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जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए सरकार द्वारा भेजी गई फाइल फिर वापस भेज दी है। राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि वह शॉर्ट नोटिस पर सत्र क्यों बुलाना चाहती है, इसे स्पष्ट करे। इसके साथ ही राज्यपाल ने सरकार से कहा है कि यदि उसे विश्वास मत हासिल करना है तो यह जल्दी यानी अल्पसूचना पर सत्र बुलाए जाने का कारण हो सकता है। राजभवन द्वारा तीसरी बार फाइल लौटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को राज्यपाल से मिले।
राजभवन की ओर से जारी बयान के अनुसार विधानसभा सत्र बुलाने संबंधी सरकार की 'पत्रावली को फिर भेजकर यह निर्देशित किया गया है कि अल्प अवधि के नोटिस पर सत्र आहूत करने का क्या ठोस कारण है इसे स्पष्ट किया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि वर्तमान असामान्य व विषम परिस्थिति में अल्प अवधि के नोटिस पर सत्र क्यों बुलाया जा रहा है। इसमें आगे कहा गया है, ''यह भी उल्लेखनीय है कि यदि इस सत्र में राज्य सरकार को विश्वास मत हासिल करना है तो 'सोशल डिस्टेंसिंग (एकदूसरे से दूरी बनाने) के साथ अल्प कालीन सत्र बुलाया जाना संभव है, जो कि अल्पसूचना पर सत्र बुलाए जाने का युक्तियुक्त कारण हो सकता है।''
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जयपुर: राजस्थान में राजनीतिक संकट थमता नजर नहीं आ रहा है। राज्यपाल कलराज मिश्रा ने एक बार फिर विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इस बीच मुख्यमंत्री एक बार फिर राजभवन पहुंचे। कलराज मिश्रा से मुलाकात से पहले गहलोत ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव तीसरी बार खारिज कर दिया है। वह क्या चाहते हैं, यह जानने के लिए मैं राजभवन जा रहा हूं।
इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्रा ने स्वतंत्रता दिवस 'एट होम' समारोह को रद्द कर दिया है। राजभवन की ओर से जारी बयान में कोरोना वायरस महामारी को वजह बताया गया है। राजभवन की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस केसों में तेजी की वजह से इस साल राजभवन में आयोजित होने वाला वार्षिक 'एट होम' कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। माना जा रहा था कि इसके जरिए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इशारा कर दिया है कि विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर एक बार फिर उनका प्रस्ताव खारिज किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा है कि वह कोरोना वायरस को लेकर भयावह स्थिति और बढ़ते एक्टिव केसों को लेकर चिंतित हैं।
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नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को समन भेजा है। ईडी ने यह समन कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस के लिए जारी किया है और अग्रसेन गहलोत को कल यानी बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने अग्रसेन गहलोत को यह समन 2007-2009 के दौरान उर्वरक निर्यात घोटाले से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के लिए जारी किया है। बीते 22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने इस सिलसिले में उनकी संपत्तियों की तलाशी भी ली थी। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, जांच एजेंसी ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली में फैले 13 स्थानों पर भी छापे मारे थे।
क्या है उर्वरक घोटाला मामला?
उर्वरक घोटाला यूपीए सरकार के समय 2007 से लेकर 2009 के बीच हुआ था। इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी डीआरआई यानी राजस्व खुफ़िया निदेशालय द्वारा दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने मामला दर्ज किया था।
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जयपुर: राजस्थान सरकार ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए संशोधित प्रस्ताव मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा। गहलोत कैबिनेट की बैठक में संशोधित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद इसे राजभवन भेजा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया,' कैबिनेट से मंजूरी के बाद संशोधित पत्रावली आज राजभवन को भेजी गई है।'
सूत्रों के अनुसार सरकार ने अपने संशोधित प्रस्ताव में भी यह उल्लेख नहीं किया है कि वह विधानसभा सत्र में विश्वास मत हासिल करना चाहती है या नहीं। हालांकि, इसमें सत्र 31 जुलाई से सत्र शुरू करने का प्रस्ताव है। राज्य सरकार ने तीसरी बार यह प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा है। इससे पहले दो बार राजभवन कुछ बिंदुओं के साथ प्रस्ताव सरकार को लौटा चुका है।
इससे पहले राजस्थान कैबिनेट की बैठक मंगलवार को यहां हुई जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार 31 जुलाई से सत्र चाहती है।
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