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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: कुछ शीर्ष उद्योगपतियों और नेताओं की टेलीफोन पर हुई बातचीत को एस्सार समूह द्वारा कथित तौर पर टैप करने के मामले में की गई शिकायत को उचित कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। वकील सुरेन उप्पल ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इसकी शिकायत की थी। उप्पल का आरोप है कि एस्सार समूह ने अपने पूर्व सुरक्षा प्रमुख अलबासित खान को अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों की बातचीत को टैप करने का निर्देश दिया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, एस्सार लीक से संबंधित शिकायत को उचित कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। शिकायत में मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी तथा दूसरे वष्ठि अधिकारियों की कथित बातचीत का कॉल लॉग शामिल है। बातचीत के ब्यौरे से यह पता चलता है कि कैसे कारोबारी प्रतिद्वंद्वी फायदा लेने के लिए नेताओं से संपर्क करते हैं। शिकायतकर्ता ने रंजन भटटाचार्य और ब्रजेश मिश्रा सहित प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों की कथित बातचीत का उल्लेख किया है। एस्सार ने कुछ भी गलत करने की बात से इनकार किया है।

नई दिल्ली: विदेश सचिव एस जयशंकर ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी के प्रति समर्थन जुटाने के लिए 16-17 जून को बीजिंग का अघोषित दौरा किया। चीन भारत को इस समूह की सदस्यता दिए जाने का विरोध कर रहा है। जयशंकर का यह दौरा परमाणु व्यापार ब्लॉक से जुड़े 48 देशों की समग्र बैठक से एक सप्ताह पहले हुआ है। सोल में 24 जून को होने वाली इस बैठक में भारत की सदस्यता पर चर्चा किए जाने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'हां, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि विदेश सचिव ने 16-17 जून को अपने चीनी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय विमर्श के लिए बीजिंग की यात्रा की। भारत की एनएसजी सदस्यता समेत सभी बड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।' चीन इस प्रतिष्ठित क्लब की सदस्यता भारत को दिए जाने का कड़ा विरोध कर रहा है। उसकी दलील है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस सप्ताह की शुरूआत में चीन की आधिकारिक मीडिया ने कहा था कि भारत को एनएसजी की सदस्यता मिलने से चीन के राष्ट्रीय हित 'खतरे में पड़' जाएंगे और साथ ही साथ यह पाकिस्तान की एक 'दुखती रग' को भी छेड़ देगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक सप्ताह पहले ही एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले देशों को शामिल किए जाने के मुद्दे पर एनएसजी के सदस्यों के 'अब भी बंटे होने' की बात कहते हुए इसपर 'पूर्ण चर्चा' का आह्वान किया।

नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले संबंधी गुम हुई फाइलों को खोजने के लिए गठित किए गए जांच पैनल का मकसद किसी को फंसाना नहीं बल्कि दस्तावेजों को खोजना था। राजनाथ ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब जांच कर रहे अधिकारी की ओर से एक गवाह को कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। उन्होंने राजग सरकार पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में खामियां तलाशने के लिए पैनल का गठन करने के संबंध में लगाए जा रहे आरोपों के बीच कहा, ‘‘जांच समिति का मकसद किसी को फंसाना नहीं बल्कि गुम हुई फाइलों का पता लगाना था।’’ गृह मंत्री ने इन रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि जांच अधिकारी अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद ने गुम हुई फाइलों के संबंध में एक अहम गवाह का बयान लेने से पहले उसे प्रताड़ित किया। यह पूछे जाने पर कि पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है, ऐसे में अब सरकार अगला कदम क्या उठाएगी, सिंह ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट अभी पूरी तरह नहीं पढ़ी है और वह सभी संबंधित लोगों से बात करने के बाद ही कोई राय बनाएंगे। जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इशरत जहां मामले के गुम हुए पांच दस्तावेजों में से केवल एक ही दस्तावेज मिला है।

नई दिल्ली: भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके पूर्व भाजपा सांसद चेतन चौहान को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर आज विवाद शुरू हो गया। राजनीतिक दल और फैशन डिजाइनर सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। चौहान ने कहा, भारत सरकार ने मुझे एनआईएफटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है और मैं अपनी पूरी क्षमता से काम करूंगा। चौहान दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष भी हैं। एनआईएफटी अधिनियम, 2006 के अनुसार संस्थान के संचालन मंडल का अध्यक्ष कोई प्रख्यात शिक्षाविद, वैज्ञानिक या तकनीकीविद या पेशेवर होगा तथा विजिटर अध्यक्ष को नामित करेंगे। राष्ट्रपति इस संस्थान के विजिटर हैं। इस प्रतिष्ठित संस्थान की स्थापना 1986 में हुई थी और इसके देशभर में केंद्र हैं। यह केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के तहत आता है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने फैसले का उपहास करते हुए कहा, सरकार राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान को राष्ट्रीय क्रिकेट टेक्नोलॉजी संस्थान में बदलना चाहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने चौहान की नियुक्त पर सवाल खड़े किए और नरेंद्र मोदी सरकार पर प्रतिष्ठित संस्थानों में चापलूसों को जमा करने का आरोप लगाया।

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