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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से संसद सत्र शुरू हुआ है, समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना का मुद्दा उठाने की कोशिश की है। सदन नहीं चला, लेकिन हमारी मांग अब भी वही है।

हम संभल की घटना पर अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं। वहां के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, मानो वे भाजपा के कार्यकर्ता हों। संभल की घटना भाजपा की सोची-समझी रणनीति है, ताकि लोगों को दूसरे मुद्दों से भटकाया जा सके। उन्होंने कहा कि जो लोग हर जगह खुदाई करना चाहते हैं, एक दिन वे देश की सौहार्द्रता और भाईचारे को खो देंगे।

बांग्लादेश मुद्दे पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि "भारत सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए, ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए, अगर वे हमारे संतों का सम्मान नहीं कर सकते तो वे एक मजबूत सरकार होने का दावा कैसे कर सकते हैं।

नई दिल्ली: ख्वाजा ख्वाजगान सुल्तान-उल-हिंद हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह को "शिव मंदिर" बताए जाने को जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत के दिल पर हमला करने जैसा बताया। मौलाना मदनी ने देशभर में मस्जिदों के संबंध में जारी अराजकता पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

‘अदालत को ऐसे दावे तुरंत खारिज कर देने चाहिए’

उन्होंने इस संबंध में उत्तरकाशी (उत्तराखंड) की जामा मस्जिद के खिलाफ अभियान और स्थानीय प्रशासन की ओर से संप्रदायिक तत्वों को पंचायत की अनुमति दिए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हर जगह सरकारों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके परिणाम देश में अराजकता और घृणा के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से मांग की है कि वह ऐसे तत्वों को संरक्षण देने से दूर रहें, अन्यथा इतिहास उनके आचरण को माफ नहीं करेगा। मौलाना मदनी ने कहा कि जहां तक अजमेर शरीफ की दरगाह का मामला है, तो इस संबंध में किया जाने वाला यह दावा हास्यास्पद है।

नई दिल्ली: मतदान बूथ में मतदाताओं की अधिकतम संख्या बढ़ाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से लिखित हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट में दाखिल याचिका में किसी बूथ में अधिकतम मतदाता संख्या 1200 से बढ़ा कर 1500 करने को चुनौती दी गई है। इसे मतदाताओं के हितों के खिलाफ बताया गया है।

इस तरह की याचिकाएं लोगों में भ्रम पैदा करती हैं: चुनाव आयोग का वकील 

इंदु प्रकाश सिंह नाम के याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रति बूथ वोटर की अधिक संख्या से वहां लंबी लाइन लगेगी। इससे मतदाता वोटिंग के प्रति हतोत्साहित होगा। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच में हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने याचिका का विरोध किया। आयोग के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं लोगों में भ्रम पैदा करती हैं। चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह व्यवस्था 2019 से है। इसे अब चुनौती देने का कोई आधार नहीं। उन्होंने कहा कि हर बूथ में मतदाता संख्या तय करने से पहले राजनीतिक दलों से चर्चा भी की जाती है।

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष अपने तमाम मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहा है, वहीं उसका आरोप है कि सत्ता पक्ष की तरफ से उनकी मांगें न माने जाने के कारण संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है। जिसकी वजह से संसद के महत्वपूर्ण छह दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। इसे लेकर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तमाम दलों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में दोनों पक्षों (सरकार और विपक्ष) में गतिरोध खत्म करने के साथ संविधान पर बहस की भी सहमति बन गई है। जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के अनुसार, 13 और 14 नवंबर को लोकसभा में और 16-17 नवंबर को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कल से संसद के सुचारु तरीके काम करने की उम्मीद जताई है।

इस बैठक में टीडीपी के लवू श्री कृष्ण देवरायलू, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, डीएमके सांसद टी आर बालू , एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले, सपा के धर्मेंद्र यादव, जेडी(यू) के दिलेश्वर कामैत, आरजेडी के अभय कुशवाह, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और सीपीआई(एम) के राधाकृष्णन शामिल हुए।

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