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एस जयशंकर से पहले सेना दे चुकी है राहुल गांधी के सवाल का जवाब
हैदराबाद के चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत

हैदराबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी का प्रयोग पूरी तरह विफल हो गया है और गठबंधन सहयोगी को एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पूरी तरह विफल। वे एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते। वे महज सत्ता के लिए कुर्सी से चिपके हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 और ‘अन्य मुद्दों’ पर पीडीपी भाजपा के रूख के खिलाफ है। यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने का पक्ष लेगी तो सिंह ने कहा, ‘वास्तव में हम राष्ट्रपति शासन लागू करने का समर्थन नहीं करते क्योंकि अरूणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इसका दुरूपयोग हुआ है लेकिन भारत सरकार को कदम उठाना होगा।’ कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान से निपटने में नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘पूरी तरह यू टर्न’ ले लिया है। उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से जिस तरीके से निपट रही है हम उसे सही नहीं मानते। ये दोनों विवाद के मुद्दे हैं और मोदी तथा भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में जो वादे किए थे उसके बिल्कुल विपरीत है।’

हैदराबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर अनिच्छुक नहीं हैं तथा उनकी बहन प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, हालांकि अधिकतर पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वे ऐसा करें। पार्टी महासचिव ने बताया कि वह अनिच्छुक नहीं हैं। यह बस समय की बात है। उन्हें अपना समय चुनने दीजिए। राजनीति में समय महत्वपूर्ण होता है। लिहाजा, नेतृत्व को अपना समय स्वयं तय करने दीजिए। सिंह ने कहा कि जहां तक प्रियंका गांधी की बात है, वह अभी तक राजनीति में नहीं हैं। उन्हें राजनीति में आने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह उनका अपना निर्णय है तथा हमें उसका सम्मान करना चाहिए। दिग्विजय ने कहा कि अधिकतकर कांग्रेस जन चाहते हैं कि वे राजनीति में आये और इसमें कोई सन्देह नहीं है। किन्तु वास्तविक समय वहीं तय करेंगी, हम नहीं।

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को केंद्र से कश्मीर में गतिरोध खत्म करने के लिए सभी पक्षों से बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया। ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर में स्थिति इतनी बदतर हो गयी है कि सत्तारूढ़ पीडीपी और विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के साथ ही हुर्रियत जैसे संगठनों का आधार खो चुका है और आखिरकार सरकार को शांति बहाली के लिए कोई नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘पिछले 50 दिनों से कर्फ्यू चल रहा है। कश्मीर में लोग मारे जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं। मैंने कुछ विशेषज्ञों के साक्षात्कार देखे हैं। पीडीपी और नेकां ने अपना राजनीतिक आधार खो दिया है। रॉ प्रमुख ने कहा है कि दक्षिण कश्मीर एक सीमित जोन बन चुका है।’ हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘हुर्रियत वहां जमीन खो चुका है। तो फिर किसके साथ हमें वार्ता शुरू करनी चाहिए? हम अनिश्चितता में फंसे हुए हैं। इसलिए सरकार को वार्ता शुरू करनी चाहिए।’

हैदराबाद: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े ने बेंगलुरू में एमनेस्टी इंटरनेशनल के आयोजन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित भारत विरोधी नारे लगाए जाने के चलते संगठन के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाए जाने को उचित ठहराया है और साथ ही उन्होंने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल यह कहकर अपनी जिम्मेदारियों ‘‘भाग’’ नहीं सकती कि उसके किसी कर्मचारियों ने ये नारे नहीं लगाए। भारत के पूर्व ‘सॉलिसिटर जनरल’ रह चुके हेगड़े ने कहा, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल की जिम्मेदारी क्या है? उन्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि जब आप ऐसे लोगों को लेकर आते हैं और उन्हें कुछ भी कहने की मंजूरी देते हैं, (और) फिर यह कहते हैं कि मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। नहीं, आपने ही उनके लिए यह मंच मुहैया कराया.. आप भी इस अपराध के भागी हैं। आप इससे भाग नहीं सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आजादी (कश्मीर की) के समर्थन में नारे लगाना देशद्रोह है। मेरे मुताबिक तो यह देशद्रोह है।’ उन्होंने कहा, ‘अब आईए इस संस्थान (एमनेस्टी) की विश्वसनीयता पर आते हैं। जब सैनिक मारे जाते हैं तब एमनेस्टी इंटरनेशनल क्या करती है? जब इस देश में अन्य आतंकवादी गतिविधियां होती हैं तब एमनेस्टी इंटरनेशनल क्या करती है? क्या उन्होंने तब इस तरह की किसी बैठक का आयोजन किया है? आप बस थोड़ी सा प्रचार चाहते हैं और जब यह दांव उल्टा पड़ता है तो आप भाग खड़े होते हैं।’

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