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हैदराबाद के चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत

हैदराबाद: तेलंगाना की विभिन्न अदालतों और न्यायिक विभागों में काम करने वाले करीब 8,000 कर्मी शुक्रवार को राज्य में आंदोलनरत न्यायाधीशों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए बेमियादी हड़ताल पर चले गए, जिससे अदालतों का कामकाज ठप पड़ गया और मुकदमों में उलझे लोग असहाय नजर आए। हैदराबाद स्थित हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले सहित अन्य न्यायाधीशों ने आंदोलन कर्मियों एवं न्यायिक अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी ‘अवैध’ हड़ताल और अपना आंदोलन तुरंत खत्म करें और जनहित में अपने काम पर लौटें। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में भी चेतावनी दी गई कि यदि हड़ताल तुरंत नहीं रोकी गई तो उसे अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा ताकि वादियों-प्रतिवादियों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाई जा सके। इन कर्मियों नेहाई कोर्ट के बंटवारे और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों की अस्थायी नियुक्ति की सूची को वापस लेने सहित अन्य मांगें रखी हैं। अखिल भारतीय न्यायिक कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव बी लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि सभी 10 जिलों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। रेड्डी ने बताया, ‘आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों की नियुक्ति सूची को हम तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। हमारी मांग है कि हाई कोर्ट का बंटवारा होना चाहिए। हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

हैदराबाद: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि कल यहां गिरफ्तार किए गए पांच व्यक्तियों को पश्चिम एशिया स्थित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से भारत में आतंकी गतिविधियों की सजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए दिशानिर्देश मिल रहे थे। आईएस के साथ संलिप्तता वाले एक गुट से जुड़े होने के संदेह और बम हमले की साजिश रचने के आरोप में एनआईए द्वारा शहर से गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपियों को एनआईए ने भारी सुरक्षा घेरे में मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। न्यायाधीश ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि जांच एजेंसी ने और पूछताछ के लिए उनकी पुलिस हिरासत की मांग करते हुए एक याचिका दी थी। एनआईए की पुलिस हिरासत की मांग से जुड़ी याचिका पर आज सुनवाई की जा सकती है। आरोपियों को बाद में चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार भेज दिया गया। एनआईए ने यहां पुराने शहर के विभिन्न इलाकों में खोजबीन करने के बाद पांच युवकों को कल गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने हैदराबाद पुलिस की मदद से शहर में 10 स्थानों पर खोजबीन करने के बाद कल मोहम्मद इब्राहिम यजदानी उर्फ इब्बू, हबीब मोहम्मद उर्फ सर, मोहम्मद इलयास यजदानी, अब्दुल्ला बिन अहमद अल अमूदी और मुजफ्फर हुसैन रिजवान को गिरफ्तार किया।

हैदराबाद: एनआईए ने हैदराबाद के पुराने शहर में बुधवार को कई जगहों पर छापेमारी के बाद आईएस से जुड़े होने के संदिग्ध एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया, जिसमें पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं एक आईटी पेशेवर समेत छह अन्य को हिरासत में लिया गया है। ये संदिग्ध शहर के कई इलाकों को बम धमाकों से दहलाना चाहते थे, इनके निशाने पर वीवीआईपी, मॉल्स, शॉपिंग सेंटर्स और चारमीनार के इलाके थे । ऐसी भी सूचना है कि वे लोग भाग्यलक्ष्मी मंदिर में गोमांस रखकर दंगा करना चाहते थे। बताया जाता है कि गिरफ्तार आरोपी नियमित तौर पर आईएस के हैंडलर शफी अरमर के संपर्क में थे। जांच एजेंसी लगातार इन युवकों पर नजर रखे हुए थी। एनआईए के एक सूत्र के अनुसार, दुबई से इनके लिए फंड भेजा जा चुका था। एजेंसी ने कहा कि तलाशी के बाद हिरासत में लिये गये लोगों में स्नातक तक की पढ़ाई कर चुके कुछ युवा भी हैं। एनआईए ने एक बयान में कहा, हमने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बाकी छह संदिग्धों से पूछताछ और उनकी भूमिका की पड़ताल जारी है। एनआईए और हैदराबाद पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों को उनके पास से 15 लाख रुपये नगदी के साथ हथियार, कारतूस, यूरिया, तेजाब, कुछ रसायन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली है। उन्होंने कहा कि ये युवक आईएस के अपने आकाओं के कहने पर काम कर रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, एनआईए ने कुछ संदिग्ध आतंकी गतिविधियों को लेकर छापेमारी की, जिन्हें शहर में अंजाम देने की साजिश थी।

हैदराबाद: केन्द्रीय कानून मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने आज (मंगलवार) कहा कि तेलंगाना के लिए नये हाईकोर्ट के गठन में केन्द्र की कोई भूमिका नहीं है। गौडा ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के इस आरोप को खारिज किया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस मुद्दे पर ‘असंवेदनशील’ है और राजनीतिक दबाव में इस मुद्दे को खींच रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार का रूख ‘अस्वीकार्य एवं बर्दाश्त से बाहर है।’ उन्होंने कहा कि नये हाईकोर्ट का गठन मुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के साझा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के हाथ में है। गौडा ने कहा, ‘यह हमारे हाथों में नहीं है। तेलंगाना के लिए नए हाईकोर्ट का गठन मुख्यमंत्री और उस हाईकोर्ट (आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के लिए यह साझा है, और जून 2014 में पूर्व राज्य के विभाजन के बाद जिसका विभाजन नहीं हुआ है) के मुख्य न्यायाधीश के हाथों में है।’ इससे पहले आज टीआरएस सांसद के. कविता ने आरोप लगाया कि आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद हाईकोर्ट के विभाजन के मुद्दे पर केन्द्र ‘असंवेदनशील’ है और उनके पिता एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव इसके खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन से भी नहीं हिचकेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के राजनीतिक दबाव में केन्द्र द्वारा इस मामले को खींचा जा रहा है।

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