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नई दिल्ली: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक को संसद में पेश करने के लिए सरकार ने आज (गुरूवार) कोई समय सीमा बताने से इंकार कर दिया और कहा कि पार्टियों के भीतर इस पर आम सहमति की जरूरत है। लोकसभा में विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और राज्यसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि लोकसभा में विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मुहैया कराना सरकार का प्रयास है। गौड़ा ने कहा, ‘संसद में संविधान संशोधन विधेयक लाने से पूर्व इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार की जरूरत है।’ उनसे इस मुद्दे पर जल्द किसी फैसले पर पहुंचने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गयी थी। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा लाया गयी इसी प्रकार का विधेयक 15वीं लेाकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद निष्प्रभावी हो गया था।

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए विपक्ष ने आज (गुरूवार) राज्यसभा में सरकार पर ‘‘राष्ट्रवाद के नाम पर मजाक’’ करने का आरोप लगाया और कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और विकास जैसे वास्तविक मुददे हाशिए पर चले गए हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हो रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए जदयू के शरद यादव ने आरोप लगाया कि सरकार वास्तविक मुद्दों की कीमत पर ‘‘राष्ट्रवाद के नाम पर मजाक’’ कर रही है। यादव ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी ऐसा राष्ट्रवाद नहीं देखा। इस क्रम में उन्होंने जेएनयू की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति बन गयी है कि अब लोग देश में सुरक्षित महसूस नहीं करते। उन्होंने कहा कि युवाओं के खिलाफ 1860 के कानून का उपयोग किया जा रहा है। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया गया है और कालाधन लाने में भी सरकार नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि कभी भी दाल की कीमत इतनी नहीं हुयी थी जितनी इस सरकार के कार्यकाल में पहुंच गयी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हुए जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने विश्व विद्यालय परिसर में जेल से लौट कर छात्रों के बीच खुलकर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार और भाजपा एवं उसकी छात्र इकाई एबीवीपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'हमारी किसी के प्रति कोई नफरत नहीं और एबीवीपी के प्रति तो बिल्‍कुल नहीं। उन्होंने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है। इस बार पढ़ा कम, झेला ज्यादा।उन्होंने कहा कि हम एबीवीपी को विपक्ष की तरह देखते हैं। कन्हैया ने प्रधानमंत्री से भारी वैचारिक मतभेद का ज़िक्र करते हुए कहा कि जेएनयू पर हमला नियोजित था,पीएम 'मन की बात' करते हैं, सुनते नहीं हैं।कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे 29 वर्षीय कुमार ने परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री के साथ कई मतभेद थे लेकिन वह उनके ‘सत्यमेव जयते’ वाले ट्वीट से सहमत हैं जो उन्होंने जेएनयू विवाद पर लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के उग्र लहजे वाले भाषण पर किया था क्योंकि यह संविधान में है।

नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत के निर्णय को मानना हम सब की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी है। गुरुवार सुबह कांग्रेस सदस्यों ने तमिलनाडु सरकार के निर्णय पर लोकसभा में गहरा एतराज व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे किसी कदम से देश की अखंडता और एकता पर आघात लगेगा और गृह मंत्री को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। प्रश्नकाल के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु सरकार का पत्र मिला है। पत्र पर गौर कर रहे हैं। इस मामले में शीर्ष अदालत का फैसला आ चुका है। शीर्ष अदालत के फैसले के अनुपालन करना हम सब की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेवारी है। हमें उसके अनुसार चलना चाहिए। इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में तमिलनाडु सरकार ने ऐसे लोगों की सजा को माफ करने की बात कही है जो अदालत से दोषी करार दिये गए हैं। उन्होंने कहा, 'इस मामले में दोषियों को संविधान, सीआरपीसी के तहत दंड दिया गया है।

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