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नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को एलान किया कि वह नई पार्टी बनाएंगे। अगर किसान आंदोलन का समाधान उनके हित में हो जाता है, तो पंजाब में भाजपा के साथ समझौते को लेकर भी वे विचार करेंगे। साथ ही अकाली समूहों से अलग हुए दलों सहित समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का भी विचार करेंगे। बता दें, पिछले महीने अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने की संभावना को खारिज कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने किसानों के आंदोलन पर चर्चा के लिए मुलाकात की थी।

मंगलवार शाम को कई ट्वीट करते हुए अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनके हवाले से लिखा है, 'जल्द ही पंजाब और उसके लोगों के हितों की सेवा करने के लिए अपनी खुद की पार्टी का एलान करेंगे। इन लोगों में हमारे किसान भी शामिल हैं, जो करीब एक साल से अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं।'

चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले और फिर नाटकीय तरीके से इसे वापस लाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने अब नई मांग रख दी है। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा है। नवजोत सिद्धू ने सोनिया गांधी को एक खत भी लिखा हैं। उन्होंने कैबिनेट में नए मंत्री बनाने समेत 13 सूत्रीय एजेंडा पेश किया है।

सिद्धू दो दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। सिद्धू ने तब कहा था कि सभी मुद्दों का समाधान हो चुका है। सिद्धू ने पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कुछ फैसलों से नाराजगी जताते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। हालांकि चन्नी और अन्य नेताओं के मनाने पर वो मान भी गए। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह के साथ उनके मतभेद जगजाहिर थे। बाद में पंजाब में विधायक दल की बैठक बुलाई गई। अमरिंदर ने विधायक दल की बैठक के पहले ही मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।

नई दिल्ली: पंजाब में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिलने दिल्ली पहुंचे। बैठक के बाद सिद्धू ने कहा कि मैंने पंजाब और पंजाब कांग्रेस से संबंधित मेरी चिंताओं से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया है। 

सिद्धू ने आगे कहा कि मुझे कांग्रेस में, प्रियंका गांधी में और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है। वह जो भी निर्णय लेंगे, वह कांग्रेस और पंजाब की बेहतरी के लिए ही होगा। मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा। प्रदेश में नवगठित चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के कुछ फैसलों से खफा सिद्धू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। 

वहीं, हरीश रावत ने इस मुलाकात के बाद कहा कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला उन्हें पूरी तरह स्वीकार होगा। पार्टी के निर्देश साफ हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्य करना चाहिए औप संगठनात्मक ढांचा तैयार कना चाहिए। इस संबंध में कल एक घोषणा की जाएगी।

चंडीगढ़: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को तीन राज्यों की सीमाओं के साथ एक व्यापक बेल्ट पर बढ़ाने के केंद्र के कदम ने पंजाब में एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है। केंद्र के इस कदम ने राज्य में कांग्रेस बनाम कांग्रेस संकट को बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस फैसले पर हमला किया क्योंकि वह अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए थे।

गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी की सीमा के भीतर और सीमा के साथ किया जाएगा। इस आदेश के बाद बीएसएफ अमृतसर, तरनतारन और पठानकोट में राज्य पुलिस की शक्तियों को दबाकर क्षेत्र में गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती कर सकती है। स्वर्ण मंदिर पाकिस्तान के साथ अटारी सीमा से लगभग 35 किमी दूर है। इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं का अंबार लगने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।

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