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जम्मू-कश्मीर के त्राल में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी किया ढेर

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पिछले छह दिनों में कश्मीरी पंडित, सिख और मुस्लिम समुदायों के लोगों सहित सात नागरिकों की हत्या के जवाब में सुरक्षा बलों ने 700 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों में से कईयों के प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समूह से संबंध हैं या वे संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की लिस्ट में हैं। ये श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम और दक्षिणी कश्मीर के अन्य क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्हें (कश्मीर) घाटी में हो रहे हमलों को लेकर हिरासत में लिया गया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद कट्टरपंथ में इजाफे की वजह से भी हमले हो सकते हैं और हत्यारे 'आसान' टारगेट्स को निशाने पर ले रहे हैं।

लगातार हो रही हत्या की घटनाओं को लेकर कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर तनाव पहले से ही है। विपक्षी नेताओं और स्थानीय लोगों ने हमलों को रोकने में प्रशासन की नाकामी को लेकर निशाना साधा हैै। सबसे हालिया मौतें दो सरकारी शिक्षकों- सुंदर कौर (एक सिख) और दीपक चंद (एक हिंदू) की थीं।

नई दिल्ली: कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना को चिट्ठी लिखकर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

अपने पत्र में वकील विनीत जिंदल ने कश्मीर में रह रहे सिखों और हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू और सिखों की हत्या के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है। अपने पत्र में जिंदल ने मृत लोगों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।

जिंदल ने सीजेआई को लिखे अपने पत्र में कहा है, "कश्मीर घाटी में हत्या की हालिया घटनाओं, विशेष रूप से लक्षित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों की हत्या, ने एक बार फिर से साल 2000 में अनंतनाग के छत्तीसिंहपोरा गांव में हुई 36 सिखों के नरसंहार की भीषण घटना की याद दिला दी है।"

पिछले पांच दिनों में कश्मीर घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुयी है, जिनमें से छह की हत्या शहर में हुई है।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक बार फिर से आतंकवादियों की ओर से सामान्य नागरिकों की हत्या किए जाने की खबर आई है। गुरुवार की सुबह श्रीनगर के सैदपोरा में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित और सिख टीचर की हत्या कर दी है। यह हमला तब हुआ है, जब अभी दो दिन पहले ही श्रीनगर की मशहूर फार्मेसी के मालिक एक बुजुर्ग केमिस्ट की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 68 साल के माखनलाल बिंदरू की मंगलवार को उनके व्यवसायकि परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

बीते एक हफ्ते में आतंकवादियों ने श्रीनगर में लगभग 7 नागरिकों की हत्या की है. मंगलवार को कश्मीर पंडित माखनलान बिंदरू की हत्या का मामला तेजी से उठ रहा है क्योंकि वो वहां के बड़े व्यवसायी थे। बिंदरू 1990 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी वो कश्मीर में ही रहे और अपनी फार्मेसी चलाते रहे।

मंगलवार को ही श्रीनगर के लाल बाजार में आतंकी हमले में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता की हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान पुलिस ने वीरेंद्र पासवान के रूप में की है।

श्रीनगर: कश्मीर में एक घंटे के भीतर तीन अलग-अलग आतंकी हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक प्रमुख केमिस्ट, एक स्ट्रीट फूड विक्रेता और एक कैब ड्राइवर शामिल हैं। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि एक प्रमुख व्यवसायी और श्रीनगर के इकबाल पार्क में बिंदरू मेडिकेट फार्मेसी के मालिक 70 वर्षीय माखन लाल बिंदरू को उनकी फार्मेसी के अंदर बेहद पास से शाम 7 बजे के आसपास गोली मार दी गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे लेकिन हमलावर पहले ही भाग चुके थे। पुलिस ने कहा कि उसकी फार्मेसी के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है और तलाशी अभियान जारी है। कश्मीरी पंडित बिंदरू 1990 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी वो कश्मीर में ही रहे और अपनी फार्मेसी चलाते रहे।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की और "उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना" व्यक्त की। ''उन्होंने ट्वीट किया, "क्या भयानक खबर है! वह एक बहुत ही दयालु व्यक्ति थे।

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