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नई दिल्ली: अनुसूचित जाति और जनजाति से ताल्लुक रखने वाली बलात्कार और सामूहिक बलात्कार पीड़ित महिलाओं को अब पांच लाख और 8.5 लाख रुपए तक की सहायता राशि मिलेगी। साथ ही अन्य प्रकार के गंभीर अत्याचार झेलने वाली महिलाओं को मुकदमे की सुनवायी पूरी होने पर सहायता राशि दी जाएगी, भले ही मामले में किसी को दोषी ठहराया गया हो या नहीं। सरकार की ओर से अधिसूचित अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निरोध) संशोधन अधिनियम, 2016 में एससी-एसटी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की परिभाषा में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार शब्दों को विशेष रूप से शामिल किया गया है ताकि उन्हें अधिनियम के तहत राहत मिल सके। नए कानून के तहत पीड़ित को मिलने वाली राहत राशि की खिड़की 75,000 हजार से लेकर 7.5 लाख रुपए कर दी गयी है जो पहले 85,000 रूपए से लेकर 8.5 लाख रूपए थी। नए कानून के अनुसार, एससी.एसटी महिलाओं के साथ हुए किसी भी अत्याचार की जांच और मामले में आरोपपत्र दायर करने की प्रक्रिया घटना होने के 60 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। इससे पहले आरोपपत्र दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं था, हालांकि जांच 30 दिनों के भीतर पूरी करने की अनिवार्यता थी।

नई दिल्ली: किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने बैंकाक से कोलकाता रूट की एक फ्लाइट में कथित तौर पर एयरहोस्टेस को कॉकपिट में अपने साथ बैठने और सहयोगी पायलट को बाहर बैठने के लिए कहने वाले कमांडर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा, कि पायलट-इन-कमांड को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के उड़ान संबंधी सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के कारण बर्खास्त कर दिया गया। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए के सुरक्षा नियमों के मुताबिक विमान के कॉकपिट में डीजीसीए के अधिकारियों अथवा उसके द्वारा नामित अधिकारियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के प्रवेश की इजाजत नहीं है। बताया जाता है कि सेवा से बर्खास्त किए गए कमांडर ने एयरहोस्टेस को केवल अपनी सीट पर ही नहीं बैठाया, बल्कि उसने केबिन क्रू के प्रमुख के लिए 'अपमानजनक' भाषा भी इस्तेमाल की। स्पाइसजेट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी में आंतरिक शिकायत समिति है, जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून, 2013 के तहत काम करती है।

नई दिल्ली: उत्तराखंड के राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस नेताओं ने 25 अप्रैल से संसद की कार्यवाही शुरू होने पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की निंदा करने वाले कार्यस्थन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा के नोटिस में उत्तराखंड में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को ‘अस्थिर’ करने का आरोप लगा कर मोदी सरकार को घेरने की भी कोशिश की है। नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस में शर्मा ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से उत्तराखंड में सरकार को ‘अस्थिर’ करने और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए मोदी सरकार की निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित कराने का भी आग्रह किया है। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘यह सदन उत्तराखंड में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की आलोचना करता है और संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत वहां अनुचित रूप से राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को अस्वीकार करता है।’ उत्तराखंड की रावत सरकार की बर्खास्तगी और वहां केन्द्रीय शासन लगाने पर शुरू से ही कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है। कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ जनसमर्थन गोलबंद करने के लिए ‘लोकतंत्र बचाओ, उत्तराखंड बचाओ’ मुहिम छेड़ी है।

नई दिल्ली: मशहूर उइगर नेता डोलकुन ईसा को भारत का वीजा मिलने पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत ने यह दांव आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने में चीन के रोड़ा अटकाने के बदले में खेला है। ईसा अगले हफ्ते धर्मशाला में आयोजित होने वाली लोकतंत्र समर्थक कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे। चीन ने भारत के इस कदम पर चिंता जताते हुए कहा है कि ईसा उक आतंकवादी है और उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इसलिए सभी देशों की जिम्मेदारी है कि उसे कानून के हवाले किया जाए। वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) के नेता डोलकुन ईसा जर्मनी में रहते हैं। चीन का आरोप है कि मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं के पीछे ईसा और उसके साथियों का हाथ है। गौरतलब है कि चीन ने यूएन में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो दिया था। भारत ने चीन में आतंकवादी सरगना के तौर पर प्रतिबंधित उइगर नेता डोल्कुन ईसा को भारतीय वीजा मिलने के बारे में अनभिज्ञता जताते हुए कहा है कि वह इस मामले की तथ्यों का पता लगा रहा है।

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