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नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते 180 से ज़्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप के इस फैसले का जवाब देते हुए चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया, जिसके बाद से टैरिफ वॉर शुरू हो गया। अब अमेरिका ने चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस बीच ईयू यानि यूरोपीय संघ ने कई अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी की है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ईयू ने सोमवार को कुछ अमेरिकी सामान पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। मीडिया रिपोर्टस में दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि कुछ सामान पर टैरिफ 16 मई से प्रभावी हो जाएगा। जबकि, कुछ अन्य पर भी इस साल से लागू होगा। इनमें हीरे, अंडे, डेंटल फ्लॉस, पोल्ट्री समेत कई चीजें शामिल हैं। खबरें हैं कि सदस्य देशों की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद इस लिस्ट में से कुछ चीजों को हटाया गया है। यूरोपीय संघ ने सोमवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को हटाने के लिए जवाबी कार्रवाई की जगह बातचीत को प्राथमिकता दी जाएगी।

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनियाभर में हलचल का दौर जारी है। ट्रंप ने दो अप्रैल की घोषणा में चीन समेत 180 देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया। इस टैरिफ को लेकर ट्रंप ने चीन को दो टूक चेतावनी दी। अब इस पर चीन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। चीनी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद चीन ने ‘‘अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक जवाबी कदम उठाने’’ की योजना बनाई है।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका द्वारा चीन पर ‘‘तथाकथित जवाबी शुल्क’’ लगाए जाने का कदम ‘‘पूरी तरह से निराधार है और यह एकतरफा धमकाने का चलन है।’’ चीन ने जवाबी शुल्क लगाया है तथा मंत्रालय ने संकेत दिया कि और भी शुल्क लगाए जा सकते हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘चीन द्वारा उठाए गए जवाबी कदमों का उद्देश्य अपनी संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास संबंधी हितों की रक्षा करना और सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखना है। ये कदम पूरी तरह से वैध हैं।’’

वाशिंगटन: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 अप्रैल,2025) को मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

पाकिस्तानी मूल का 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट की सर्किट जस्टिस एलेना कागन के समक्ष बदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था।

पिछले महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद राणा ने अपने इस आवेदन को नवीनीकृत किया और अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन प्रधान न्यायाधीश रॉबर्ट्स को भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पोस्ट एक आदेश में कहा गया है कि राणा के नवीनीकृत आवेदन को चार अप्रैल 2025 की बैठक के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद से ही पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है। न सिर्फ दूसरे देश के लोग बल्कि अब तो अमेरिका के नागरिक और नेता भी ट्रंप के खिलाफ होते दिख रहे हैं। अमेरिका के 50 राज्यों में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग ट्रंप की टैरिफ नीति का विरोध करते हुए- 'ट्रंप-मस्क गो बैक' के नारे लगा रहे हैं।

ट्रंप का विरोध टैरिफ की वजह से हो रही छटनी, अर्थव्यवस्था और मानवाधिकार के मुद्दे पर हो रहा है। जहां कुछ ही वक्त पहले ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर अमेरिकी जनता जश्न मना रही थी, वहीं अब सिविल राइट्स ग्रुप, श्रमिक संघ, एलजीबीटीक्यू और महिला अधिकारों से जुड़े ग्रुप ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उनका विरोध कर रहे हैं।

ट्रंप के खिलाफ 1200 से अधिक जगहों पर प्रदर्शन

शनिवार को ट्रंप के खिलाफ 1200 से अधिक जगहों पर प्रदर्शन हुए. इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों को सड़कों पर देखा गया। बीते पांच अप्रैल को 'हैंड्स ऑफ' प्रोटेस्ट प्रदर्शन शुरू हुआ था।

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