ताज़ा खबरें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 संवैधानिक प्रश्‍नों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी
जम्मू-कश्मीर के त्राल में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी किया ढेर

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री और पीपुल्स कॉन्फ्रेन्स के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि उनका दौरा राजनीति की पराकाष्ठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों की बढ़ी हुई राजनीतिक गतिविधियों के कारण ही जिला विकास परिषद (डीडीसी) के फंड नीचे नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि अधिकारी केवल मंत्रियों के दौरे मैनेज करने और उनसे मिलने में व्यस्त हैं और विकास का काम नहीं कर रहे हैं।

एक चैनल से बात करते हुए बेग ने मौजूदा वित्त वर्ष में फंड का इस्तेमाल नहीं होने पर भी चिंता जताई और कहा कि अब साल खत्म होने जा रहा है, इसलिए फंड का तुरंत इस्तेमाल होना चाहिए, वरना ये बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये गतिविधि तीन-चार महीने पहले हो जानी चाहिए थी।

बेग ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधि को धीरे-धीरे शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हलचल को जोर से धक्का देकर शुरू नहीं किया जा सकता।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आज शनिवार (23 अक्टूबर) को श्रीनगर पहुंच रहे हैं। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान शाह पहले दिन श्रीनगर में सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। शाह की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब कश्‍मीर में आतंकियों ने हाल के दिनों में आम नागरिकों को हमलों का निशाना बनाया है।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद शाह की यह पहली यात्रा है। इससे पहले शाह ने 2019 में गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक बाद राज्य का दौरा किया था। उन्होंने तब अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा की थी और केंद्रीय योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "शाह शनिवार को श्रीनगर में सुरक्षा और विकास संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे और रविवार को जम्मू में एक जनसभा करेंगे।"

जम्मू: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में छापा मारा। इसमें सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए कई आतंकवादियों के आवास भी शामिल हैं। एनआईए ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। घाटी में आम नागरिकों की हत्या के सिलसिले में एनआईए लगातार कार्रवाई कर रही है। जिन लोगों या संदिग्धों के ठिकानों पर छापे पड़े हैं, उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकियों की मदद करने का आरोप हैं।

कश्मीर में मारे गए नागरिकों के पीछे नए आतंकी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है। हालांकि द रेजिस्टेंस फ्रंट, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट आदि छोटे समूहों को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे बड़े आतंकी संगठनों द्वारा खड़ा किया गया है।

पाकिस्तान, इन छोटे समूहों को खड़ा कर खुद की छवि को यह कह कर बचाने का प्रयास कर रहा है कि कश्मीर की इन टागरेट किलिंग में उसका हाथ नहीं है।

जम्मू: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रजनी पाटिल ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने के केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के दावे बेगुनाहों के खिलाफ जारी हिंसा की घटनाओं से ''खोखले'' साबित हुए हैं। कांग्रेस के एक प्रवक्ता के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के लिए पार्टी प्रभारी पाटिल ने यहां पहुंचकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।

कांग्रेस नेता ने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के घाटी में सब कुछ सामान्य होने के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए हैं और निर्दोषों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को दिन-प्रतिदिन आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर मारा जा रहा है, जो बहुत ही गंभीर और चौंकाने वाला है।"

पाटिल ने पुंछ जिले के मेंढर और सुरनकोट के अलावा राजौरी जिले के थानमंडी के वन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों के एक अभियान में दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) सहित नौ जवानों की मौत पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन निर्दोष लोगों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख