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नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी दलों ने मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव का मुद्दा उठाया गया और निर्वाचन आयोग से इस ‘गड़बड़ी’ की जांच करने तथा तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे का उठाते हुए कहा कि यह एक प्रश्न ऐसा है जो पिछले कुछ वर्षों से ना सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिक को भी उद्वेलित कर रहा है। इससे पहले, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) के मुद्दे पर नियम 267 के तहत उच्च सदन में तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की थी लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इससे संबंधित सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।

उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने जिस ईपीआईसी के मुद्दे पर नोटिस दिए हैं, उसी मुद्दे को अन्य माध्यमों से उठाने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं और उन्हें स्वीकार भी किया गया है। इस पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके लिए सिर्फ तीन मिनट अपर्याप्त हैं।

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों के बीच मंगलवार को चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से चुनावी पंजीकरण अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर ‘‘किसी भी अनसुलझे मुद्दे’’ के लिए 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को अलग-अलग लिखे पत्र में पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ "परस्पर सुविधाजनक समय पर बातचीत करने का सुझाव दिया है, ताकि स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके।"

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह आयोग के एक सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से बातचीत करें।

नई दिल्ली: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच आज को बहस हो गई। उपसभापति की ओर से जब खड़गे को बोलने से रोका गया तो उन्होंने कहा कि यहां तानाशाही चल रही है। इस पर चेयर की ओर से उन्हें फिर टोका गया तो खड़गे ने कहा कि क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। सरकार को ठोकेंगे। जेपी नड्डा ने इसे चेयर का अपमान बताया।

जेपी नड्डा ने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान नेता विपक्ष, जिनका विधानसभा और संसद में लंबा और अनुभवी कार्यकाल रहा है, जिन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी को लीड किया है। उन्होंने इस तरह की भाषा इस्तेमाल किया। यह बेहद निंदनीय है। चेयर के प्रति जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया है, वो अस्वीकार्य है। वो माफी योग्य नहीं है। फिर भी एलओपी को माफी मांगनी चाहिए और अपने शब्दों को वापस लेना चाहिए।'

खड़गे ने चेयर से मांगी माफी

सदन में बवाल बढ़ने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेयर से माफी मांगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'मैं माफी चाहता हूं।

नई दिल्ली: करीब एक महीने के अंतराल के बाद संसद के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले ही दिन कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस देखने को मिली है। वहीं लोकसभा में कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक मांग रखी कि 'पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। सभी विपक्षी दल वोटर लिस्ट पर सवाल उठा रहे हैं। अब पूरा विपक्ष बस यही कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर चर्चा होनी चाहिए।'

'हर राज्य में विपक्ष ने एक स्वर में सवाल उठाए हैं': राहुल 

राहुल गांधी ने सदन में यह मामला उठाते हुए कहा, 'हम आपकी टिप्पणी को स्वीकार करते हैं कि सरकार मतदाता सूची नहीं बनाती है। लेकिन हम इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं।' उन्होंने कहा, 'देश भर में मतदाता सूची पर सवाल उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र समेत हर राज्य में विपक्ष ने एक स्वर में सवाल उठाए हैं।'

वहीं इस मामले में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, चुनाव आयोग सरकार के हाथ में है... अगर लोकतंत्र ऐसे ही चलता रहा और चुनाव आयोग सरकार के लिए पैरवी करता रहा तो जो नतीजे आएंगे वो आपके सामने हैं।

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