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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 संवैधानिक प्रश्‍नों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी

जम्मू: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है। पूछताछ के लिए 15 मार्च को बुलाया है। वहीं बुधवार को महबूबा मुफ्ती ने विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि उनके पासपोर्ट का पुलिस सत्यापन नहीं किया जा रहा है। यह उनके अधिकारों का हनन है। इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। आखिरी बार वह वर्ष 2017 में विदेश यात्रा के तौर पर उमराह करने गई थीं।

उधर, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ईडी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें करीब 12 करोड़ रुपये मूल्य की उनकी रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्ति को जब्त किया गया है। पार्टी सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि ईडी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को यहां जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में दायर की गयी। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा ने उनकी ही पार्टी के कई लोगों को नाराज कर दिया है। इस टिप्‍पणी के कुछ दिनों के बाद आजाद से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्‍हें (आजाद को) गलत समझा गया। गौरतलब है कि आजाद ने जम्‍मू में एक बैठक में पीएम की प्रशंसा की थी, जहां वे और कांग्रेस के अंसंतुष्‍ट खेमे से जुड़े नेता, जिन्‍हें "​जी-23" का नाम दिया गया है, ने एक बैठक आयेाजित की थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने इस बैठक में कहा था, 'मैं कई नेताओं की बहुत सारी बातें पसंद करता हूं। मैं गांव से हूं और मुझे इस पर गर्व है। यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) भी गांव से है और चाय बेचा करते थे। हम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है लेकिन अपनी पहचान नहीं छुपाने के लिए मैं उनकी (पीएम की) सराहना करना हूं। आपने अपनी असलियत छिपाई तो आप एक ख्याली और बनावटी दुनिया में रहते हैं। आदमी को अपनी असलियत पर फख्र होना चाहिए।' हाल ही में राज्‍यसभा से रिटायर हुए कांग्रेस नेता आजाद का यह बयान पीएम की ओर से उन्‍हें दी गई भावनात्‍मक फेयरवेल के कुछ सप्‍ताह बाद सामने आया है।

जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि देश में विभाजनकारी ताकतों से लड़ने के लिए वह चाहते हैं कि कांग्रेस एकजुट और मजबूत रहे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आतंकवाद के मूल कारण पर चोट नहीं की की जाएगी तब तक आतंकवादी लोगों को अपना निशाना बनाते रहेंगे। अब्दुल्ला के बयान से एक दिन पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और 'समूह 23 के अन्य असंतुष्ट नेताओं ने यहां एक आयोजन में एकत्रित होकर पार्टी आला कमान को संदेश दिया था।

कश्मीरी पंडितों द्वारा आयोजित एक समारोह में अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ''मैं कांग्रेस को मजबूत देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस एक होकर देश में विभाजनकारी ताकतों से लड़े। कांग्रेस द्वारा देश की समस्याओं को सुलझाने का लोग इंतजार कर रहे हैं। यह इस राष्ट्र का अंग है और डेढ़ सौ साल पुरानी पार्टी है।'' शनिवार को जम्मू में कांग्रेस नेताओं के इकट्ठा होने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा, ''वह (आजाद) कांग्रेस का हिस्सा हैं और वह सभी हैं जो आए थे। वे पार्टी से बाहर नहीं हैं, वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।''

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी से नाराज बताए जा रहे 'ग्रुप-23' के नेताओं में शामिल और हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। आजाद शनिवार को जम्मू में पार्टी के अन्य असंतुष्ट नेता कपिल सिब्बल, राज बब्बर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के साथ दिखे थे। उन्होंने पीएम मोदी को जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताते हुए कहा है कि लोगों को उनसे सीखना चाहिए कि कामयाबी की बुलंदियों पर जाकर भी कैसे अपनी जड़ों को याद रखा जाता है। उन्होंने पीएम मोदी के बचपन में चाय बेचने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी असलियत नहीं छिपाई।

गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''बहुत से लीडरों की बहुत सी बातें अच्छी लगती हैं। मैं खुद गांव का हूं और बहुत फक्र होता है। हमारे पीएम मोदी भी कहते हैं गांव से हैं, कहते हैं कि बर्तन मांजता था, चाय बेचता था, निजी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन जो अपनी असलियत नहीं छिपाते, यदि आपने अपनी असलियत छिपाई तो आप मशीनरी दुनिया में जी रहे होते हैं।''

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