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हैदराबाद: तेलंगाला के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राजग सरकार पर राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज को लेकर हमला बोलते हुए उस पर राज्यों के साथ भिखारियों वाला बर्ताव करने और एफआरबीएम कानून के तहत उधार सीमा बढ़ाने के लिए हास्यपद शर्तें लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह धोखाधड़ी! विश्वासघात है! अंकों का हेरफेर है। केन्द्र ने खुद ही अपनी प्रतिष्ठा घटा दी है। राव ने कहा, 'यह एक बेकार पैकेज है। यह पूरी तरह से एक सामंती नीति और तानाशाही रवैया है। हमने इसकी तो मांग नहीं की थी।'

राव अभी तक हालांकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए केन्द्र के सभी उपायों का समर्थन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि जब वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति बेहाल है तब राज्य सरकार को लोगों की मदद करने के लिए कोष चाहिए। उन्होंने कहा जब हमने इसकी मांग की तो आपने राज्यों के साथ भिखारी वाला बर्ताव किया, केन्द्र ने किया क्या है?

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए उनसे कोरोना लॉकडाउन से निकलने पर चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई चीजों पर उनके साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। पीएम मोदी ने प्रवासी मजदूरों को लेकर कहा कि घर जाने की चाहत का होना यह एक मानवीय स्वभाव है। यही वजह रही कि उन्हें कुछ फैसलों में संशोधन करना पड़ा। मुख्यमंत्रियों के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं।

तेलंगाना सीएम ने ट्रेन सेवा शुरू करने का किया विरोध

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस बात पर आशंका जाहिर की है कि ट्रेन सेवा की शुरुआत होने पर कोरोना संक्रमण फैल सकता है और स्क्रीनिंग करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। ट्रेन सेवा की इजाजत नही दी जानी चाहिए। हम चाहते हैं कि केन्द्र पर्याप्त रणनीति तैयार करें और ट्रेन सेवा को रोका जाना चाहिए।”

नई दिल्ली: कोरोना संकट को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने राज्य में लॉकडाउन को 29 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का ऐलान किया है। लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से कहा है कि वो आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी शाम 6 बजे तक कर लेनी चाहिए। इसके बाद लोगों को घर में ही रहना है। शाम 7 बजे के बाद राज्य में कर्फ्यू लग जाएगा। ऐसे में अगर कोई बाहर निकलता है कि पुलिस उसके खिलाफ एक्शन लेगी। बता दें कि तेलंगाना में कोरोना वायरस के 1085 मरीज सामने आ चुके हैं। जबकि 585 लोग या तो ठीक हो चुके हैं या फिर उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। राज्य में कोरोना वायरस से अभी तक 29 लोगों की मौत हुई है।

वहीं, तेलंगाना सरकार पर लॉकडाउन के दौरान किसानों को पर्याप्त राहत देने तथा उनके उत्पाद खरीदने में विफल रहने का आरोप लगाते हुये मंगलवार को विपक्षी दलों ने विभिन्न स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन किया।

हैदराबाद: लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों को लेकर राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुट गई हैं। तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो आज रात को झारखंड पहुंच जाएगी। बता दें कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेलवे ने पहली बार तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई।

आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, '24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।' उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है। संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है। इस विशेष ट्रेन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि देश के कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जाएगा। फिलहाल मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का फैसला नहीं हुआ है लेकिन रेल मंत्रालय का कहना है कि इसे राज्य सरकार की अपील पर चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है।

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