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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार डेटा संरक्षण के नाम पर सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी और ऐसे प्रयास के खिलाफ संसद से सड़क तक आवाज उठाएगी।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "एक तरफ भ्रामक प्रचार और दुष्प्रचार में भारत पिछले वर्षों से शीर्ष स्थान पर आ रहा है, दूसरी तरफ मोदी सरकार कांग्रेस-यूपीए द्वारा लागू किए गए सूचना का अधिकार कानून को, डेटा संरक्षण कानून लाकर कमजोर करने पर तुली हुई है।"

उन्होंने कहा कि चाहे सार्वजनिक क्षेत्र की जानकारी जैसे राशन कॉर्ड की सूची, मनरेगा के लाभार्थी मजदूर, जन-कल्याण की योजनाओं में शामिल लोगों के नाम, चुनाव में मतदाता सूची, या फिर सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले घोटालेबाज अरबपतियों के नाम हों, ये सब जनता के लिए सार्वजनिक रूप से सामने होना जरूरी है।

नई दिल्ली: तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषा का विवाद एक बार फिर तूल पकड़ चुका है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राज्य पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए सख्त विरोध जताया है। इसके अलावा केरल और कर्नाटक में भी हिंदी भाषा का विरोध किया जा रहा है। तमिलनाडु में हिंदी विरोधी भावना आजादी के आंदोलन के दौरान की है।

1930 के दशक में जब मद्रास प्रेसीडेंसी में तब की कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में हिंदी को एक विषय बनाने का प्रस्ताव पेश किया, तो ईवी रामासामी और जस्टिस पार्टी ने इसका विरोध किया। यह आंदोलन करीब तीन साल तक चला, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इसके बाद 1946 से लेकर 1950 के बीच हिंदी विरोधी अभियान का दूसरा चरण आया। इस दौरान सरकार ने स्कूलों में हिंदी लाने की जब-जब कोशिश की, तब-तब विरोध शुरू हो जाता। एक समझौते के तहत सरकार ने हिंदी को वैकल्पिक विषय बना दिया, जिसके बाद विरोध कुछ कम हुआ।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को दावा किया कि सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि सरकार की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना में 455 करोड़ रुपये ‘गायब’ हो गए हैं। उनके इस दावे पर फिलहाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

आरटीआई से खुलासा, खड़गे ने महिला सुरक्षा पर बीजेपी को घेरा

खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘सूचना का अधिकार कानून से खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना में 455 करोड़ रुपये ‘गायब’ हो गए हैं। ‘बहुत हुआ नारी पर वार’ वाले भाजपाई विज्ञापन की गूंज पिछले 10 वर्षों से उन सभी महिलाओं की चीखों का उपहास उड़ा रही है, जो बीजेपी राज में और कभी-कभी बीजेपी के गुंडों द्वारा प्रताड़ित हुईं हैं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘हाल में पुणे में सरकारी बस में एक महिला का बलात्कार हो या मणिपुर और हाथरस की हमारी बेटियां हों, या फिर महिला ओलिंपिक चैम्पियन हों, बीजेपी राज में महिला सुरक्षा का नामोनिशान नहीं बचा है।’’

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र के पुणे के स्वारगेट बस डिपो में एक बस के अंदर महिला से कथित रेप के मामले में आरोपी की तलाश तेज हो गई है। देशभर में फरार अपराधी के लिए सख्त सजा की मांग बढ़ रही है, इस बीच भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने भी प्रतिक्रिया दी है।

पूर्व चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार (27 फरवरी,2025 ) को कहा कि निर्भया कांड के बाद कानूनों में कई सुधार हुए, लेकिन केवल कानून बनाने से ऐसे अपराधों को रोका नहीं जा सकता।

महिलाओं के लिए बनाए कानूनों का सही क्रियान्वयन होना चाहिए: चंद्रचूड़

उन्होंने कहा, "महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों का सही तरीके से क्रियान्वयन होना चाहिए। महिलाएं जहां भी जाएं, उन्हें सुरक्षित महसूस करना चाहिए। ऐसे मामलों में उचित जांच, कड़ी कार्रवाई, त्वरित सुनवाई और सजा होना जरूरी है।" उन्होंने पुलिस और न्याय व्यवस्था पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया।

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