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चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के हक में आज पूरे पंजाब में रेलें रोकी जाएंगी। हर जिले में किसान दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल पटरियों पर धरना देंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को 22 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक किसानों से बात नहीं की। मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डीरेल करना चाहती है।

कमेटी की ओर से बुलाई बैठक में जाने से किसानों का इंकार 

पंधेर ने कहा कि कुछ मीडिया वालों की तरफ से किसानों की दोनों यूनियनों को अलग-अलग बताया जा रहा है, जोकि सरासर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। किसान एकजुट हैं और मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। पंधेर ने आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों की आवाज संसद में नहीं उठा रहा है, जिससे किसानों की समस्याएं अनसुनी हो रही हैं। पंधेर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाया और पूछा कि वे किसानों के लिए क्या कर रहे हैं? किसानों ने सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के साथ बैठक से इंकार कर दिया है।

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के हक में बुधवार को पूरे पंजाब में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। पंजाब के हर जिले में 18 दिसंबर को किसान रेल पटरियों पर धरना देंगे। किसानों के इस आंदोलन के चलते आमजन को खासी परेशानी होने वाली है।किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अ नशन को 22 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक किसानों से बात नहीं की। मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डीरेल करना चाहती है।

पंधेर ने कहा कि एक दिन पहले सोमवार को हरियाणा और अन्य राज्यों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला, उनका धन्यवाद करते हैं। अब 18 दिसंबर (बुधवार) को रेल रोको आंदोलन को लेकर पूरा पंजाब एकजुट हो गया है। बुधवार को दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल ट्रैक को अवरुद्ध किया जाएगा। जहां-जहां रेल ट्रैक और स्टेशन हैं वहां वहां लाखों लोग निकलें और अपने पंजाबी किसानों का साथ देने पहुंचे। रेलों का पूरी तरह से चक्का जाम करे ताकि केंद्र सरकार की जड़ें हिल जाएं।

चंडीगढ़: हरियाणा-पंजाब की सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने अपने खून से हस्ताक्षर किए हैं। डल्लेवाल ने लेटर में लिखा कि या तो 2011 में किया वादा पूरा करें या फिर मेरी कुर्बानी लेने के लिए तैयार रहें। अगर मेरी मौत हुई तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी।

मांगों को लेकर किसानों का तेज हुआ आंदोलन

डल्लेवाल के इस पत्र के बाद किसानों ने भी आंदोलन को और तेज करने की घोषणा कर दी। अब शुक्रवार को देश भर में किसान केंद्र व राज्य सरकारों के पुतले जलाएंगे। इसी दिन राकेश टिकैत सहित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बड़े नेता भी खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मुलाकात करेंगे।

मोर्चे के दस माह पूरे होने पर शंभू बॉर्डर पर भी शुक्रवार को बड़ा आयोजन करने का एलान किया गया है। अगले दिन 14 दिसंबर को शंभू बार्डर से किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा। 16 दिसंबर को देश भर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और 18 दिसंबर को पंजाब को छोड़ सभी राज्यों में ट्रेनें रोककर रेल यातायात जाम किया जाएगा।

चंडीगढ़: पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू करेंगे क्योंकि वार्ता के लिए सरकार की ओर से अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की मंगलवार को हुई बैठक में मार्च के संबंध में निर्णय लिया गया।

पंधेर ने प्रदर्शन स्थल शंभू सीमा पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम नहीं चाहते थे कि किसानों पर यह आरोप लगाया जाए कि वे वार्ता करके कोई रास्ता नहीं निकालना चाहते। हमने समय दिया...लेकिन सरकार (केंद्र) की ओर से वार्ता के लिए कोई संदेश नहीं आया है।'

उन्होंने कहा, ‘‘अब दोनों संगठन ने निर्णय लिया है कि 101 किसानों का हमारा अगला जत्था 14 दिसंबर को दिल्ली (शंभू सीमा से) के लिए कूच करेगा।''

पंधेर ने सोमवार को आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार किसानों के राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च निकालने के तरीके को लेकर असमंजस में है।

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