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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही, दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा और राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा और अडानी के मुद्दे को लेकर हंगामा किया। जिसके बाद लोकसभा को स्थगित कर दिया गया। वहीं राज्यसभा में शुरुआत में थोड़ी शांति रही, लेकिन इसके बाद हंगामा शुरू हो गया, जिससे सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी।

सोमवार को भी संसद की कार्यवाही के शुरुआती घंटे हंगामे की भेंट चढ़ गए। लोकसभा के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में शुरुआत में थोड़ी शांति रही, लेकिन इसके बाद हंगामा शुरू हो गया, जिससे सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में शोरशराबे की बीच कार्यवाही को कल तक के लिए  स्थगित कर दिया गया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं से कहा कि 'वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए मनाएं।' दरअसल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की सदस्यता वाली पीठ ने सुनवाई की।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध का अधिकार: कोर्ट

पीठ ने कहा कि 'हमने देखा कि उन्हें (डल्लेवाल) रिहा कर दिया गया है और उन्होंने शनिवार को एक साथी प्रदर्शनकारी को भी आमरण अनशन समाप्त करने के लिए राजी किया है'। पीठ ने कहा कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अदालत ने नोट कर लिया है और इन पर विचार किया जा रहा है। पीठ ने याचिकाकर्ता डल्लेवाल की वकील से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर आज दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इसकी वजह से नोएडा से दिल्‍ली आने वाले रास्‍तों पर लंबा जाम नजर आ रहा है। चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट, महामाया फ्लाइओवर... पर भारी जाम देखने को मिल रहा है। बीते 27 नवंबर से किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर और इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण पर धरना और प्रदर्शन किया, अब आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण यानि आज 2 दिसंबर को वे संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। इसके लिए प्रदर्शनकारी किसान पहले महामाया फ्लाई ओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटना शुरू हो गए हैं और दिल्ली की ओर ट्रैक्टरों से मार्च करने पर अड़े हुए है।

पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैरियर लगा दिये गए हैं। दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्ध नगर पुलिस चेकिंग कर रही है। किसानों को दिल्‍ली में दाखिल होने से रोका जा रहा है। इस बीच कई रूट डायवर्ट किए गए हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भुवनेश्वर से भाजपा सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जेपीसी के अध्यक्ष ने रिपोर्ट पेश करने की तारीख को 2025 में बजट सत्र की आखिरी तारीख तक बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हर बार जेपीसी वक्फ संशोधन विधेयक पर बैठक करती है और विपक्षी नेता हंगामा करते हैं।

वक्फ बिल में सरकार ने रखें है 44 संशोधन के प्रस्ताव

अपराजिता सारंगी ने कहा कि वे किसी भी तरह के तर्क या बहस से भागते हैं। सरकार के पास हर तरह के संशोधन के लिए एक कारण होता है। विपक्षी नेता केवल प्रस्तुति की तारीख में विस्तार चाहते थे। उन्होंने कहा कि जब भी वक्फ संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बैठती है और विपक्ष के नेता हंगामा करते हैं, शोर शराबा करते हैं। सरकार ने जो 44 संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इस पर किसी भी तरह की रचनात्मक आलोचना से भागते हैं और जहां तक सरकार का सवाल है, सरकार हर एक प्रस्तावित संशोधन के भविष्य में कारण से खड़ी है।

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