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इंचियोन (कोरिया): भारत के गगनजीत भुल्लर ने चौथे और अंतिम दौर पर चार अंडर 67 का स्कोर बनाकर यहां शिनहान डंगी ओपन का खिताब जीता और इस तरह से एशियाई टूर में छठी बार चैंपियन बने। भुल्लर ने चार दौर में 68, 66, 68 और 67 के कार्ड खेले। वह तीसरे दौर के बाद कल संयुक्त चौथे स्थान पर थे लेकिन आज के शानदार प्रदर्शन से टूर्नामेंट में उनका कुल योग 15 अंडर 269 रहा और उन्होंने इस दस लाख डालर इनामी प्रतियोगिता में जिम्बाब्वे के स्काट विन्सेंट और कोरियाई गोल्फर ताइवू किम पर एक शॉट से जीत दर्ज की। इससे पहले आखिरी बार 2013 में एशियाई टूर का खिताब जीतने वाले भुल्लर कलाई की चोट के कारण पिछले दो वषरें से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन कपूरथला के इस 28 वर्षीय गोल्फर ने आज बेहतरीन प्रदर्शन करके शानदार वापसी की और अपना सातवां अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। भुल्लर ने दिन की शुरुआत दूसरे होल में बर्डी बनाकर की लेकिन चौथे होल में बोगी करने से वह लेवल पार पर आ गये। इसके बाद उन्होंने छठे और सातवें होल में बर्डी बनाई। इनमें से दूसरी बर्डी उन्होंने 15 फीट दूरी से बनाई।

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को उम्मीद है कि जिन वचरुअल नेटवर्क कंपनियों (वीएनओ) ने उसके साथ गठजोड़ में रचि दिखाई थी वे जनवरी तक सेवाएं शुरू कर देंगी। बीएसएनएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव यह जानकारी दी।उन्होंने कहा,‘ हमने वचरुअल नेटवर्क इनेबलर (वीएनई) प्लेटफार्म स्थापित करने की इच्छुक कंपनियों को आमंत्रित करते हुए नोटिस जारी किया है। यह प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा,‘ अनेक कंपनियों ने वीएनओ के रूप में हमारे साथ काम करने की इच्छा जताई है। मुझे लगता कि है कि वीएनओ जनवरी तक अपनी सेवाएं शुरू कर देंगी।’ वीएनई प्लेटफार्म से वीएनओ के रूप में काम करने की इच्छुक कंपनियों को मदद मिलेगी। उन्हें बीएसएनएल नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए उपकरणों में अधिक निवेश नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘ वीएनई प्लेटफार्म वीएनओ के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ जैसा होगा।

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद रिटर्न फाइल करने तथा कर योजना को लेकर असमंजस को दूर करने को ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग पोर्टल क्लियर टैक्स मदद करेगी। क्लियरटैक्स जीएसटी व्यवस्था में व्यापारियों और कारोबारियों के लिए सलाहकार के रूप में काम करेगी और कारोबारियों तथा उद्योगों को रिटर्न जमा कराने में मदद करेगी। क्लियरटैक्स.कॉम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्चित गुप्ता ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती एक-डेढ़ साल दिक्कतें आ सकती हैं। ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग पोर्टल इसमें मदद के लिए एक मोबाइल एप पेश करेगी। सरकार का इरादा जीएसटी को एक अप्रैल, 2017 से लागू करने का है। नई व्यवस्था में पंजीकरण, रिटर्न फाइल करना और रिफंड का दावा सब कुछ ऑनलाइन होगा। गुप्ता ने कहा, ‘हम जीएसटी के लिए प्रौद्योगिकी आधार तैयार कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि कारोबारी और उद्योग अपने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म और सॉफ्टवेयर से अपना मासिक अनुपालन करें।’ फिलहाल क्लियर टैक्स लोगों तथा शेयर बाजारों के ब्रोकरों को अपना आयकर रिटर्न जमा करने में मदद करती है।

नई दिल्ली: टेलीविजन के दामों में वृद्धि के आसार हैं। बड़े विनिर्माता पैनल के दाम में वृद्धि को ग्राहकों पर हस्तांतरित करने के लिये कीमतों में 20 प्रतिशत तक वृद्धि पर विचार कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर मांग एवं आपूर्ति में अंतर के कारण कीमत वृद्धि की संभावना बनी है। पैनल के दाम में 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इसका कारण चीनी विनिर्माताओं द्वारा दाम में वृद्धि है जबकि अन्य दक्षिण कोरिया तथा ताइवान के आपूर्तिकर्ताओं ने टेलीविजन सेट के लिये छोटे स्क्रीन का विनिर्माण बंद कर दिया है। इसको देखते हुए पैनासोनिक पहले ही अपने सेट के दाम बढ़ा चुकी है, वहीं वीडियोकॉन, एलजी और सोनी स्थिति पर नजर रख रही हैं। पैनासोनिक इंडिया के प्रमुख (बिक्री और सेवा) अजय सेठ ने कहा, ‘डिस्प्ले पैनल की कम आपूर्ति के कारण हमने कीमत समीक्षा की है और हम पैनासोनिक टेलीविजन सेट की कीमत 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाएंगे। यह वृद्धि सभी स्क्रीन आकार पर लागू होगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा अनुमान है कि भारतीय ग्राहक बड़े स्क्रीन को पसंद करेंगे क्योंकि मौजूदा कीमत वृद्धि के बाद 32 इंच और 40 इंची के दाम में अंतर 4,000 रुपये रह जाएगा जो पहले 6,000 रुपये था।’ वीडियोकॉन के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सीएम सिंह ने कहा कि कीमत में सर्वाधिक वृद्धि 32 इंच के पैनल में हुई है। उसके बाद 40 इंच का स्थान है। उन्होंने कहा, ‘वास्तव में अक्तूबर में कमी और गहरा सकती है और पैनल के दाम में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।’ इसके कारणों के बारे में उन्होंने कहा, ‘छोटे स्क्रीन के लिये पैनल की आपूर्ति को लेकर कुछ ही कंपनियां हैं। कई कंपनियां छोटे स्क्रीन खंड से बाहर हो रही हैं।’

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