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नई दिल्ली: अरबपति अनिल अंबानी के बड़े बेटे जय अनमोल आज रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल में बतौर अतिरिक्त निदेशक शामिल हुए। अनमोल (24) बीते दो साल यानी 2014 से ही रिलायंस कैपिटल के विभिन्न वित्तीय सेवा कारोबारों के साथ काम कर रहे थे। कंपनी के बयान के अनुसार चेयरमैन अनिल अंबानी के अलावा रिलांयस ग्रुप की इस वित्तीय सेवा इकाई से जुड़ने वाले अनमोल एकमात्र पारिवारिक सदस्य हैं। कंपनी की अगले महीने होने वाली सालाना आम बैठक में वे पूर्णकालिक कार्यकारी निदेशक बन जाएंगे। जय अनमोल कंपनियों की आतंरिक कारोबारी समीक्षा में सक्रियता से भाग ले रहे थे। वे रिलांयस लाईफ इंश्योरेंस में रिलायंस लाईफ इंश्योरेंस की भागीदारी बढाने संबंधी बातचीत में भाग ले रहे थे। रिलांयस कैपिटल के निदेशक मंडल की बैठक आज हुई जिसमें अनमोल को अतिरिक्त निदेशक बनाने को मंजूरी दी गई। अनमोल ने वारविक बिजनेस स्कूल (ब्रिटेन) से डिग्री ली है। रिलायंस कैपिटल का कारोबार 4000 करोड़ रुपये का है।

नई दिल्ली: काले धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार बड़ा फैसला करने जा रही है। सरकार 3 लाख रुपए से अधिक के नगद लेन-देन पर पाबंदी लगाएगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से काले धन की जांच को लेकर गठित एसआईटी ने 3 लाख रुपए से अधिक के नगद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। साथ ही एसआईटी ने कानून का उल्लंघन करने पर सजा के प्रावधान की भी बात कही थी। सरकार 3 लाख से ज्यादा के नगद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने पर इसलिए विचार कर रही है ताकि क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक या ड्राफ्ट्स के जरिए लेन-देन हो सके। साथ ही इसका आसानी से पता भी लगाया जा सके। वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत सरकारी सेवाओं के लिए ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं लेने की घोषणा की गई है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने नगदी रखने की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए तय करने की भी सिफारिश की थी। हालांकि इस पर फैसला करना बाकी है।' सुप्रीम कोर्ट ने काले धन पर मई 2014 में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमबी शाह इसके अध्यक्ष हैं, जबकि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजित पसायत उपाध्यक्ष हैं।

मुंबई: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर को लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि कर की कम दर और ज्यादा कर चोरी एक साथ नहीं चल सकती। जेटली ने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा, ‘यदि सभी करदाता अपने कर का भुगतान करें, तो इससे कर की दरों को और कम करने में मदद मिलेगी। जितनी ज्यादा कर चोरी और कर में छूट होगी उतनी ही उंची कर दरें होंगी। कर की दर भी कम हो और कर चोरी भी ज्यादा हो यह एक साथ नहीं चल सकता।’ भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलर ने जीएसटी के तहत प्रस्तावित दर 17 प्रतिशत रखने जाने की मांग की जिसके जवाब में जेटली ने यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि जितने ज्यादा लोग कर चोरी करेंगे उतना ही कर ढांचे में विसंगतियां होंगी। जीएसटी की प्रस्तावित एकीकृत कर प्रणाली में देश एकल बाजार में तब्दील हो जाएगा क्योंकि इससे देशभर में वस्तु और सेवाओं की आवाजाही बेरोकटोक हो सकेगी। जेटली ने कहा कि इसके लिए देशभर में एक समान कर की दर होनी चाहिये। जीएसटी के तहत कर की दरों को कम रखा जा सकेगा जिससे कारोबार करने की लागत कम होगी और अतत: उपभोक्ता के लिये भी दाम कम होगा। जेटली ने कहा, ‘आपको चाहिये कि एक व्यक्ति का कर मामले में एक बार ही आकलन होना चाहिये, उस पर विभिन्न राज्यों में अलग अलग कर प्राधिकरणों द्वारा आकलन नहीं किया जाना चाहिये। ऐसा होने पर ही कारोबार करना आसान होगा।’

नई दिल्ली: उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर होंगे। वह रघुराम राजन का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है। उर्जित पटेल फिलहाल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर हैं। उन्हें जनवरी में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में तीन साल का विस्तार दिया गया था। इस पद की दौड़ में कुछ और नाम भी शामिल थे, जिनमें विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम के नाम प्रमुख थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई के नए गवर्नर की नियुक्ति के विषय में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक घंटे तक विचार-विमर्श किया था, जिसके बाद आरबीआई प्रमुख के लिए पटेल के नाम पर सहमति बनी। पटेल लंदन स्कूल इकोनॉमिक्स से स्नातक है और फिर उन्होंने प्रितिष्ठिक येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। डॉ. राजन के करीबी सहयोगी माने जाने वाले पटेल उस समिति के अध्यक्ष रहे हैं, जिसने थोक मूल्यों की जगह खुदरा मूल्यों को महंगाई का नया मानक बनाए जाने सहित कई अहम बदलाव लाए।पटेल विद्युत मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विभाग में 1998 से 2001 के बीच सलाहकार के पद पर भी रह चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) में भी काम कर चुके है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बतौर डिप्टी गवर्नर पटेल मौद्रिक नीति, आर्थिक नीति रिसर्च, डिपोसिट इंश्योरेंस, कम्यूनिकेशन और राइट टू इंफोर्मेशन देख रहे हैं।

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