ताज़ा खबरें
सेना ने पाक में आतंकियों और उनके ढांचे को किया तबाह: डीजीएमओ
सीजफायर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाएं पीएम मोदी: राहुल गांधी
'ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी'- सीजफायर के बीच वायुसेना का बयान
सीजफायर पर पीएम की अध्यक्षता में बुलाई जाए सर्वदलीय बैठक: कांग्रेस

नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेश में प्रमुख हिंदू समुदाय के नेता भाबेश चंद्र रॉय की हत्या की कड़ी निंदा की है। भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि एक बार फिर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को याद दिलाएं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए।

पिछली घटनाओं के अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं

प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने लिखा है, "हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता श्री भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और नृशंस हत्या पर दुख व्यक्त करते हैं। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के एक पैटर्न को दिखाती है। पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए।"

नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणियों की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘असंवैधानिक'' है और राज्यसभा के किसी सभापति को कभी भी इस तरह का ‘‘राजनीतिक बयान'' देते नहीं देखा गया था। सिब्बल ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच समान दूरी बनाए रखते हैं और वे ‘‘पार्टी प्रवक्ता'' नहीं हो सकते। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी बीच में होती है। वह सदन के अध्यक्ष होते हैं, किसी एक पार्टी के अध्यक्ष नहीं। वे भी वोट नहीं करते हैं, वे केवल तब वोट करते हैं जब बराबरी होती है। उच्च सदन के साथ भी यही बात है। आप विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच समान दूरी पर हैं।''

कपिल सिब्बल का कहना था, ‘‘आप जो कुछ भी कहते हैं वह समान दूरी बनाए रखने वाली होनी चाहिए। आप किसी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हो सकते। मैं यह नहीं कहता कि वह (धनखड़) हैं, लेकिन सैद्धांतिक रूप में कोई भी अध्यक्ष किसी भी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हो सकता। अगर ऐसा लगता है तो आसन की गरिमा कम हो जाती है।''

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में एक बयान में कहा कि "कश्मीर इस्लामाबाद की गले की नस है।" इस पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पाकिस्तान के इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि "कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान का इससे कोई लेना-देना नहीं है।"

"कोई विदेशी चीज गले की नस में कैसे फंस सकती है": भारत

विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान का कश्मीर से एकमात्र संबंध अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्र को खाली करना है।” उन्होंने यह भी पूछा कि "कोई विदेशी चीज गले की नस में कैसे फंस सकती है?" दरअसल, यह बयान सीधे तौर पर पाकिस्तान के उस लंबे समय से चले आ रहे रुख पर करारा प्रहार है, जिसमें वह कश्मीर को अपना हिस्सा बताता आया है।

बता दें कि भारत की कश्मीर नीति हमेशा स्पष्ट रही है। यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है और इसमें बाहरी दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समयसीमा तय किये जाने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं रख सकते, जहां अदालतें भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत मिले कोर्ट को विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24x7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है।

अनुच्छेद 142 के तहत भारत का सुप्रीम कोर्ट पूर्ण न्याय (कम्पलीट जस्टिस) करने के लिए कोई भी आदेश, निर्देश या फैसला दे सकता है, चाहे वह किसी भी मामले में हो। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां जज कानून बनाएंगे, कार्यपालिका का काम स्वयं संभालेंगे और एक सुपर संसद के रूप में कार्य करें।

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार यह निर्धारित किया था कि राष्ट्रपति को राज्यपाल की ओर से विचारार्थ सुरक्षित रखे गए विधेयकों पर संदर्भ प्राप्त होने की तिथि से तीन माह के भीतर निर्णय लेना चाहिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख