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चंडीगढ़: पंजाब के मोगा से आज (रविवार) राहुल गांधी की खेती बचाओ रैली शुरू हो रही है। इससे पहले राहुल गांधी ने यहां विशाल जनसभा को संबोधित किया। हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिस परिवार की बेटी मारी गई उनको ही घर में बंद कर दिया। मुख्यमंत्री ने उनको धमकाया। यह है हिंदुस्तान की हालत। जो अपराध करता है उनके खिलाफ कुछ नहीं होता है और जो मारा जाता है कुचला जाता है और दबाया जाता है उनके खिलाफ कार्रवाई होती है।

मामला पैसे और आप की जमीन का है

राहुल गांधी ने कहा कि सारा मामला किसान की जमीन और पैसे का है। पहली बार मैंने इसे भट्टा परसौल में देखा। जब भी ये चाहते थे किसानों की जमीन छीन लेते थे। हमने भूमि अधिग्रहण कानून को बदला। आपकी जमीन की रक्षा की। बाजार दर से चार गुना ज्यादा मूल्य दिलाया। नरेंद्र मोदी आए और उन्होंने हमारे नए कानून को रद्द किया। किसान की जमीन के लिए हम संसद में लड़े भी। 

चंडीगढ़: गांधी जयंती पर भी कृषि कानून के विरोध में पंजाब के किसानों का प्रदर्शन एवं रेल रोको आंदोलन जारी है। शुक्रवार को किसानों के प्रदर्शन का नौंवा दिन है। अमृतसर में किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी पटरी पर बैठी है। प्रदर्शन पांच अक्तूबर तक जारी रहेगा।

वहीं जंडियाला गुरु के गांव देवीदासपुर के रेलवे ट्रैक पर बैठी किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी को 31 किसान संगठनों का भी समर्थन मिल गया। मीडिया से बातचीत में संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शिअद (बादल) ने कॉरपोरेट घरानों के इशारों पर किसानों के समानांतर आंदोलन शुरू कर दिया है। सुखबीर बादल की जट सिखों के वोट पर नजर है।

उन्होंने गांवों के लोगों से अपील की कि वे हर चौराहे पर कॉरपोरेट घरानों के उत्पाद फूंककर उन पर पाबंदी लगाने के लिए आगे आएं। पंजाब के सभी रागी जत्थे, ढाडी जत्थे, कवि-लेखकों के साथ-साथ पंजाब फिल्म इंडस्ट्री के सभी एक्टर और गायक कॉरपोरेट घरानों के उत्पादों के खिलाफ उनका सहयोग करें।

चंडीगढ़: कृषि कानून के विरोध में चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल की ओर से निकाले गए मार्च पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया है। चंडीगढ़ के मुल्लापुर बैरियर के पास पुलिस ने मार्च में शामिल लोगों पर लाठीचार्ज किया है। इसके अलावा मार्च में शामिल हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

बता दें कि कृषि विधेयक के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुकी हैं। यहां तक कि कृषि विधेयक के संसद में पास होने के बाद अकाली दल ने एनडीए से भी अपना नाता तोड़ लिया है। कृषि कानून के विरोध में कई विपक्षी पार्टियां लामबंद है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रही है।

वहीं, मोहाली में जीरकपुर में भी अकाली दल के विरोध मार्च के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल समते कई पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों से पारित तीन कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। यानी अब ये कानून बन गए हैं। इस कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर विधायक और मंत्रियों के साथ भगत सिंह की जन्मस्थली पर धरने पर बैठ गए हैं। वहीं राहुल गांधी के पंजाब आकर कानून का विरोध कर रहे किसानों का नेतृत्व करने की उम्मीद है। 

कृषि कानून के विरोध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टम अमरिंदर सिंह शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनके जन्मस्थान में धरना दे रहे हैं। उनके साथ मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता भगत सिंह के गांव खटकर कलां में धरने पर बैठ गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत भी धरने में शामिल हो गए हैं। धरना शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री ने भगत सिंह की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। कृषि एक राज्य का विषय है लेकिन कृषि कानून हमें बिना पूछे पारित कर दिया गया है। यह पूरी तरह असंवैधानिक है।'

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