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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें केंद्र ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने की व्यवहार्यता के न्यायालय के सुझाव पर जवाब देने के लिए उससे दो और दिन का समय मांगा था। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने न्यायालय के सुझाव को केंद्र तक पहुंचा दिया है और सरकार इस पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है। इसके बाद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने इस मामले की सुनवाई को शुक्रवार (6 मई) तक के लिए स्थगित कर दिया। पीठ ने अटॉर्नी जनरल की इस बात को रिकॉर्ड कर लिया कि ‘केंद्र सरकार इस मामले में उपजे विवाद को खत्म करने के लिए विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने के इस न्यायालय के सुझाव पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है।’ पीठ ने यह भी कहा कि उसने हटाए गए मुख्यमंत्री हरीश रावत के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की इस बात पर भी गौर किया कि सरकार द्वारा सुझाव को स्वीकार कर लिए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि सरकार सुझाव को स्वीकार कर लेती है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा। मामले की सुनवाई को छह मई के लिए स्थगित करते हुए पीठ ने कहा कि यदि एजी को सुझाव पर निर्देश नहीं मिलते हैं तब भी मामले की सुनवाई की जाएगी।

नई दिल्ली: अगस्तावेस्टलैंड डील पर जारी संग्राम के बीच रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर आज (बुधवार) दोपहर 2 बजे राज्यसभा में इस मुद्दे पर बयान देंगे। इस पर चर्चा के लिए मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पर्रिकर अपने बयान में कुछ नए खुलासे कर सकते हैं, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का नाम हो सकता है। भाजपा गांधी परिवार पर सीधा हमला बोलने की तैयारी में है। राज्यसभा में अगस्तावेस्टलैंड पर बहस की अगुवाई भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यसभा में मौजूद नहीं होंगे। अपने बचाव में कांग्रेस भी हमलवार रुख अपनाएगी। राज्यसभा में अगस्तावेस्टलैंड पर बहस के दौरान भाजपा के हमलों से निपटने की रणनीति बनाने के लिए आज सुबह 10 बजे सोनिया गांधी के निवास पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। बीती शाम भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, आनंद शर्मा और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी बहस का मोर्चा संभाल सकते हैं। कांग्रेस की रणनीति पीएम मोदी और उनके इटैलियन समकक्ष के बीच समझौते के आरोपों पर सरकार को घेरने की हो सकती है।

नई दिल्ली: संसद की आचार समिति विजय माल्या द्वारा राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद भी शराब कारोबारी को उच्च सदन से निष्कासित करने की सिफारिश करेगी। वहीं राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने उनका इस्तीफा प्रक्रियागत आधार पर अस्वीकार कर दिया है। माल्या राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य हैं। अंसारी के ओएसडी गुरदीप सिंह सप्पल ने राज्यसभा महासचिव के पत्र का जिक्र करते हुए ट्विटर पर कहा, 'हामिद अंसारी, सभापति, राज्यसभा, विजय माल्या का इस्तीफा स्वीकार नहीं करते। महासचिव राज्यसभा ने माल्या को लिखा है कि उनका त्यागपत्र प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं है और इस पर वास्तविक हस्ताक्षर नहीं हैं।' उन्होंने कहा, 'राज्यसभा प्रक्रियाओं के नियम 213 के अनुरूप त्यागपत्र स्वेच्छापूर्ण और वास्तवकि होना चाहिए।' वहीं सूत्रों ने बताया कि समिति में इस फैसले पर आम सहमति थी कि 9,400 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज चूक का सामना कर रहे माल्या को अब उच्च सदन में और नहीं रहने देना चाहिए। समिति ने अपने नोटिस पर माल्या के जवाब को संतोषजनक नहीं पाया। सूत्रों ने बताया कि समिति बुधवार को राज्यसभा में अपनी रिपोर्ट रखेगी। किसी भी सांसद की सदस्यता खत्म करने के लिए सदन में इस आशय का प्रस्ताव लाना और इसे मंजूरी दिया जाना आवश्यक होता है।

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने कोर्ट को बताया कि 1996 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बीए कोर्स करने से जुड़े दस्तावेज अब तक नहीं मिले हैं। ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में इस कोर्स का जिक्र किया था। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के पत्राचार विभाग से यह दस्तावेज तलब किए थे, क्योंकि ऐसा आरोप था कि ईरानी ने अप्रैल, 2004 के चुनाव में अपने हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने 1996 में बीए किया था। विश्वविद्यालय के पत्राचार विद्यालय के सहायक पंजीकार ओ पी तंवर ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह से कहा, 'उनके बीए से संबंधित 1996 के दस्तावेज अभी मिलने बाकी हैं।' वैसे तंवर ने 1993-94 के बी कॉम (ऑनर्स) के लिए एडमिशन फॉर्म, इस कोर्स का रिजल्ट और 2013-14 में बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान प्रथम वर्ष में उनके रॉल नंबर वाले फॉर्म सहित उनकी शिक्षा से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि बी कॉम (ऑनर्स) के एडमिशन फॉर्म के साथ सौंपे गए ईरानी की कक्षा 12वीं के दस्तावेज भी नहीं मिले हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि प्रवेश से पहले सत्यापन जरूर ही किया गया होगा।

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