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नई दिल्ली: किसान बिल को लेकर नाराज चल रही शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए के साथ अपना नाता तोड़ लिया है। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच उस समय नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी जब किसान बिल के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। एनडीए से अलग होने का फैसला अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमिटी के साथ बैठक मे लिया है। इस बैठक में पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे।

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संसद में पेश किए गए कृषि से संबंधित दो विधेयकों के विरोध में पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं और अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी भी थी। लेकिन अब शिरोमणि अकाली दल ने एनडीएस ने नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ एनडीए के साथ लगभग 22 साल पुराना रिश्ता टूट गया है।

चंडीगढ़: तीन अहम कृषि बिल के खिलाफ पंजाब के किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। आज (गुरुवार, 24 सितंबर) से किसानों ने राज्य में तीन दिनों का रेल रोको आंदोलन शुरू किया है। अमृतसर, फिरोजपुर जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए हैं। दिल्ली की तरफ आने-जाने वाली गाड़ियां बाधित हुई हैं। किसानों ने 25 सितंबर यानी शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का एलान किया है। 

14 ट्रेनें कैंसल; कल राज्य बंद

इस वजह से फिरोजपुर रेल मंडल ने 14 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके बाद एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए किसानों ने बंद का आह्वान किया है।कोरोनो वायरस महामारी के बीच पंजाब में बढ़ते  किसानों के विरोध-प्रदर्शनों से पता चलता है कि संसद में बिल भले ही पारित हो गए हों। किसान उन्हें स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं। किसानों को चिंता सता रही है कि अगर एक बार मंडी के बाहर खरीद शुरू हो गई, तो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली से हाथ धोना पड़ सकता है।

चंडीगढ़: कृषि सुधार को लेकर राज्यसभा में पारित विधेयकों को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्र सरकार ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित कर दिया है। सरकार की तरफ से समय से पहले ही इसकी घोषणा की गयी है। लेकिन पंजाब और हरियाणा में किसान नेताओं की तरफ से जारी विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। देश भर में इन्हीं दो राज्योें में इस बिल का सबसे अधिक विरोध देखा जा रहा है। 

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार के इस बिल का शुरुआती दिनों से विरोध करते रहे हैं। सरकार की तरफ से एमएसपी जारी किये जाने को उन्होंने ''भ्रामक'' करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि बिलों को लेकर किसानों के विरोध का मखौल केंद्र सरकार की तरफ से बनाया जा रहा है। कृषि बिल एमएसपी प्रणाली को समाप्त करने और भारतीय खाद्य निगम को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।" साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने सोचा है कि वह आंदोलनकारी किसानों को इस एमएसपी से आकर्षित कर लेगी तो उन्हें स्पष्ट रूप से स्थिति अभी समझ में नहीं आयी है। 

चंडीगढ़: सांसद और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को राष्ट्रपति से संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं देने और उनसे संसद में पुनर्विचार को दोबारा भेजने की अपील की है। सुखबीर ने आगे कहा कि ये विधेयक पारित होने से लोकतंत्र और देश के लाखों लोगों के लिए दुखद दिन का संकेत होगा। लोकतंत्र का अर्थ आम सहमति है, न कि बहुमत उत्पीड़न। सुखबीर बादल ने यह बयान राज्यसभा से तीन विधेयकों में से दो के पास होने के तुरंत बाद कही।

बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा ने रविवार को किसान उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 (सशक्तिकरण और संरक्षण) को पारित किया। उन्हें गुरुवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। राज्यसभा में एक तीसरा विधेयक पारित होना बाकी है।

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