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बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने दुनिया में भूचाल ला दिया है। मामले को लेकर अब चीन और अमेरिका आमने-सामने हैं। ताजा घटनाक्रम में चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते इस टैरिफ वॉर से अब और भी नुकसान होने वाला है।

बीजिंग ने अमेरिका की ओर से लगाए जाने वाले एक्स्ट्रा टैरिफ के खिलाफ ये शिकायत दर्ज कराई है। एक बयान में कहा गया है, "चीन ने चीनी उत्पादों पर अमेरिका की ओर से लगाए जाने वाले 50% अतिरिक्त टैरिफ के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले भी चीन की ओर से ट्रेड ब्लॉक में की गई शिकायतों के बारे में कई रिपोर्टें सामने आई थीं कि अमेरिकी कार्रवाई से वैश्विक व्यापार में अस्थिरता पैदा होने का खतरा है।"

कुछ समय पहले ही चीनी वित्त मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 84 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा रहा है, जो पहले 34 प्रतिशत था।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ बुधवार आधी रात के बाद पूरी तरह से लागू हो गए। ट्रंप ने 2 अप्रैल को जवाबी टैरिफ का एलान किया था। उन्होंने घोषणा की थी कि अमेरिका अब अपने लगभग सभी व्यापारिक साझेदारों पर न्यूनतम 10 फीसदी टैरिफ लगाएगा। वह उन देशों पर अधिक शुल्क लगाएगा, जो उससे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं। 10 फीसदी बेसलाइन शनिवार को पहले ही लागू हो गई थी। इसके बाद दर्जनों देशों पर ट्रंप की उच्च आयात कर दरें आधी रात को लागू हो गईं। इसके तहत भारत पर अब 26 फीसदी टैरिफ प्रभावी हो गया है।

ट्रंप में सबसे ज्यादा टैरिफ 50 फीसदी तक लगाने का एलान किया है। सबसे ज्यादा टैरिफ उन छोटी अर्थव्यवस्थाओं पर लगाया गया है, जो अमेरिका के साथ बहुत कम व्यापार करती हैं, जैसे- अफ्रीकी देश लेसोथो। इसके अलावा मेडागास्कर से आयात पर 47%, वियतनाम पर 46%, ताइवान पर 32%, दक्षिण कोरिया पर 25%, जापान पर 24% और यूरोपीय संघ पर 20% टैरिफ लगाया गया है। इस बीच पिछले सप्ताह ट्रंप ने चीन पर 34% टैरिफ की घोषणा की थी। यह इस साल की शुरुआत में लगाए गए 20% शुल्क के अतिरिक्त था।

वॉशिंगटन: जवाबी टैरिफ को लेकर चीन की ओर से दी गई धमकी का डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब दिया है। अमेरिका ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि नई टैरिफ दरें आज रात 12.01 बजे (अमेरिकी समयानुसार) से लागू होंगी।

दरअसल टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका ने चीन पर 34 फीसदी टैरिफ लगाया था। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 34 फीसदी टैरिफ लगा दिया था। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को धमकी दी थी कि अगर चीन कल, 8 अप्रैल, 2025 तक अपने पहले से ही दीर्घकालिक व्यापार दुरुपयोगों से ऊपर 34% की वृद्धि को वापस नहीं लेता है, तो अमेरिका चीन पर 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होगा। इसके अतिरिक्त चीन के साथ सभी वार्ताएं भी रद्द कर दी जाएंगी। इसके जवाब में चीन ने धमकी दी थी कि अमेरिका की ओर से चीन पर तथाकथित जवाबी टैरिफ लगाना पूरी तरह से निराधार और एकतरफा उकसावे वाला व्यवहार है। इस वजह से हमने भी जवाबी टैरिफ लगाया है। आगे और टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते 180 से ज़्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप के इस फैसले का जवाब देते हुए चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया, जिसके बाद से टैरिफ वॉर शुरू हो गया। अब अमेरिका ने चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस बीच ईयू यानि यूरोपीय संघ ने कई अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी की है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ईयू ने सोमवार को कुछ अमेरिकी सामान पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। मीडिया रिपोर्टस में दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि कुछ सामान पर टैरिफ 16 मई से प्रभावी हो जाएगा। जबकि, कुछ अन्य पर भी इस साल से लागू होगा। इनमें हीरे, अंडे, डेंटल फ्लॉस, पोल्ट्री समेत कई चीजें शामिल हैं। खबरें हैं कि सदस्य देशों की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद इस लिस्ट में से कुछ चीजों को हटाया गया है। यूरोपीय संघ ने सोमवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को हटाने के लिए जवाबी कार्रवाई की जगह बातचीत को प्राथमिकता दी जाएगी।

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