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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार (25 नवंबर) को एग्रीकल्चर, इनोवेशन, एजुकेशन, एनर्जी और बुनियादी ढांचे से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। इन फैसलों का उद्देश्य सतत विकास को बढ़ावा देना, उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों तक पहुंच को बढ़ाना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को प्रमुख फैसलों की जानकारी दी।

कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दे दी है, जो कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना है। 2,481 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, इस मिशन का उद्देश्य रसायन मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों को सुनिश्चित करना है। इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में कैबिनेट ने 31 मार्च, 2028 तक कार्यान्वयन के लिए 2,750 करोड़ रुपये के बजट के साथ एआईएम 2.0 को हरी झंडी दे दी। यह पहल स्टार्टअप, अनुसंधान और विकास का समर्थन करके भारत के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करेगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि कल भारत के संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में मनाई जाएगी, जिसका नाम अब संविधान भवन रखा गया है। ​

जयराम रमेश ने आगे लिखा, दरअसल आज 25 नवंबर को संविधान सभा में डॉ. अंबेडकर के उस ऐतिहासिक भाषण की 75वीं वर्षगांठ है, जिसमें उनकी अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार संविधान के मसौदे को अपनाने की सिफ़ारिश की गई थी।

उस भाषण में डॉ. अंबेडकर की निम्न बातें हमेशा याद रहेंगी:-

"संविधान सभा भानुमति का कुनबा होती, एक बिना सीमेंट वाला कच्चा फुटपाथ, जिसमें एक काला पत्थर यहां और एक सफेद पत्थर वहां लगा होता और उसमें प्रत्येक सदस्य या गुट अपनी मनमानी करता तो प्रारूप समिति का कार्य बहुत कठिन हो जाता। तब अव्यवस्था के सिवाय कुछ न होता। अव्यवस्था की संभावना सभा के भीतर कांग्रेस पार्टी की उपस्थिति से शून्य हो गई, जिसने उसकी कार्रवाईयों में व्यवस्था और अनुशासन पैदा कर दिया।”

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने गौतम अडानी और संभल हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी मामले पर चर्चा की मांग की, लेकिन राज्यसभा सभापति ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी। हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 11.45 तक स्थगित कर दी।

उधर, लोकसभा में अडानी और संभल हिंसा को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

एक बार स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 11.45 बजे फिर से शुरू हुई, लेकिन विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। कल यानि मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी। ऐसे में अब बुधवार को फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद का शीतकालीन सत्र आज (सोमवार, 25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। इस सत्र में सरकार की घेराबंदी के लिए विपक्षी दल सुबह दस बैठक करेंगे। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में इंडिया गठबंधन के संसद के नेता रणनीति बनाएंगे।

विपक्ष की सबसे बड़ी मांग अडानी समूह पर अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर सदन में चर्चा करने की होगी। इस मुद्दे को कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक मे भी उठाया है। इससे साफ है कि विपक्ष शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे को उठाएगा, जिससे संसद सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। हालांकि देखना होगा कि अडानी पर लगे नए आरोपों को लेकर डीएमके और शरद पवार की एनसीपी का क्या रुख रहता है?

पिछले साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग के खुलासों के बाद से ही इंडिया गठबंधन अडानी समूह के वित्तीय मामलों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग करता आया है। अडानी पर अमेरिका में लगे ताजा आरोपों के बाद कांग्रेस के तेवर आक्रामक हैं। राहुल गांधी अडानी की गिरफ्तारी की मांग तक कर चुके हैं।

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