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संयुक्त राष्ट्र: भारत ने 170 से अधिक देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह इस दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है कि उसने विकासशील और विकसित देशों को धरती के बढ़ते तापमान का मुकाबला करने के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के मोर्चे पर काम शुरू करने के लिए एक साथ ला खड़ा किया है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभागार में एक उच्च स्तरीय समारोह में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। समारोह में शासनाध्यक्षों, मंत्रियों, उद्योगपतियों और कलाकारों ने हिस्सा लिया और उसकी मेजबानी संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने की। बान ने कहा, 'यह इतिहास में एक अहम क्षण है। आज आप भविष्य से जुड़े एक संविदापत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। हम समय से होड़ कर रहे हैं।' एक सौ इकहत्तर देशों के जलवायु समझौते के हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने के साथ ही किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते पर एक दिन में ज्यादातर देशों का मौजूद रहना एक रिकॉर्ड है। इससे पहले 1982 में 119 देशों ने समुद्री नियम संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

नई दिल्ली: देशभर में 91 प्रमुख जलाशयों में जल का स्तर घटकर उनकी कुल क्षमता के 22 प्रतिशत पर आ गया है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के मुताबिक, 21 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान इन जलाशयों में 34.082 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी उपलब्ध था। इनकी कुल क्षमता 157.799 अरब घन मीटर की है। मंत्रालय ने कहा कि यह जलस्तर पिछले साल की समान अवधि में उपलब्ध जलस्तर की तुलना में 35 प्रतिशत कम है और इसी अवधि के 10 साल के औसत भंडारण से 24 प्रतिशत कम है। पिछले साल की तुलना में इस साल हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओड़िशा, राजस्थान, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में प्रमुख जलाशयों में जल का स्तर कम है। केवल दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर भंडारण है। पश्चिम बंगाल में जलस्तर पिछले साल के समान है। 13 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान जलस्तर 35.839 अरब घन मीटर था जोकि इनकी कुल भंडारण क्षमता का 23 प्रतिशत है।

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के सदस्य रहे नरेंद्र जाधव, भाजपा  नेता सुब्रमण्यन स्वामी और नवजोत सिंह सिद्धू सहित छह लोगों को मोदी सरकार ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इस सूची में मलयालम अभिनेता सुरेश गोपी, पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता और मुक्केबाज मैरी कॉम को भी जगह मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मोदी सरकार की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अलग-अलग क्षेत्रों की छह हस्तियों को संसद के उच्च सदन के लिए मनोनीत किया। प्रवक्ता ने बताया कि इन छह हस्तियों के उच्च सदन में मनोनयन के बाबत औपचारिक अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी। केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति साहित्य, विज्ञान, खेल, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों से चुने गए लोगों को राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत करते हैं। 62 साल के नरेंद्र जाधव अर्थशास्त्री हैं। वह यूपीए सरकार के शासनकाल में 2010 से 2014 तक सोनिया गांधी की अगुवाई वाली एनएसी के सदस्य थे। वह 2009 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य भी रहे हैं। जाधव पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले संसद के अगले सत्र में देश में सूखे के मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी की है तथा कई सदस्यों ने इस पर चर्चा के लिए पहले ही नोटिस दे दिये हैं। विपक्षी दल सूखे पर सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर समस्या पर ‘आंखें मूंदने’ का आरोप लगाते रहे हैं। विपक्षी दल साथ ही सरकार पर इस पर इसके कारण देश में हुए जलसंकट पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए कहते रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद और उनकी पार्टी के सहयोगियों आनंद शर्मा, हुसैन दलवई, भुवनेश्वर कलिता, रजनी पाटिल, विप्लव ठाकुर, मोहम्मद अली खान, ए यू सिंह देव (बीजद), के सी त्यागी (जदयू), सतीश चंद्र मिश्र (बसपा), निर्दलीय सदस्य राजीव चंद्रशेखर एवं मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी इस संबंध में राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी को पहले ही नोटिस दे चुके हैं जिसे स्वीकार कर लिया गया है। नोटिस में ‘वर्तमान सूखे से उत्पन्न होने वाली गंभीर स्थिति, गर्म हवाओं और उसके परिणामस्वरूप देश में जलसंकट तथा इस संबंध में सरकार की ओर किये गए उपायों’ पर चर्चा की बात कही गई है।

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