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हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें गोरक्षा पर अपने बयानों को कार्य रूप में परिणत करना चाहिए. ओवैसी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान में देरी पर सवाल उठाया और कहा कि सिर्फ कुछ शब्द काफी नहीं होंगे. मोदी को दलितों और मुसलमानों में असुरक्षा के भाव को हटाना पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने शनिवार को गौरक्षकों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि असामाजिक तत्व गौरक्षकों का मुखौटा लगाए हुए हैं. ओवैसी ने कहा कि इन घटनाओं से जुड़ी सभी गौरक्षक समितियां संघ परिवार से जुड़ी हुई हैं. प्रधानमंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'सवाल यह है कि क्या ये महज कुछ शब्द हैं. प्रधानमंत्री को राज्यों में अपने ही लोगों, अपनी पार्टी और भाजपा सरकारों पर लगाम लगानी होगी.' ज ओवैसी ने यह भी कहा कि मोदी को 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान अपने गुलाबी क्रांति के बारे में दिए भाषणों पर दोबारा गौर करना चाहिए. ओवैसी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि उन्हें इस मुद्दे पर बोलने में इतना समय क्यों लगा. ओवैसी ने कहा, 'जब अखलाक को मारा गया, प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. झारखंड में दो मुसलमानों को मारने की घटना पर भी वह चुप रहे. जम्मू के एक ट्रक चालक की मौत की खबर पर भी प्रधानमंत्री चुप रहे.' उन्होंने कहा कि गुजरात के उना में दलितों पर उत्पीड़न का वीडियो देश के घर-घर तक पहुंच गया है, इसलिए प्रधानमंत्री को मजबूरन बोलना पड़ा है.

हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों पर हमले और इसको लेकर राजनीति बंद करने की अपील करते हुए रविवार को कहा, 'आप गोली मारना चाहते हैं तो मुझे मार दीजिए।' भावुक अपील करते हुए पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि वे दलितों की रक्षा और सम्मान करें, क्योंकि इस वर्ग की समाज द्वारा लंबे समय से उपेक्षा की गई है। उन्होंने हैदराबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोई समस्या है, अगर आपको हमला करना है तो मुझ पर हमला करिए, मेरे दलित भाइयों पर हमला बंद करिए। अगर आपको गोली मारनी है, तो मुझे गोली मारिए, लेकिन मेरे दलित भाइयों को नहीं, यह खेल बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर देश को प्रगति करनी है, तो शांति, एकता और सद्भाव के मुख्य मंत्र की उपेक्षा नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'देश के विकास का मुख्य स्रोत देश की एकता है।' उनका यह बयान उस वक्त आया है, जब देश के कई हिस्सों में तथाकथित गौरक्षकों की ओर से दलितों और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने को लेकर एनडीए सरकार को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ 'घटनाएं' संज्ञान में आती हैं तो बहुत दुख होता है। उन्होंने कहा, 'दलितों की रक्षा करना और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए।' मोदी ने कहा कि समाज को जाति, धर्म और सामाजिक हैसियत के आधार पर बंटने नहीं देना चाहिए।

गाजवेल (तेलंगाना): फर्जी गौरक्षकों पर प्रहार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को इनसे सचेत रहने को कहा और राज्यों से इन्हें कड़ा दंड देने को कहा। पशुओं को देश की संपत्ति बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर समाज में तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं कि ऐसे फर्जी गौरक्षकों से सचेत रहें। प्रधानमंत्री ने राज्यों से ऐसे लोगों की पहचान करने को कहा जो समाज के तानेबाने को नष्ट करना चाहते हैं और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद तेलंगाना के पहले दौरे पर आने के बाद एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'ऐसे गिने-चुने कुछ लोगों को उनके निहित स्वार्थ के लिए आपके अच्छे कार्यों को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।' पीएम मोदी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उनकी सरकार और भाजपा को उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में गौरक्षकों द्वारा दलितों, मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों का पर्दाफाश करने की जरूरत है। ताकि ये अपनी कुटिल चाल में सफल नहीं हो सके। शनिवार को दिल्ली में पहले टाउनहॉल संबोधन में भी पीएम मोदी ने कड़े शब्दों में गौरक्षकों को फटकार लगाई थी और कहा था कि इनमें से अधिकांश असामाजिक तत्व हैं और गौरक्षा के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं और इससे उन्हें नाराजगी होती है।

हैदराबाद: यहाँ  पांच लड़कों द्वारा कुत्ते के तीन बच्चों को जिंदा जलाने की शर्मनाक घटना सामने आई है। यही नहीं इन लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाया और फेसबुक पर उसे पोस्ट भी किया। यह घटना हैदराबाद की एक मीनार मस्जिद के पास मुशिराबाद के एक कब्रिस्तान की है। इस वाक्ए को 16 जुलाई को अंजाम दिया गया लेकिन मामला तब सामने आया जब युवकों ने बुधवार को वीडियो फेसबुक पर अपलोड किया। सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही कुछ पशु अधिकारों के लिए लड़ रहे समाजसेवी संगठनों ने आवाज उठाई और वीडियों के आधार पर मुशिराबाद पुलिस ने केस दर्ज किया। वीडियो में साफ दिखाई दिया, जब पांच लड़कों ने लकड़ी से आग जलाकर कुत्ते के तीनों बच्चों को एक साथ बांधकर उसमें फेंक दिया। जब कुत्ते आग में झुलसकर चिल्लाने लगा तो लड़के उन्हें दोबारा आग की तरफ फेंकने लगे। उन्होंने ऐसा तब तक किया जब तक कि कुत्ते के बच्चे पूरी तरह जल नहीं गए। फिलहाल पुलिस इस केस की जांच कर रही हैं और इस घटना में शामिल लोगों की खोज कर रही है।

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