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चंडीगढ़: केन्द्र के कृषि कानूनों को काउंटर करने के लिए पंजाब सरकार 19 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एक कानून लाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, यह बैठक एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। मुख्यमंत्री ने इससे पहले यह एलान किया था कि उनकी सरकार संघीय विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विधायी, कानूनी और अन्य रास्तों के जरिए लड़ेगी।

कुछ दिनों पहले, सीएम ने कहा था कि वह केंद्रीय कानूनों के "खतरनाक प्रभाव" को नकारने के लिए राज्य के कानूनों में आवश्यक संशोधन लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे, जिसे किसानों के साथ-साथ राज्य की कृषि और अर्थव्यवस्था को "बर्बाद" करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बयान में कहा गया कि कैबिनेट के फैसले के साथ पंजाब के राज्यपाल को भारतीय संविधान के आर्टिकल 174 के क्लॉज (1) के मुताबिक 15वीं पंजाब विधानसभा के 13वें (विशेष) सत्र को बुलाने की मंजूरी दे दी है।

चंडीगढ़: पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में जारी ‘रेल रोको' प्रदर्शन के कारण राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह बात कही। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से आंदोलन में ढील देने की अपील की है ताकि मालगाड़ियों की आवाजाही हो सके।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर मालगाड़ियां चलनी शुरू नहीं होतीं तो मुझे डर है कि बिजली कटौती हो सकती है और राज्य में पूरी तरह विद्युत आपूर्ति बाधित भी हो सकती है।'' पंजाब में बेमियादी ‘रेल रोको' आंदोलन के कारण मालगाड़ियां नहीं चल पा रही हैं और इस कारण ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वेणुप्रसाद ने कहा, ‘‘हमारे पास दो दिन का कोयला बचा है।'' अधिकारियों के अनुसार लेहरा मोहब्बत, रोपड़ और जीवीके तापीय विद्युत संयंत्र पहले ही बंद हो चुके हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज पत्रकार वार्ता कर हाथरस की घटना और कृषि कानूनों पर अपनी बात रखी। राहुल ने हाथरस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी निशाना साधा। वहीं, कांग्रेस नेता ने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि ये खाद्य सुरक्षा के मौजूदा ढांचे को तोड़ने की दिशा में एक कदम है। राहुल गांधी पिछले दो दिनों से पंजाब में हैं और ट्रैक्टर रैली के जरिए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। राहुल ने पटियाला में पत्रकारों से बात की और कृषि कानूनों को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहे। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले नोटबंदी हुई, तो गरीब जनता पर हमला हुआ। फिर जीएसटी आई, तो कारोबारियों पर हमला। अब अचानक लॉकडाउन लागू कर दिया, तो गरीब सड़क पर मर गया। राहुल ने कहा कि जब मैंने कोरोना पर अपनी बात रखी तो मेरा मजाक उड़ाया गया। एक व्यक्ति ने कहा कि 20-21 दिनों में कोरोना से लड़ाई खत्म हो जाएगी, लेकिन उन्हें नहीं पता कि कोरोना क्या चीज है।

संगरूर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों से किसानों और मजदूरों को वैसे ही खत्म कर रहे हैं जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को बर्बाद कर दिया था। राहुल ने एक सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की कोई भी नीति गरीबों, किसानों या मजदूरों के कल्याण के लिए नहीं थी। उन्होंने कहा, ''सभी नीतियां उनके तीन-चार चुनिंदा दोस्तों के लिए बनाई गई हैं।"

राहुल गांधी ने अनाजों की खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ''इस प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है और अधिक संख्या में मंडियों को स्थापित करने की आवश्यकता है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने की, किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने, भंडार गृह स्थापित करने की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ''नरेंद्र मोदी व्यवस्था को मजबूत नहीं कर रहे हैं... अगर मोदी बेहतर पीडीएस देते हैं और एमएसपी की गारंटी देते हैं, ज्यादा मंडियां देते हैं तो अंबानी और अडानी पैसा नहीं बना सकते।''

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