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नई दिल्ली: संकटग्रस्त कारोबारी विजय माल्या को यूनाइटेड ब्रेवरेजेस होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) का प्रधान अधिकारी बनाया गया है जो प्रबंध निदेशक की गैर-मौजूदगी में कंपनी का प्रबंधन देखेंगे। माल्या लंदन में हैं और भारत के अदालती सम्मनों से बच रहे हैं। वह वहीं से अपना काम देखेंगे। माल्या इस कंपनी के चेयरमैन हैं और भारत में विभिन्न बैंकों से लिए गए 9,000 करोड़ रूपये का बैंक कर्ज न चुकाने और कर्ज की हेराफेरी करने के मामले में वांछित हैं। यह ऋण उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया गया था। शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि कंपनी के निदेशक मंडल के चेयरमैन विजय माल्या को कंपनी का प्रधान अधिकारी बनाया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक की गैर मौजूदगी में वह कंपनी का कामकाज देखेंगे और उसके प्रदर्शन पर नजर रखेंगे।

नई दिल्ली: यूनियनों के कड़े विरोध को दरकिनार करते हुए श्रम मंत्रालय ने आज {गुरूवार) चालू वित्त वर्ष में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश की सीमा बढ़ाकर दोगुना यानी 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। इस तरह ईपीएफओ चालू वित्त वर्ष में शेयर बाजारों में 13,000 करोड़ रूपये का निवेश कर सकेगा। ईटीएफ में 2016-17 में ईपीएफओ की निवेश की सीमा निवेश योग्य आय का 10 प्रतिशत की गई है। 2015-16 में यह सीमा पांच प्रतिशत थी। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने ईपीएफओ की निवेश योग्य जमा का 10 प्रतिशत तक ईटीएफ में निवेश करने की सीमा के बारे में पहले ही अधिसूचना जारी कर दी है। ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ईटीएफ में 1,500 करोड़ रूपये का निवेश किया है। शेष छह महीने में वह 11,500 करोड़ रूपये का और निवेश ईटीएफ में करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या श्रम मंत्रालय ने इस बारे में ईपीएफओ न्यास की मंजूरी मांगी है, दत्तात्रेय ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में दो बार विचार विमर्श हो चुका है।

नई दिल्ली: कर विभाग ने आज जीएसटी रिटर्न व रिफंड पर नियमों व उनके प्रारूप के दो और मसौदे आज जारी किए। इसके तहत करदाता द्वारा करों, ब्याज व शुल्कों के रिफंड का दावा करने के लिए मासिक रिटर्न भरना होगा व तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। भागीदारों को उक्त मसौदा नियमों पर टिप्पणी के लिए कल तक का समय दिया गया है। इन नियमों को वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 30 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार जीएसटी का कार्यान्वयन एक अप्रैल 2017 से करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रिफंड के नियमों के तहत प्रत्येक पंजीकृत करदाता को एक तय फार्म (जीएसटीआर-3) में मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा। इसी तरह प्रत्येक पंजीकृत करदाता द्वारा सालाना रिटर्न इलेक्ट्रोनिक रूप से दाखिल करने का प्रावधान है। नियम के अनुसार कराधान के दायरे में आने वाले हर उस व्यक्ति को सालाना रिटर्न दाखिल करनी होगी जिसका कुल कारोबार किसी वित्त वर्ष में एक करोड़ रूपये से अधिक है। नांगिया एंड कंपनी के निदेशक (अप्रत्यक्ष काराधान) के अनुसार मसौदा नियम कंपोजिशन स्पलायरों द्वारा त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के तरीके व रूपरेखा, प्रवासी करदाता द्वारा रिटर्न भरने आदि के तरीकों को बताया गया है।

नई दिल्‍ली: मुंबई-न्यूयॉर्क विमान में सवार यात्री को बासी भोजन परोसने के मामले में शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने एयर इंडिया को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एयरलाइन द्वारा साल 2015 में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा, ''सेवा में कमी की प्रकृति'' इस तरह की है जिससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था। न्यायाधीश अजीत भरीहोक की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,''सेवा में कमी की प्रकृति और इस तथ्य के मद्देनजर कि इससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था, हमें राज्य स्तरीय आयोग का मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का आदेश गलत नहीं लगता है।'' महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग ने मुआवजे को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था। शिकायतकर्ता मालती मधुकर फहाड़े ने दावा किया था कि मुंबई से न्यूयॉर्क विमान में उन्हें बासी भोजन दिया गया था। इसके अलावा उनके चावल के कटोरे में एक बाल भी गिरा हुआ था। राज्य आयोग के आदेश को एयर इंडिया ने चुनौती दी थी।

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