान की स्टेज वन ट्रेनिंग ली है। अपनी इस उपलब्धि पर प्रशिक्षण पूरा होने से पूर्व एक मीडिया चैनल से बात करते हुए अवनी ने कहा था कि वह तितली की तरह उड़ना चाहती हैं। भारतीय वायुसेना शनिवार को इतिहास रच दिया है। भारतीय वायुसेना को पहली बार तीन ऐसी महिला अफ़सर मिली हैं जो फाइटर पायलट बनेंगी।120 महिला कैडेटों में से इनका चयन किया गया था।हैदराबाद से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर डुंडिगल एयरफोर्स अकादमी में पहली बार तीन प्रशिक्षु महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए समारोह पूर्वक वायुसेना में शामिल किया गया। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर तीनों को फ़ाइटर पायलट की ट्रेनिंग का एलान किया गया था।

लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास को ब्रिटेन का मजबूत समर्थन देने का आश्वासन दिया है। यह कदम एनएसजी की अगले सप्ताह होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले भारत को मजबूती प्रदान करने वाला है। कैमरन ने गुरुवार को मोदी से फोन पर बातचीत कर 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए ब्रिटेन के समर्थन की पुष्टि की। डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन के बारे में बात की। परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों का यह समूह परमाणु हथियारों को बनाने में इस्तेमाल हो सकने वाली सामग्री, उपकरणों और प्रौद्योगिकी के निर्यात पर नियंत्रण करके परमाणु प्रसार को रोकने के लिए मिलकर काम करता है।’’ प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि ब्रिटेन भारत के आवेदन का पुरजोर समर्थन करेगा। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि प्रयास को सफल बनाने के लिए भारत के लिए अप्रसार के प्रमाणों को मजबूत करते रहना महत्वपूर्ण होगा जिसमें असैन्य और सैन्य परमाणु गतिविधियों के बीच भेद करना शामिल है।’’

नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज (शुक्रवार) कहा कि विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सीमाओं के भीतर होना चाहिए और स्थानीय परंपराओं को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जानी चाहिए। वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, ‘जहां कहीं भी विकास किया जाना है, स्थानीय परंपराओं के महत्व को ध्यान में रखा जाना चाहिए। ‘मर्यादा’ का महत्व समझा जाना चाहिए। व्यक्ति का विकास महत्वपूर्ण है और यह होना चाहिए, लेकिन मर्यादा को ध्यान में रखते हुए।’ भागवत ने कहा, ‘उत्तराखंड त्रासदी के बाद सीमाओं को ध्यान में रखते हुए और पारंपरिक ज्ञान एवं पूर्व की विशेषज्ञता को स्वीकार करते हुए नीतियां बनाई जानी चाहिए। हर जगह मर्यादा होनी चाहिए।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘नीतियों में भी संयम होना चाहिए। यह हमारे व्यवहार और नजरिये में भी होना चाहिए। किसी लोकतंत्र में सत्ता में बैठे लोगों को आगे बढ़ने से पहले लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए। यही वजह है कि समाज में भी मर्यादा के महत्व को समझने की जरूरत है।’ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मर्यादा, विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान के बीच तालमेल होना चाहिए और विकास को एक नए दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।

वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ की स्वतंत्र शोध शाखा कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के ‘फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस’ परमाणु सिद्धांत और परमाणु सामग्री के उत्पादन की बढ़ती क्षमता ने भारत के साथ उसके परमाणु टकराव के जोखिम को बढ़ा दिया है। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के लिए पाकिस्तान की ओर से जुटाए जा रहे समर्थन के बीच सीआरएस ने यह रिपोर्ट दी है। ‘कांग्रेस’ के दोनों सदनों को नीतिगत एवं कानूनी विश्लेषण मुहैया कराने वाली सीआरएस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘इस्लामाबाद की ओर से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने, नए प्रकार के परमाणु हथियारों का विकास करने, और ‘फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस’ नाम के एक सिद्धांत को अपनाने पर कुछ पर्यवेक्षकों ने पाकिस्तान और अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे भारत के बीच परमाणु संघर्ष का जोखिम बढ़ने को लेकर चिंता जताई है।’ परमाणु अप्रसार विश्लेषक पॉल के केर्र और अप्रसार मामलों की विशेषज्ञ मेरी बेथ निकिटिन की ओर से लिखी गई रिपोर्ट ‘पाकिस्तान के परमाणु हथियार’ में कहा गया कि पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार में संभवत: 110-130 परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार के बारे में माना जाता है कि उसे तैयार ही इस तरह किया गया है कि भारत को उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने से रोका जा सके। सीआरएस अमेरिकी सांसदों के हितों के मुद्दों पर नियमित तौर पर रिपोर्ट तैयार करती है।

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