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नई दिल्ली: भाजपा के हमलों से अविचलित पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में दूसरे हलफनामे का आज (सोमवार) समर्थन किया और जोर देकर कहा कि वह ‘बिल्कुल सही’ था और और तत्कालीन मंत्री के तौर पर ‘मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।’ पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने हलफनामा मुद्दे से स्वयं को अलग कर लिया है जबकि वह ‘समान रूप से जिम्मेदार’ हैं। पिल्लई ने कहा है कि हलफनामा बदलने का निर्णय ‘राजनीतिक स्तर’ पर लिया गया। चिदंबरम ने साथ ही अफजल गुरू को फांसी के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों को उचित ठहराया। ‘मैं उस समय सरकार का हिस्सा था। मैं स्वयं को सरकार से अलग कैसे कर सकता हूं।’ उन्होंने हलफनामा मुद्दे पर विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मामले में दूसरा हलफनामा इसलिए दायर किया गया क्योंकि पहला ‘अस्पष्ट’ था।

नई दिल्ली: विपक्ष ने आज (सोमवार) बजट की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इसे किसानों के अनुकूल बताना ‘सिर्फ जुमलेबाजी’ है और ‘खोखले वादों’ से सरकार किसानों को ‘मुर्ख’ नहीं बना सकती। वहीं भाजपा ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत के लिए किए उपाय ‘ऐतिहासिक’ हैं। कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह रोजगार सृजन सहित आर्थिक चुनौतियों को दूर करने के लिए ‘तत्काल प्रोत्साहन प्रदान करने में नाकाम रहा है।’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इसमें किसी ‘बड़े विचार’ का अभाव है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बजट में ‘दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता’ दोनों का अभाव है। उन्होंने कहा कि ‘पिछले दो बजटों में किए गए बड़े-बड़े वादों की नाकामी’ पर गौर किए बिना नए वादे किए गए हैं। राहुल ने ट्वीट किया, ‘मोदीजी ने पहले दो साल ग्रामीण विकास और सामाजिक व्यय, मनरेगा और किसानों पर कांग्रेस पार्टी के ध्यान केंद्रित करने का उपहास किया। अब सिर्फ जुमलेबाजी, बिना दृष्टि और कार्रवाई के न तो किसान और न ही इस देश के गरीब मूर्ख बनेंगे।’

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि पार्लियामेंट (संसद) अब थिएटर बन गई है। सिब्बल ने मध्यप्रदेश की राजधानी में 'संविधान और देशभक्ति' पर आयोजित टॉक-शो में हिस्सा लिया और वहां से कांग्रेस दफ्तर गए। संवाददाताओं से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, पहले हम थिएटर (नाटक) में जो कुछ देखते थे, अब पार्लियामेंट में देखने को मिलता है। संसद वह जगह है, जहां ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, जिससे देश आगे बढ़ सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हैं। वह अब भी देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि संघ के प्रचारक की तरह ही काम कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा, वह देश के प्रधानमंत्री के नजरिए से नहीं देखे जाएंगे, मुझे इस बात की चिंता है। उन्होंने कांग्रेस पर किए जा रहे शाब्दिक हमलों और उपयोग में लाई जा रही 'भाषा' पर भी सवाल उठाया और कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो हमें अपने संविधान को अपनाना होगा।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया, साथ ही लोकसभा में थोड़ी देर तक हंगामा किया। यह घटना तब घटी, जब वित्तमंत्री अरुण जेटली वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करने के लिए खड़े हुए। सदन की बैठक जैसे ही शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जेटली को बजट पेश करने को कहा। तभी कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल खड़े हो गए और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से यह बताने को कहा कि एचआरडी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का क्या हुआ? वेणुगोपाल ने कहा, "आम बजट के दिन ऐसा करना मेरे लिए दुखद है। मैंने एचआरडी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया है।" इसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व पार्टी के अन्य सदस्य भी खड़े हो गए और उन्होंने उस नोटिस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने आपत्ति जताते हुए कहा, "बहुत ही घटिया राजनीति,कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाना चाहिए।" शोरगुल के बीच महाजन ने उत्तेजित सदस्यों से कहा कि हंगामा नहीं करें और मंत्री को बजट पेश करने दें।

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